क्रांतिकारी पत्रकार श्री गणेशशंकर ‘विद्यार्थी’ का जन्म 1890 ई0 (आश्विन शुक्ल 14, रविवार, संवत 1947) को प्रयाग के अतरसुइया मौहल्ले में अपने नाना श्री सूरजप्रसाद श्रीवास्तव के घर में हुआ था। इनके नाना सहायक जेलर थे। इनके पुरखे हथगांव (जिला फतेहपुर, उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी थे; पर जीवनयापन के लिए इनके पिता मुंशी जयनारायण […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
(22 मार्च 1911-23 मार्च 2003) स्वामी जी के बचपन का नाम भगवान सिंह खत्री था। आपका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। आप कट्टर आर्य समाजी थे। भगत सिंह के बलिदान से आपको देश की अंग्रेज सरकार से घृणा हो है।आपने 10000 से ऊपर हिन्दू जो इसाई बन चुके थे उन्हें वापस हिन्दू बनाया।ईसाई […]
– सुरेश सिंह बैस शाश्वत भारतीयों में समाजवाद का प्रचार प्रसार हो सभी एक दूसरे के साथ समता पूर्वक रहें। जिसमें जांत पांत ऊंचनीच धर्म का कोई इस्तक्षेप ना हो ऐसे “सर्वजन समभाव” वाले एक सूत्रीय जीवन पद्धति वालें भारत का सपना डॉ. राम मनोहर लोहिया ने देखा थ। डा. लोहिर्या देश के उन गिने […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। […]
ऋषि दयानन्द ‘सत्य’ को सर्वोपरि मानते थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि – “जो सत्य है उसको सत्य और जो मिथ्या है उसको मिथ्या ही प्रतिपादन करना सत्य अर्थ का प्रकाश समझा है क्योंकि सत्योपदेश के बिना अन्य कोई भी मनुष्य जाति की उन्नति का कारण नहीं ।” ऋषि संसार के सब मनुष्यों को एक […]
========== संसार में अनेक मत-मतान्तर एवं संस्थायें हैं जो अतीत में भिन्न-भिन्न लोगों द्वारा स्थापित की गई हैं व अब की जाती हैं। इन संस्थाओं को स्थापित करने का इसके संस्थापकों द्वारा कुछ प्रयोजन व उद्देश्य होता है। सभी लोग पूर्ण विज्ञ वा आप्त पुरुष नहीं होते। वह सभी अल्पज्ञ ही होते हैं। अल्पज्ञ का […]
काजिम रिजवी- विभूति फीचर्स रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी का जन्म 28 अगस्त 1896 को गोरखपुर में हुआ था। अपने समय के प्रसिद्ध कवि तथा उर्दू के विद्वान श्री गोरखप्रसाद इबरत के पुत्र फिराक साहब ने अपने जीवन में जो कुछ सीखा वह सब अपने पिता से ही सीखा। फिराक साहब बनवारपार तहसील बांस गांव जिला […]
भजन : पं० लेखराम बलिदान दिवस ! लेखक – स्व. श्री चन्द्रभानु आर्योपदेशक जींद आगे की कहानी, कही नही जाती ॥ टेक ॥ लेखराम ने हाल सुना तो बड़ा रहम सा आता है । यवन युवक यूं कहने लगा, मुझको दर्द सताता है । लेखराम उस मुसलमान को डाक्टर पर ले जाता है । डाक्टर […]
देवियो और भद्र पुरुषो! मैं तो मथुरा नगरी में शिष्य रूप से आया था, न कि इस वेदी पर खड़ा होकर व्याख्यान देने के लिए। मैं तो यह विचार मन में रखकर आया था कि अब गुरु की नगरी में चलता हूं। वहां पद-पद पर शिक्षा ग्रहण करूंगा और उन शिक्षाओं को अपने जीवन […]
#डॉविवेकआर्य पंडित लेखराम के विषय में जितना अधिक में जानता जाता हूँ उतनी ही अधिक उन्हें जानने की मेरी इच्छा बलवती होती जाती हैं। पंडित जी के जीवन कुछ अलभ्य संस्मरण मुझे मिले जिन्हें मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आचार्य रामदेव जी की पंडित लेखराम जी से प्रथम भेंट उन्हीं दिनों बच्छो […]