– एकमहानुभाव की टिप्पणी। =•=•=•=•=•=•=•=•=• उक्त प्रकार के कथनों में एक सुसंगत बदलाव लाने की आवश्यकता है। ये मत भूलो कि पुराणों में भी गणित सन्दर्भित विषय सम्यक होने से ग्राह्य हैं। पुराणों में भी जो वेद के मार्गदर्शन और विषय से मेल खाती बातें हैं वह सब स्वीकार हैं। जो वेद विरुद्ध है वह सर्वत्र त्याज्य है […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
सन 1948 में भारत के चार पेंटर मिलकर एक ग्रुप बनाते हैं…प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप (PAG)। शुजा, रजा, हैदर और फिदा। और इत्तेफाक देखिए…. वैसे कला का कोई धर्म नहीं होता…आमफहम जुमला। देखते-देखते पैग आधुनिक भारतीय कला का परचम बन गया। बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट, महाराष्ट्र स्कूल ऑफ आर्ट, कांगड़ा स्कूल ऑफ आर्ट, ओडिसा की पटुआ […]
सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए 1985 में गंगा कार्य योजना (जीएपी) का शुभारंभ किया गया था। किंतु 15 वर्ष की अवधि में 901.77 करोड़ रुपए व्यय करने के बाद भी नदी में प्रदूषण कम करने में यह योजना विफल साबित हुई। भारत वर्ष में गंगा नदी […]
कमलेश पांडेय बता दें कि यह धारा 206-सी की उपधारा (1एच) आगामी 1 अक्टूबर 2020 से प्रभावी की जाएगी। इसमें कहा गया है कि माल का एक विक्रेता किसी भी सामान की बिक्री पर क्रेता से टीसीएस लेने के लिए उत्तरदायी है, बशर्ते कि विक्रेता का टर्नओवर पिछले वित्तीय वर्ष में आईएनआर 10 करोड़ से […]
वास्तुदेव की पत्नी अंगिरसी से विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ। माना जाता है कपने पिता की तरह ही ऋषि विश्वकर्मा भी वास्तुकला के आचार्य माने जाते है। अश्विनी मास की चतुर्दशी तिथि को विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार मानते है। इसलिए कल कारखानो से लेकर कंपनियों […]
जब मुगलों ने पूरे भारत को एक किया तो इस देश का नाम कोई इस्लामिक नहीं बल्कि “हिन्दुस्तान” रखा , हाँलाकि इस्लामिक नाम भी रख सकते थे ! कौन विरोध करता ? जिनको इलाहाबाद और फैजाबाद चुभता है वह समझ लें कि मुगलों के ही दौर में “रामपुर” बना रहा तो “सीतापुर” भी बना रहा! […]
मिथिलेश कुमार सिंह एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत इसकी स्थापना हुई थी। जाहिर तौर पर किसी भी नशीले पदार्थ की रोकथाम के लिए ही इसे बनाया गया है। वह चाहे नशे का उत्पादन हो, उसका स्टोरेज हो, उसकी बिक्री हो या फिर नशीले पदार्थ का ट्रांसपोर्ट करना हो, यह एक्ट हर तरह के नशे से […]
लेखक :- डॉ. ओमप्रकाश पांडे (लेखक अंतरिक्ष विज्ञानी हैं) श्राद्ध कर्म श्रद्धा का विषय है। यह पितरों के प्रति हमारी श्रद्धा प्रकट करने का माध्यम है। श्राद्ध आत्मा के गमन जिसे संस्कृत में प्रैति कहते हैं, से जुड़ा हुआ है। प्रैति ही बाद में बोलचाल में प्रेत बन गया। यह कोई भूत-प्रेत वाली बात नहीं […]
आर्य समाज एक क्रन्तिकारी आन्दोलन है जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैले विभिन्न-प्रकार के पाखंड, मत-मतान्तर,जाति-पाती, अनेक-प्रकार के सम्प्रदायो ,मूर्ति-पूजा,आदि अन्धविश्वास को दूर करने वाला एक विश्वव्यापी आन्दोलन है इसके प्रवर्तक भगवतपात महर्षि देव दयानन्द सरस्वती है ! आर्यसमाज के बारे में भ्रान्तिया: 1 .आर्यसमाजी ईश्वर को नहीं मानते? उत्तर:- गलत। आर्य समाजी ही ईश्वरवादी […]
दो महान देशभक्तों की कहानी और दो बडे़ गद्दारों की भी। जनता को नहीं पता है कि भगत सिंह के खिलाफ गवाही देने वाले वे दो व्यक्ति कौन थे, जब दिल्ली में भगत सिंह पर अंग्रेजों की अदालत में, असेंबली में बम फेंकने का मुकद्दमा चला तो… 👉 भगत सिंह और उनके साथी बटुकेश्वर दत्त […]