– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” शेरों शायरी के पर्याय बन चुके मिर्जा गालिब ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से निकालने हेतु 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी रहे हैं। यह शायद कम ही लोगों को ज्ञात होगा। 1857 के गदर को बर्बरता पूर्वक दबाने के लिये अंग्रेजों ने जब देश के साथ दिल्ली […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
वीरेन्द्र गुप्ता की कलम से… सिख इतिहास भाग 2 अपने पहले लेख को आगे बढ़ाते हुए, भाग 2, प्रस्तुत है। 36. वहाँ कौन सा गुरुद्वारा है जहाँ गुरु अरजन देव जी को शहीद किया गया था। 🌹डेरा साहिब, 37. आतंकी मुगलों ने गुरु श्रीहरि गोबिंद जी को कैदी की तरह कहाँ रखा था? 🌹ग्वालियर का […]
क्या आपने अमीर अली का नाम सुना है, राजस्थान के इतिहास में यह वह व्यक्ति है जिसके धोखे के कारण महिलाएं जोहर नहीं कर पाई और उन्हें तलवारो से काटना पड़ा, तो चलिए आज जैसलमेर के राजा लूणकरण को याद करते है, जो मित्रता के नाम पर राजस्थान के सबसे बड़े धोखे का शिकार हुए। […]
🌈 **🙏🌹🙏 विवेक दर्शन पत्रिका हमारे वामपंथी इतिहासकार हमें बताते आए हैं कि कैसे तैमूर लंग और उसकी क्रूर सेना ने दिल्ली को क्षत विक्षत करते हुए लाखों हिन्दू वीरों को मृत्युलोक भेजा था। यही इतिहासकार बड़े चाव से बताते हैं कि कैसे तैमूर भारत से अथाह संपत्ति लूटकर भारत में अपना सारा साम्राज्य खिज्र […]
* ज्योतिष का विद्यार्थी होने के नाते मेरे संज्ञान में यह बात आई है कि महर्षि जी की जन्म तिथि पर अब तक जितने भी विद्वानों ने कार्य किया है वे सब के सब पञ्चाङ्ग के उपयोग की यथावत जानकारी के अभाव में सही निर्णय तक नहीं पहुंच पाए हैं। गलती सबसे हुई है और […]
(The Truts Behind Mughal King Babur,his Secret male lover and Babari Masjid) जैसे जैसे राममंदिर के उद्घाटन का दिन निकट आ रहा है कट्टर जिहादी भोले भले मुस्लिमों को यह कह कर भड़का रहे हैं कि हिन्दुओं ने षडयत्र करके अल्लाह के घर यानी बाबरी मस्जिद को तोड़ कर मंदिर बना दिया है यह मुल्ले […]
भारतीय इतिहास में गवर्नर-जनरल और भारत के वायसराय भारत पर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक इकाई के रूप में तब शुरू हुआ जब 31 दिसंबर, 1600 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने रानी एलिज़ाबेथ I (Queen Elizabeth I) से रॉयल चार्टर प्राप्त किया। लगभग तीन शताब्दियों की समयावधि के भीतर ब्रिटिश शासन एक व्यापारिक शक्ति से परिवर्तित […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा guni.pra@gmail.com 9425002270 वो कुछ चढ़ती-बढ़ती हुई गर्मियों के दिन थे। सामान्यतः गर्मियों में सुबहें शीघ्र ही गर्म हो जाती हैं किंतु मैं कुछ अधिक ही गर्म व उत्साही था। मेरी व्यक्तिगत गर्मी व उत्साह का कारण था कि हमारे प्रेरणास्त्रोत अटल बिहारी जी वाजपेयी उस दिन […]
क्या आप भी बोलते हैं हैप्पी क्रिसमस डे? क्या आप भी देते हैं बड़े दिन की बधाइयां? यदि हां तो जानिए इसकी वास्तविकता। ईश्वर ने मनुष्य को सृष्टि के प्रारंभ में वेद का ज्ञान दिया और मनुष्य से यह अपेक्षा की कि इस ज्ञान को आगे बढ़ना। उसी कड़ी में मैं अपना उत्तरदायित्व निर्वहन कर […]
गोस्वामी तुलसीदास जी ने एक बड़े ही महत्त्व की और और शिक्षाप्रद बात कही है कि , “प्राकृत जन कीने गुणगाना . सिर धुन लागि पडा पछताना ” अर्थात – एक सामान्य और अवगुणों से युक्त व्यक्ति की बढ़ चढ़ कर तारीफें करने वालों को एक दिन सिर पीट पीट कर पछताना पड़ता है . […]