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इतिहास के पन्नों से

25 मानचित्रों में भारत के इतिहास का सच, भाग ……20

विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ई0) मध्यकालीन का एक साम्राज्य था। विजय नगर शब्द से ही स्पष्ट है कि यह साम्राज्य सदा विजयी रहा और इसे कोई मुस्लिम शासक पराजित नहीं कर सका। 310 वर्ष तक चलने वाले इस साम्राज्य के शासनकाल में चाहे कोई सल्तनत काल का सुल्तान रहा हो या फिर मुगल बादशाह रहा हो, इसे कोई भी इसे परास्त नहीं कर पाया था।इसका वास्तविक नाम कर्नाटक साम्राज्य था। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी। सन 1565 में इस राज्य को पराजय का मुंह देखना पड़ा। तब राजधानी विजयनगर को जला दिया गया। उसके पश्चात यह 70 वर्ष और चला। राजधानी विजयनगर के अवशेष आधुनिक कर्नाटक राज्य में हम्पी शहर के निकट पाये गये हैं और यह एक विश्व विरासत स्थल है।
इस साम्राज्य की उत्पत्ति के बारे में आ जाता है कि संगम के पुत्र हरिहर तथा बुक्का ने हम्पी हस्तिनावती राज्य की नींव डाली और विजयनगर को राजधानी बनाकर अपने राज्य का नाम अपने गुरु के नाम पर विजयनगर रखा। मुहम्मद बिन तुगलक ने दक्षिण में साम्राज्य विस्तार के उद्येश्य से कम्पिली पर आक्रमण किया था और कम्पिली के दो राज्य मंत्रियों हरिहर तथा बुक्का को बंदी बनाकर दिल्ली ले आया। तब इन दोनों भाइयों ने इस्लाम मत स्वीकार कर लिया था। उसके पश्चात ये दोनों भाई हिंदुओं को मुसलमान बनाने में लग गए थे। विद्यारण्य नामक सन्त ने इन्हें फिर से वैदिक धर्म दीक्षित किया । इस तरह मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में ही भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की गई।
विजयनगर की स्थापना के साथ ही हरिहर तथा बुक्का के सामने कई कठिनाईयां थीं। वारंगल का शासक कापाया नायक तथा उसका मित्र प्रोलय वेम और वीर बल्लाल तृतीय उसके विरोधी थे। देवगिरि का सूबेदार कुतलुग खाँ भी विजयनगर के स्वतंत्र अस्तित्व को नष्ट करना चाहता था। हरिहर ने सर्वप्रथम बादामी, उदयगिरि तथा गुटी के दुर्गों को सुदृढ़ किया। होयसल साम्राट वीर बल्लाल व अन्य बल्लाल शासकों को हराकर पूरा होयसल साम्राज्य अपने राज्य में मिलाने मिलाने में भी विजयनगर के शासक सफल हो गए थे।
हरिहर और बुक्का राय के गुरु के द्वारा इन दोनों को पुनः वैदिक धर्म में दीक्षित करना और उनके द्वारा विशाल साम्राज्य की स्थापना करवाना गुरु की देश भक्ति और धर्म भक्ति को तो प्रकट करता ही है, साथ ही इन दोनों की भी देश भक्ति और धर्म भक्ति को प्रकट करता है।

मेरी पुस्तक “25 मानचित्र में भारत के इतिहास का सच” से

डॉ राकेश कुमार आर्य
संपादक : उगता भारत

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