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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

जिन्नाह का बाप यदि धर्म परिवर्तन कर धर्म के साथ गद्दारी ना करता तो जिन्नाह भी देश के साथ कभी गद्दारी न करता

वीर सावरकर जी कहा करते थे कि धर्मांतरण से मर्मान्तरण और मर्मांतरण से राष्ट्रांतरण होता है। इसलिए धर्मांतरण अपने आपमें एक बहुत बड़ी बीमारी है ।धर्म परिवर्तन व्यक्ति के मर्म का परिवर्तन कर देता है और वही व्यक्ति समय आने पर राष्ट्रद्रोही होकर राष्ट्र के विभाजन की मांग करने लगता है । यदि इस बात […]

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महत्वपूर्ण लेख

कोई हिंदू अपने स्वाभाविक उतराधिकार से कैसे होता है वंचित

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 किसी बगैर वसीयत के स्वर्गीय होने वाले हिंदू पुरुष और स्त्री की संपत्ति के उत्तराधिकार के संबंध में नियमों को प्रस्तुत करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत वारिसों का निर्धारण किया गया है। कौन से वारिस किस समय संपत्ति में उत्तराधिकार का हित रखते हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत किसी संपत्ति […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

‘उगता भारत’ का संपादकीय : भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है मोदी सरकार की शिक्षा नीति ?

केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी नई शिक्षा नीति लागू कर दी है । इस शिक्षा नीति पर अनेकों शिक्षाशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों, विद्वानों और मनीषियों ने अपने-अपने ढंग से लिखा है । अनेकों विद्वानों ने इसके समर्थन में लिखा है तो कुछ ने इसकी आलोचना की है ।वास्तव में किसी भी देश की शिक्षा नीति उसके […]

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महत्वपूर्ण लेख

कौवा और भारत पर आक्रमण करने वाले विदेशी हमलावर

आप कौवे को भी भारत पर (हिन्दुओं पर) हमलावरों के बुरे असर के उदाहरण की तरह देख सकते हैं। हिन्दुओं के लिए जो भी अच्छा होता है उसे हमलावर खराब घोषित करना जरूरी मानते हैं। हिन्दुओं की अच्छी चीज़ों का मजाक उड़ाया ही जाएगा। कागभुशुंडी जैसे हिन्दुओं में सम्मानित होते हैं, कौवे का बोलना अतिथियों […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख मुद्दा राजनीति

लोकल को ग्लोबल बनाने हेतु प्रयासरत केंद्र सरकार

देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम, “अमेरिका-भारत स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फ़ोरम के तीसरे लीडरशिप समिट”, को सम्बोधित करते हुए अभी हाल ही में कहा है कि 130 करोड़ भारतीय अब देश को आत्म निर्भर बनाने के मिशन पर निकल पड़े हैं। भारत के आत्म निर्भर बनने की परिभाषा में पूरे विश्व […]

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महत्वपूर्ण लेख

चलना जरा संभल के कंगना, अंगना टेढ़ा है

डॉ अवधेश कुमार अवध भारत की व्यावसायिक/व्यापारिक राजधानी मुम्बई यूँ तो हमेशा से ही खास रही है। आजकल उद्धव- संजय की नादानियों ने और कंगना की विरुदावलि ने तापमान कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया है। देश की तथाकथित बुद्धिजीवी जनता भी दो खेमों में एक-दूसरे पर गुर्राती नजर आ रही है। केन्द्र में बैठी भाजपा […]

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महत्वपूर्ण लेख

महाराष्ट्र सरकार अब उतरी प्रेस का गला घोटने पर , राज्य के आपातकाल जैसे हालात : शिवसेना रिपब्लिक टीवी में हुआ संघर्ष तेज

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार महाराष्ट्र सरकार द्वारा रिपब्लिक भारत पर पाबन्दी कांग्रेस द्वारा 1975 में लगाई आपातकाल की याद करवा दी है। इस दौरान प्रेस सेंसरशिप के साथ गायक किशोर कुमार द्वारा संजय गाँधी के एक कार्यक्रम में जाने से मना करने की वजह से किशोर के रेडियो और फिल्मों में गायन पर पाबन्दी के साथ […]

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महत्वपूर्ण लेख

इंदिरा गांधी को बुड्ढी कुत्तिया क्यों कहा था अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने ?

लैटिन भाषा में एक कहावत है- वर्बा वोलांट, स्क्रिप्टा मानेंट. माने- कहे हुए शब्द ख़त्म हो जाते हैं, मगर लिखे हुए शब्द हमेशा के लिए रह जाते है। ये कहावत करीब दो हज़ार साल पुरानी है। तब आवाज़ रेकॉर्ड करने की टेक्नॉलजी नहीं थी। इसीलिए इंसान के मरने के बाद भी उसकी रिकॉर्डिंग ज़िंदा रह […]

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महत्वपूर्ण लेख समाज

भारत में बुज़ुर्गों की बढ़ती संख्या एवं उनकी स्थिति

अभी हाल ही में जनसंख्या एवं विकास पर भारतीय सांसदों की एक समिति (Indian Association of Parliamentarians on Population and Development – IAPPD) ने देश में बुज़ुर्गों की स्थिति पर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया है। इस प्रतिवेदन के अनुसार, इस समय भारत में 10.5 करोड़ बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वर्ष 2050 तक इनकी संख्या […]

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महत्वपूर्ण लेख

नये आयामों का आगाज देती नई शिक्षा नीति

डॉ0राकेश राणा बेहतर शैक्षिक वातावरण के साथ शिक्षा की उन्नत संस्कृति का विकास हो सके, इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है। नई शिक्षा नीति में ज्ञान के विस्तार की दिशा में नए क्षैतिजों को खोलने का उद्यम किया गया है। लोकल और ग्लोबल के सफल संयोजन की कोशिश में निर्मित यह दस्तावेज निश्चित […]

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