Categories
पर्यावरण

जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होते इंसान और जानवर

गिरीश बिष्ट रुद्रपुर, उत्तराखंड वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के सक्षम मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है. साथ ही इससे निपटना इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता बन गयी है. जलवायु परिवर्तन हर रूप में अपने प्रभावों से समाज के हर वर्ग को प्रभावित करता है. सामान्यतः देखा जाए तो जलवायु का आशय किसी क्षेत्र […]

Categories
पर्यावरण

दिल्ली से मुक्ति मांग रही ब्रज की यमुना

ब्रहमानंद राजपूत यमुना नदी एक हजार 29 किलोमीटर का जो सफर तय करती है, उसमें दिल्ली से लेकर चंबल तक का जो सात सौ किलोमीटर का जो सफर है उसमें सबसे ज्यादा प्रदूषण तो दिल्ली, आगरा और मथुरा का है। दिल्ली के वजीराबाद बैराज से निकलने के बाद यमुना बद से बदतर होती जाती है। […]

Categories
पर्यावरण

हमने प्रकृति की उपेक्षा करते हुए उसके उपहारों का उपयोग भी छोड़ दिया है

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा एम्स के हालिया अध्ययन में सामने आया है कि हार्ट फेलियर के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी दिया जाए तो उनके लक्षण में काफी कमी आ जाएगी। दरअसल एम्स के अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 70 फीसदी दिल्लीवासियों में विटामिन डी की डेफिसिएंसी पाई गई है। यदि चिकित्सकों […]

Categories
पर्यावरण

हर घर नल, मगर जल नहीं

हंसी बघरी/नंदिनी कपकोट, बागेश्वर उत्तराखंड देश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर तक नल के माध्यम पीने के साफ़ पानी पहुंचाने की योजना देश के अन्य राज्यों के साथ साथ पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी चलाई जा रही है. उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य की जनता के लिए एक रुपये में पानी कनेक्शन योजना की शुरुआत […]

Categories
पर्यावरण

पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिकीकरण बन सकता है विनाश का कारण

नरेंद्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, नैनीताल आधुनिकीकरण किसी भी देश के विकास का अहम पैमाना होता है. लेकिन अंधाधुंध विकास अब विनाश का कारण बनता जा रहा है. इसका प्रभाव केवल महानगरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि पर्वतीय राज्य भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. विशाल निर्माण कार्य पर्वतीय राज्यों के भविष्य पर प्रश्नवाचक चिन्ह […]

Categories
पर्यावरण

पुराणों व हिन्दू धर्मग्रंथों में उल्लेखित पर्यावरण ज्ञान*

★ 10 कुॅंओं के बराबर एक बावड़ी, 10 बावड़ियों के बराबर एक तालाब, 10 तालाब के बराबर 1 पुत्र एवं 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है। ( मत्स्य पुराण ) ★ जीवन में लगाये गये वृक्ष अगले जन्म में संतान के रूप में प्राप्त होते हैं। (विष्णु धर्मसूत्र 19/4) ★ जो व्यक्ति पीपल अथवा […]

Categories
पर्यावरण

मौसम के बदलते मिजाज़ को समझना ज़रूरी है

नितिन बिष्ट नैनीताल, उत्तराखंड जोशीमठ में जो कुछ भी हो रहा है, वह प्राकृतिक आपदा तो बिल्कुल भी नहीं है. विकास के नाम पर विनाश की यह नींव हम इंसानों ने ही रखी है. इसकी शुरुआत कोई एक दो साल पहले नहीं हुई है बल्कि दशकों से यही सब होता आ रहा है. ऐसा नहीं […]

Categories
पर्यावरण महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

“बिन पानी सब सून” कहावत हमारे जीवन में कहीं वास्तविकता न बन जाए

ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर रही जनसंख्या को अन्य स्थानों […]

Categories
पर्यावरण

डिजिटल इंडिया का अधूरा सपना कब पूरा होगा?

शीराज़ अहमद मीर मंडी, पुंछ बैंक जैसी सुविधाओं का होना हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हर व्यक्ति चाहता है कि वह जो कमाए उसे बचाए और मुश्किल समय में उसका उपयोग करे. नौकरीपेशा वर्ग को भी अपना मासिक वेतन बैंक की सहायता से मिलता है. इसके साथ ही दिव्यांगों और […]

Categories
पर्यावरण

रहने लायक नहीं रहेगी यह धरा यदि प्रकृति का शोषण इसी रफ्तार से चलता रहा

भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी […]

Exit mobile version