नितिन बिष्ट नैनीताल, उत्तराखंड जोशीमठ में जो कुछ भी हो रहा है, वह प्राकृतिक आपदा तो बिल्कुल भी नहीं है. विकास के नाम पर विनाश की यह नींव हम इंसानों ने ही रखी है. इसकी शुरुआत कोई एक दो साल पहले नहीं हुई है बल्कि दशकों से यही सब होता आ रहा है. ऐसा नहीं […]
श्रेणी: पर्यावरण
ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर रही जनसंख्या को अन्य स्थानों […]
शीराज़ अहमद मीर मंडी, पुंछ बैंक जैसी सुविधाओं का होना हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हर व्यक्ति चाहता है कि वह जो कमाए उसे बचाए और मुश्किल समय में उसका उपयोग करे. नौकरीपेशा वर्ग को भी अपना मासिक वेतन बैंक की सहायता से मिलता है. इसके साथ ही दिव्यांगों और […]
भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी […]
–ललित गर्ग जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए अमीर एवं शक्तिशाली देशों की उदासीनता एवं लापरवाह रवैया एक बार फिर मिस्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन (कॉप-27) में देखने को मिली। दुनिया में जलवायु परिवर्तन की समस्या जितनी गंभीर होती जा रही है, इससे निपटने के गंभीर प्रयासों का उतना ही अभाव महसूस […]
नरेन्द्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत का 70 प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है. ऐसे में यदि देश में जल कल है या नहीं? यह विचारणीय प्रश्न बन जाए तो यह समझा जा सकता है कि देश में जल संकट की समस्या विकराल हो चुकी है. […]
भारत में नदियां विश्वास, आशा, संस्कृति और पवित्रता का प्रतीक हैं। साथ ही वे लाखों लोगों की आजीविका का स्रोत हैं। किसी भी अन्य सभ्यता से बहुत लंबे समय तक हमने नदियों को धर्म से जोड़ कर इन्हें स्वच्छ और पवित्र भी बनाए रखा। यह विडंबना ही है कि हमारी आस्था की पवित्र और संस्कृति […]
आनंद प्रधान सर्दियों की शुरुआत के साथ दिल्ली एक बार फिर गैस चेंबर बन गई। तेज हवाओं ने दो-तीन दिनों से थोड़ी राहत जरूर दी है, लेकिन इससे हालात खास बदले नहीं हैं। गंभीर प्रदूषण में सांस लेने के लिए मजबूर लोगों खासकर वृद्धों, बच्चों और गंभीर बीमारियों के मरीजों का जीवन और स्वास्थ्य खतरे […]
मौत से कमाई, लगातार आलोक पुराणिक दिल्ली एनसीआर समेत भारत के कई इलाके कई सालों से प्रदूषण से जूझ रहे हैं, पंजाब में गेंहू की फसल के बाद बचा हुआ आइटम पराली के जलने की खबरें हर साल आती हैं। फिर नेता बताते हैं कि इसके लिए उनका विरोधी नेता जिम्मेदार है। पराली चल रही […]
डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट उत्तराखंड समेत नेपाल और भारत के अन्य क्षेत्रों में धरती एक बार डोलने लगी। भूकंप के तेज झटकों से लोग दहशत में आ गए।बीती आधी रात करीब 1 बजकर 58 मिनट पर आये भूकंप के झटकों ने लोगों की नींद ही उड़ा दी।भूकंप के झटके इतने तेज थे कि गहरी नींद […]