डॉ. राजेश कुमार मीणा यह जानना रोचक है कि छठी सदी में दो अवन्ति जनपद हुआ करती थी जिसमें उत्तर अवंति की राजधानी उज्जयिनी थी और दक्षिण अवंति की राजधानी महिष्मती हुआ करती थी। भण्डाकर का भी यही विचार है कि छठीं सदी ई.पू. दो अवन्ति जनपद थे। विक्रमादित्य ने भारत की भूमि को विदेशी […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
पंकज जायसवाल जब मुगल आक्रमणकारियों के शोषण, अन्याय, हमारी माताओं और बहनों पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार, प्राकृतिक संसाधनों को लूटने और हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को नष्ट करने के परिणामस्वरूप पूरा देश पीड़ित था। इस विनाशकारी अवधि के दौरान, एक गुलाम मानसिकता विकसित हुई जिसने कहा कि “कुछ नहीं किया जा सकता है।” […]
#डॉ_विवेक_आर्य 1920 के आरम्भ की बात है। महात्मा गाँधी ने देश के आज़ादी की लड़ाई के साथ मुसलमानों के खिलाफत आंदोलन को नत्थी कर दिया। यह मुसलमानों का निजी मामला था। गाँधी जी यह सोचते थे कि इससे भारतीय मुसलमान भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने लगेंगे। स्वामी श्रद्धानन्द भी उसी काल में राष्ट्रीय राजनीती […]
_________________________________________ सोचिए फांसी से पूर्व अच्छे-अच्छे की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है लेकिन बिस्मिल देशभक्ति ओज वीर रस से युक्त रचनाएं रच रहे हैं| इससे यह पता चलता है बिस्मिल कितने परिपक्व मानसिक तौर पर मजबूत थे| रामप्रसाद बिस्मिल महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ उच्च कोटि के साहित्यकार शायर भी थे उनकी रचनाएं मातृभूमि को […]
अध्याय 12 शेख – नेहरू की जोड़ी और कश्मीर कश्मीर का अब्दुल्ला परिवार प्रारंभ से ही भारत विरोधी नीतियों पर काम करता रहा है। वर्तमान समय में कश्मीर को दुर्दशाग्रस्त करने में इस परिवार का विशेष योगदान रहा है। नवयुवकों को भड़काकर उनसे पत्थरबाजी करवाना, जुलूस निकलवाना, मस्जिदों में भड़काऊ भाषण दिलवाने के लिए मुल्ला-मौलवियों […]
▪️1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे। सच्चाई – अंबेडकर ने अपनी सारी शैक्षणिक डिग्रीयां तीसरी श्रेणी में पास की। ▪️2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे! सच्चाई -जिस जमानें में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमानें में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है, वह भी कोट पैंट और टाई में! ▪️3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को […]
उगता भारत ब्यूरो तुलसीदास जी बहराइच में जारी इस “भेड़चाल के बारे में वे अपनी “दोहावली” में कहते हैं – लही आँखि कब आँधरे, बाँझ पूत कब ल्याइ । कब कोढ़ी काया लही, जग बहराइच जाइ॥ अर्थात “पता नहीं कब किस अंधे को आँख मिली, पता नहीं कब किसी बाँझ को पुत्र हुआ, पता नहीं […]
उगता भारत ब्यूरो मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट से खुलासा “जामिया मस्जिद का निर्माण टीपू सुल्तान ने अंजनेय मंदिर को ध्वस्त करने के बाद, उसके मलबे से भूतल को भरने के बाद करवाया था।” कर्नाटक के मांड्या जिले के श्रीरंगपट्ट्नम शहर में मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट […]
मुहम्मद का लिंग चमत्कार ! 9 Votes B.N. Sharma Represent: Dr. Santosh Rai यह एक अटल सत्य है कि “जैसी मति वैसी गति “अर्थात व्यक्ति जीवन जैसे विचार और आचार रखता है ,उसकी मौत भी वैसी ही होती है .मुसलमान भले मुहम्मद को रसूल और महापुरुष कहते रहें ,लेकिन वास्तव में वह एक अत्याचारी ,कामी […]
महान आसुरी संस्कृति — ——————– मुमताज महल से शाहजहाँ को इतना प्रेम था कि उसके मरने पर उसने उससे उत्पन्न १७ वर्ष की अपनी स्वयं की सगी बेटी जहाँआरा को ही अपनी बादशाह बेगम बना लिया था। यद्यपि शाहजहाँ की आठ बेगमों में से तीन जीवित थीं। किन्तु शाहजहाँ को १७ वर्ष की बेटी जहाँआरा […]