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धर्म-अध्यात्म

जीवात्मा शरीर में कहां रहती है ? भाग 9

नवीं किस्त गतांक से आगे। बृहद्राण्यक उपनिषद के आधार पर , प्रष्ठ संख्या 1099 “यह स्पष्ट है कि शरीर जो जीव का क्रीडा स्थल है, वही देखा जाता है। क्रीड़क( क्रीडा करने वाले अथवा खेल करने वाले) जीव को कोई नहीं देख सकता ,क्योंकि वह निराकार और अदृश्य है। सोते हुए व्यक्ति को जब वह […]

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आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 8

गतांक से आगे आठवीं किस्त। लेकिन एक महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धक किस्त। इस संबंध में बृहदारण्यक उपनिषद में जो विवरण आया है उसको सुधी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। महर्षि याज्ञवल्क्य महाराज का नाम आपने सुना होगा। आप उनकी विद्वत से भी परिचित होंगे। राजा जनक से भी आप परिचित हैं जिनको विदेह कहा जाता […]

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आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 7

बृहदारण्यक उपनिषद् के अनुसार। पृष्ठ संख्या 974 लोक किसे कहते हैं। पहले इसको समझते हैं। लोक इस जगत को और इस जगत में स्थित सूर्य तथा चंद्रमा आदि को कहते हैं। आत्मा इस लोक में किस प्रकार से रहती है? कौन-कौन से लोक में रहती है? कब-कब रहती है? “आत्मा चाहे मुक्त हो और चाहे […]

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आज का चिंतन धर्म-अध्यात्म

आत्मा शरीर में कहां रहती है, भाग – 6

ब्रहदारण्यकोपनिषद के आधार पर । आत्मा शरीर में कहां रहती है? इस उपनिषद में बहुत लंबा वृतांत आत्मा के निवास के विषय में दिया हुआ है लेकिन हम सुधीर पाठकों की सुविधा के लिए छोटे-छोटे भाग में तोड़ तोड़ कर प्रस्तुत करना उचित समझेंगे। पृष्ठ संख्या 829 बहुत महत्वपूर्ण बात लिखी गई है कृपया गंभीरता […]

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आत्मा शरीर में कहां रहती है? 5

पंचम किस्त। तेतिरियोपनिषद की आत्मा के संबंध में चर्चा चतुर्थ किस्त में की गई थी ।अब तैत्तिरीय उपनिषद के अग्रिम प्रष्ठों पर जो चर्चा आत्मा के विषय में की गई है उस पर दृष्टिपात करते हैं। आत्मा शरीर में कहां रहती है। गतांक से आगे। देखो प्रष्ठ संख्या 394 ,395 एकादशोपनिषद प्रख्यात वैदिक विद्वान महात्मा […]

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आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 4

गतांक से आगे चतुर्थ किस्त। मुंडकोपनिषद ,कठोपनिषद, ऐतरेय उपनिषद ,अथर्ववेद के आधार पर हमने आत्मा के शरीर में निवास स्थान का निर्धारण किया। आज हम तैत्तिरीय उपनिषद का उद्धहरण प्रस्तुत करेंगे। प्रसिद्ध वैदिक विद्वान व्याख्या कार महात्मा नारायण स्वामी द्वारा व्याख्यिय‌ उपनिषद रहस्य एकादशोपनिषद नामक पुस्तक से हम प्रमाण ले रहे हैं। पृष्ठ संख्या 376। […]

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आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 3

अब ऐतरेय उपनिषद के अनुसार अध्ययन करते हैं। वैदिक विद्वान कई पुस्तकों के लेखक एवं प्रमुख व्याख्याकार नारायण स्वामी का ‌एकादशोपनिषद का प्रष्ठ संख्या 343, “उस आत्मा के रहने के तीन स्थान हैं।और तीन ही स्वप्न है ।यह स्थान है ,यह स्थान है, यह स्थान है। यद्यपि यह तीन स्थान मात्र ऐसा कह देने से […]

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आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 3

अब ऐतरेय उपनिषद के अनुसार अध्ययन करते हैं। वैदिक विद्वान कई पुस्तकों के लेखक एवं प्रमुख व्याख्याकार नारायण स्वामी का ‌एकादशोपनिषद का प्रष्ठ संख्या 343, “उस आत्मा के रहने के तीन स्थान हैं।और तीन ही स्वप्न है ।यह स्थान है ,यह स्थान है, यह स्थान है। यद्यपि यह तीन स्थान मात्र ऐसा कह देने से […]

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अग्नि पुरुष, एक अनुभूति प्राप्त आत्मा, के क्या लक्षण हैं?

एक गृहस्थी किस प्रकार अग्नि पुरुष के पदचिन्हों पर चल सकता है? क्राणा रुद्रेभिर्वसुभिः पुरोहितो होता निषत्तो रयिषाळमर्त्यः। रथो न विक्ष्वृृंजसान आयुषु व्यानुषग्वार्या देव ऋण्वति ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.58.3 (कुल मंत्र 676) (क्राणा) प्रकृति के कर्मों का प्रतिनिधि (रुद्रेभिः) ज्ञान और ऊर्जा देने वाले के साथ (वसुभिः) वास देने वाले के साथ (पुरोहितः) ब्रह्माण्ड के […]

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बौद्ध पंथ –एक विस्तृत अध्ययन* 14

* डॉ डी क गर्ग –भाग-14 नोट : प्रस्तुत लेखमाला ९ भाग में है ,ये वैदिक विद्वानों के द्वारा समय समय पर लिखे गए लेखो के संपादन द्वारा तैयार की गयी है ,जिनमे मुख्य विद्यासागर वर्मा ,पूर्व राजदूत, कार्तिक अय्यर, गंगा प्रसाद उपाधयाय प्रमुख है। कृपया अपने विचार बताये और फॉरवर्ड भी करें । क्या […]

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