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महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-4)- शूरसेन महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो शूरसेन / सूरसेन / शौरसेनाई / शौरि महाजनपद शूरसेन महाजनपद उत्तरी-भारत का प्रसिद्ध जनपद था, मथुरा और उसके आसपास के क्षेत्र इस जनपद में शामिल थे,आधुनिक मथुरा नगर ही इसकी राजधानी था।प्राचीन मथुरा के आस-पास जो राज्य कायम हुआ, उसका पुराना नाम `शूरसेन’ मिलता है । यह नाम किस व्यक्ति विशेष के […]

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छत्रपति शिवाजी- एक महान मराठा शासक

उगता भारत ब्यूरो शिवाजी (पूरा नाम: ‘शिवाजी राजे भोंसले’, जन्म: 19 फ़रवरी, 1630 ई.; मृत्यु: 3 अप्रैल, 1680 ई.) पश्चिमी भारत के मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था। सेनानायक के रूप में शिवाजी की महानता निर्विवाद रही है। शिवाजी भारत के महान् योद्धा […]

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महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-3)-पांचाल महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो पांचाल महाजनपद पांचाल पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूँ और फर्रूख़ाबाद ज़िलों से परिवृत प्रदेश का प्राचीन नाम है। यह कानपुर से वाराणसी के बीच के गंगा के मैदान में फैला हुआ था। इसकी दो शाखाएँ थीं- *पहली शाखा उत्तर पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र थी। […]

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“25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच” ….21

चोल साम्राज्य चोल साम्राज्य भारत का बहुत महत्वपूर्ण साम्राज्य रहा है। जिसे वर्तमान इतिहास में कूड़ेदान में उठाकर फेंक दिया गया है। जबकि यह भारतवर्ष का एकमात्र ऐसा साम्राज्य था जिसने भारत के बाहर भी भारत के यश की पताका फहराई थी। यह पहला ऐसा साम्राज्य था जिसके शासकों ने भारत में नेवी अर्थात जल […]

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राजपूतों का उद्भव

उगता भारत ब्यूरो 9वीं 10वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत में एक नये शासक वर्ग का उदय हुआ, जो राजपूत कहलाये। मुख्यतः यह राजपूत राजवंश प्रतिहार साम्राज्य के अवशेषों से उभरे थे। 10वीं से 12वीं शताब्दी तक उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भारत के एक बढ़े क्षेत्र पर इनका राजनैतिक वर्चस्व बना रहा। उनके आधीन एक […]

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महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-2)

-कुरु महाजनपद उगता भारत ब्यूरो कुरु महाजनपद कुरु महाजनपद पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। इसमें आधुनिक हरियाणा तथा दिल्ली का यमुना नदी के पश्चिम वाला अंश शामिल था। इसकी राजधानी आधुनिक दिल्ली (इन्द्रप्रस्थ) थी। पुराण वर्णित प्रसिद्ध राजा कुरु के नाम पर ही इसका यह नाम पड़ा था। तथ्य- *एक प्राचीन देश जिसका […]

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महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-1)

उगता भारत ब्यूरो प्रारंम्भिक भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ईसापूर्व को परिवर्तनकारी काल के रूप में महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह काल प्राय: प्रारंम्भिक राज्यों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के के लिए जाना जाता है। इसी समय में बौद्ध और जैन सहित अनेक दार्शनिक विचारधाराओं का विकास हुआ। बौद्ध और जैन […]

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इतिहास की अमूल्य निधि औरंगजेब के नाम गुरु गोविन्द सिंह का ऐतिहासिक पत्र

-वि० स० बिनोद आजकल कुछ सिख उग्रवादियों और औरंगजेब के अनुयायियों के बीच बहुत गाढ़ी छन रही है। उन्हें गुरु गोविन्द सिंह का वह पत्र पढ़ना चाहिये जो गुरुजी ने औरंगजेब को लिखा था। मूल पत्र गुरुमुखी में लिखा गया था , इसलिए इस पत्र का उपयोग पश्चिमी इतिहासकार न कर सके। यहां प्रस्तुत हैं […]

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25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग ……20

विजयनगर साम्राज्य विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ई0) मध्यकालीन का एक साम्राज्य था। विजय नगर शब्द से ही स्पष्ट है कि यह साम्राज्य सदा विजयी रहा और इसे कोई मुस्लिम शासक पराजित नहीं कर सका। 310 वर्ष तक चलने वाले इस साम्राज्य के शासनकाल में चाहे कोई सल्तनत काल का सुल्तान रहा हो या फिर मुगल बादशाह रहा हो, इसे […]

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25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग ……19

खिलजी वंश भारत में खिलजी वंश की स्थापना जलालुद्दीन खिलजी द्वारा 1290 ई0 में की गई थी। इसको मारकर अलाउद्दीन खिलजी 1296 में गद्दी पर बैठ गया था। ज्ञात रहे कि जलालुद्दीन खिलजी अलाउद्दीन खिलजी का सगा चाचा और ससुर था । इसके उपरांत भी निर्दयता से अपने चाचा और ससुर की हत्या कर वह […]

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