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बिहार में जातिगत जनगणना की राजनीति

उमेश चतुर्वेदी मशहूर समाजवादी डॉक्टर राममनोहर लोहिया ने जाति तोड़ने का क्रांतिकारी विचार दिया था। लेकिन सबसे ज्यादा जाति केंद्रित राजनीति को बढ़ावा लोहियावादी राजनीति से ही मिला। जाति तोड़ने के लोहिया के विचार का मतलब था, समाज में ऊंच-नीच का भाव खत्म करके उसे बराबरी पर लाना। लेकिन लोहियावादी राजनीति की वजह से हुआ […]

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बाबा बागेश्वर सरकार पर आखिर इतना हंगामा क्यों है?

नवीन कुमार पाण्डेय बागेश्वर महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर मीडिया कैमरों का फोकस हो गया है। हंगामा मचा है- बागेश्वर धाम में आस्था के नाम पर अंधेरगर्दी हो रही है। एक और बाबा सीधे-सादे लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। टीवी चैनल बागेश्वर धाम को लेकर विशेष कार्यक्रमों की महफिल सजा रहे हैं। वहां कथित […]

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कानून बनाने से नहीं, सोच बदलने से ख़त्म होगी लैंगिक असमानता

भारती डोगरा पुंछ, जम्मू कहते हैं कि जिस घर में होता है बेटियों का सम्मान, वह घर होता है स्वर्ग के समान. हमारा संविधान किसी प्रकार से लड़का और लड़की में फर्क की इजाज़त नहीं देता है. लेकिन आज़ादी के 75 साल में भी देश के दूरदराज इलाकों में लैंगिक असमानता बनी हुई है. हालांकि […]

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बेजुबान पक्षियों को बचाने की मुहिम

संतोष सारंग मुजफ्फरपुर, बिहार वन्य प्राणी, पशु-पक्षी, जीव-जंतु आदि हमारे सहचर हैं. पर्यावरण संतुलन एवं भोजन चक्र को बनाए रखने के लिए भी ये बेजुबान प्राणी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. इस लिहाज से इनका संरक्षण करना बेहद जरूरी है. लेकिन चिंता की बात है कि मनुष्य की सुविधाभोगी जीवन शैली, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन एवं […]

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ऑक्सफॉम के ताज़ा आंकड़ों ने भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता को उजागर कर दिया है

डॉ. वेदप्रताप वैदिक ऑक्सफॉम के ताज़ा आंकड़ों ने भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता को उजागर कर दिया है आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत […]

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पर्यावरण महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

“बिन पानी सब सून” कहावत हमारे जीवन में कहीं वास्तविकता न बन जाए

ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर रही जनसंख्या को अन्य स्थानों […]

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सम्यक प्रयास से बदलेगी बिहार की शिक्षा व्यवस्था

रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार के सरकारी स्कूलों में इन दिनों नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. ये प्रयोग प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के लिए किये जा रहे हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल कैंपस तक लाने तथा पूरी घंटी तक बच्चों के विद्यालय में […]

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अंग्रेजी वर्ष 2023 का मेरा प्रथम प्रवचन और रविवारीय सुविचार*

==================== विजयी भव का मंत्र है शिष्टाचार शिष्टाचार में महान बनाने के भी गुण निहित है ==================== आचार्य श्री विष्णगुप्त शिष्टाचार प्रथम पहचान है। जब आप किसी से साक्षात मिलते हैं, किसी से इंटरनेट पर शब्द और ध्वनि से बात करते हैं, बेतार के तार यानी मोबाइल आदि से बात करते हैं तो फिर आपका […]

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भारत मे दलित समाज और ईसाई मिशनरी भाग 2

#डॉविवेकआर्य इतिहास के साथ खिलवाड़ इस चरण में बुद्ध मत का नाम लेकर ईसाई मिशनरियों द्वारा दलितों को बरगलाया गया। भारतीय इतिहास में बुद्ध मत के अस्त काल में तीन व्यक्तियों का नाम बेहद प्रसिद्ध रहा है। आदि शंकराचार्य, कुमारिल भट्ट और पुष्यमित्र शुंग। इन तीनों का कार्य उस काल में देश, धर्म और जाति […]

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नोटबंदीः मोदी को माफी क्यों मिली?

* डॉ. वेदप्रताप वैदिक नोटबंदी 2016 के नवंबर माह में लागू हुई थी। उसके खिलाफ जो याचिकाएँ सर्वोच्च न्यायालय में लगी थीं, वे सब रद्द हो गई हैं, क्योंकि पाँच जजों में से चार ने फैसला दिया है कि नोटबंदी घोषित करने में मोदी सरकार ने किसी नियम या कानून का उल्लंघन नहीं किया था। […]

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