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इतिहास के पन्नों से

आर्य आक्रमण सिद्धांत : वक्त के साथ गिरती झूठ की दीवार

(लेखक- हृदयनारायण दीक्षित, उत्तर प्रदेश, विधानसभा अध्यक्ष) असत्य की उम्र नहीं होती, लेकिन प्रायोजित झूठ की बात दूसरी है। यह प्रायोजकों के बुद्धि कौशल से चर्चा में बना रहता है। राष्ट्रीय पमानजनक सत्य शूल की तरह हृदय में चुभते हैं। आर्य हमारे पूर्वज हैं। वे वैदिक संस्कृति, सभ्यता और दर्शन के जन्मदाता हैं। दुनिया के […]

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अमर बलिदानी रामप्रसाद बिस्मिल के ब्रह्मचर्य पर विचार (19 दिसंबर पर बलिदान दिवस पर विशेष)

(रामप्रसाद बिस्मिल दवारा लिखी गई आत्मकथा से साभार) ब्रह्मचर्य व्रत का पालन वर्तमान समय में इस देश की कुछ ऐसी दुर्दशा हो रही है कि जितने धनी तथा गणमान्य व्यक्ति हैं उनमें 99 प्रतिशत ऐसे हैं जो अपनी सन्तान-रूपी अमूल्य धन-राशि को अपने नौकर तथा नौकरानियों के हाथ में सौंप देते हैं । उनकी जैसी […]

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स्वामी श्रद्धानंद को सफलता कैसे मिली

संसार का भला करने वाले केवल वे मनुष्य नहीं हैं जो केवल विद्वान हैं और न वे मनुष्य हैं जो बड़े बड़े शब्द रटकर लम्बे लम्बे व्याख्यान दे सकते हैं क्योंकि वे मनुष्य जो कुछ कहते हैं उसको मन से अनुभव नहीं करते। उन ही मनुष्यों के जीवन से जगत का कल्याण हुआ है और […]

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कोच साम्राज्य की भव्यता की प्रति राजबाड़ी

हेमंत कुमार पाण्डेय चौंकाने या सम्मोहित करने के अलावा ऐतिहासिक राजनिवासों की यह विशेषता होती है कि वे आप को अतीत में ले जाकर खुद से आपकी जान-पहचान करवाते हैं. ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में स्थित राजबाड़ी की गोद में आकर आप महसूस कर सकते हैं. ब्रिटेन स्थित बकिंघम पैलेस की डिजाइन […]

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कांग्रेस ने नहीं, भारत की दो वीर बालिकाओं ने लिया था सरदार भगत सिंह की फांसी का प्रतिशोध

भारत का प्रतिशोधात्मक पराक्रम संसार में अनुपम और अद्वितीय है। विदेशी विधर्मियों ने हमें मिटाने का हर संभव प्रयास किया, परंतु हमारी जिजीविषा सदा प्रबल रही। राष्ट्रीय लोकजीवन में हमने कभी भी विदेशी विधर्मियों की विधर्मिता और नीचता से समझौता नहीं किया। जितना ही उन्होंने हमें कुचलने और दलने का प्रयास किया उतना ही हमने […]

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कुतुबुद्दीन और कुतुब मीनार के इतिहास का सच

उगता भारत ब्यूरो किसी भी देश पर शासन करना है तो उस देश के लोगों का ऐसा ब्रेनवाश कर दो कि वो अपने देश, अपनी संसकृति और अपने पूर्वजों पर गर्व करना छोड़ दें। इस्लामी हमलावरों और उनके बाद अंग्रेजों ने भी भारत में यही किया। हम अपने पूर्वजों पर गर्व करना भूलकर उन अत्याचारियों […]

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लद्दाख और जम्मू के साथ हुई धोखाधड़ी की कहानी

उगता भारत ब्यूरो हमारा इतिहास, हमारा वर्तमान तय करता है और वर्तमान भविष्य को गढ़ता है I जम्मू कश्मीर में 1947 के बाद का इतिहास तत्कालीन राजनेताओं द्वारा धोखे और छल से लिखा गया है I राज्य का परिसीमन भी इस छल कपट से अछूता नहीं रहा I इस लेख में हम आपको बताएँगे कि […]

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गांधी गॉडसे के बीच की खाई

उगता भारत ब्यूरो नाथूराम गोडसे के नाम और उनके एक काम के अतिरिक्त लोग उन के बारे में कुछ नहीं जानते। एक लोकतांत्रिक देश में यह कुछ रहस्यमय बात है। रहस्य का आरंभ 8 नवंबर 1948 को ही हो गया था, जब गाँधीजी की हत्या के लिए चले मुकदमे में गोडसे द्वारा दिए गए बयान […]

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नेहरू जनित विषाद का परिणाम थी बाबासाहेब अंबेडकर की मृत्यु

प्रवीण गुगनानी कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है। […]

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नेहरू और कांग्रेस ने महाराजा हरि सिंह की सुनी होती, तो अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का कभी हिस्सा न बनता

उगता भारत ब्यूरो जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला और जवाहरलाल नेहरु की जुगलबंदी ने जम्मू कश्मीर को एक ऐसी अंधी खाई में धकेल दिया, जिसका परिणाम हम आज अलगाववाद और आतंकवाद के रूप में देखते है. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो देसी रियासतों के सामने दो विकल्प थे, या तो वो पाकिस्तानी डोमिनियन […]

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