Categories
इतिहास के पन्नों से

नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने वाले मोहम्मद बिन बख्तियार खिलजी की ऐसे हुई थी मृत्यु

क्या आप जानते हैं कि विश्वप्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय को जलाने वाले जे हादी बख्तियार खिलजी की मौत कैसे हुई थी ??? असल में ये कहानी है सन 1206 ईसवी की…! 1206 ईसवी में कामरूप में एक जोशीली आवाज गूंजती है… “बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

बहुत महत्वपूर्ण योगदान है छत्तीसगढ़ का भारत की आजादी की लडाई में

शशांक शर्मा सामान्य तौर पर भारत में अंग्रेजी सत्ता के दो कालखंड रहे, पहले ईस्ट इंडिया कंपनी, जिसका शासन 1765 से 1858 तक रहा और फिर ब्रिटिश सरकार 1858 से 1947 तक जिसमें ब्रिटिश संसद के माध्यम से वहां की सरकार महाराजा या महारानी के नाम से शासन करती थी। इन दोनों कालखण्डों में भारतीय […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

किन परिस्थितियों में सरदार पटेल नहीं बन पाए थे देश के पहले प्रधानमंत्री ?

अनिल कुमार 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। यह इसलिए हुआ क्योंकि ब्रिटिश सरकार की तरफ से यह कैबिनेट मिशन प्लान था कि अंतरिम सरकार के तौर पर वॉयसराय की अध्यक्षता में एग्जिक्यूटिव काउंसिल बनेगी। कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष इस काउंसिल का वाइस प्रेसिडेंट बनेगा। आजादी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

हिन्दू नेताओं की मुस्लिमपरस्ती

———————————————— गत सौ सालों में अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी उग्रवाद को खाद-पानी देने में सब से बड़ी भूमिका भारत के हिन्दू नेताओं की है। पहली बार, 1920-22 में तुर्की में इस्लामी खलीफा की गद्दी बहाल करने का आंदोलन महात्मा गाँधी ने चलाया, जब कि खुद तुर्की और अरब में वातावरण खलीफा के विरुद्ध था। अंततः स्वयं तुर्की […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

1971 की भारत-पाक जंग , बांग्ला देश का उदय और भारत की मुक्ति वाहिनी सेना

अंकित सिंह 26 मार्च 1971 को बांग्लादेश की घोषणा हुई थी। हालांकि, उसके लिए आजादी की लड़ाई आसान नहीं थी। 9 महीने के संघर्ष के बाद 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेशी को आजादी मिली। 26 मार्च 1971 को जब बांग्लादेश की घोषणा हुई उसके बाद से पाकिस्तान का पूर्वी पाकिस्तान में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू हुआ। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

नेहरू और उनके शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की देन है भारतीय इतिहास का विकृतिकरण

भारतीय शिक्षा का विकृतीकरण नेहरू की एक मुख्य देन है. आइए इसपर विचार करें… नेहरु के शिक्षा मंत्री – 11 नवम्बर 1888 को पैदा हुए मक्का में, वालिद का नाम था ” मोहम्मद खैरुद्दीन” और अम्मी मदीना (अरब) की थीं। नाना शेख मोहम्मद ज़ैर वत्री ,मदीना के बहुत बड़े विद्वान थे। मौलाना आज़ाद अफग़ान उलेमाओं […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा कांग्रेस के इतिहास का काला सच, भाग – 7

दसवां प्रश्न कांग्रेस के पापों की कहानी का अंत यूं तो अभी बहुत समय पश्चात होना संभावित है परंतु जब धारा 370 को हटाया गया तो इसके एक बड़े पाप का निवारण उस समय अवश्य हो गया था। अब हम संविधान की आपत्तिजनक धारा 370 और 35a को हटाने की कहानी पर विचार करते हैं। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

दूरदूरदृष्टा सावरकर जी और भारत की आजादी का आंदोलन ———-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,महा मन्त्री,वीर सावरकर फ़ाउंडेशन

——————————————— आजकल दूरदर्शन पर डिबेट हो रहे हैं। जिसमें बड़े नामी लोग भाग लेते हैं। उनमें यह ही प्रश्न उठता है कि सावरकर ने जेल से छूटने के बाद कुछ नही किया,जेल में थे तो बार बार माफ़ी माँगते थे , इस प्रकार के बे सिरपैर के आरोप कई ऐसे सिरफिरे वीर सावरकर जी पर […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

क्यों करना चाहिए हमें भारतीय होने पर गर्व ? आइए, जानते हैं इतिहास के इन तथ्यों से

🕉️🕉️🕉️🙏✍️🙏🕉️🕉️🕉️। चलिए *हजारो साल* पुराना इतिहास पढ़ते हैं। *सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की *भीष्म प्रतिज्ञा* की। सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा..???* महाभारत […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की कॉन्ग्रेस के इतिहास का काला सच , भाग 6

हम सभी भली प्रकार जानते हैं कि महात्मा गांधी ने सरदार भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों को फांसी से बचाने का गंभीर प्रयास नहीं किया था । इसका कारण केवल एक था कि वह और उनकी पार्टी कांग्रेस इन क्रांतिकारियों को क्रांतिकारी या स्वाधीनता संग्राम का सेनानी न मानकर आतंकवादी मानती थी अर्थात क्रांतिकारियों […]

Exit mobile version