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आज का चिंतन

दुआ ,प्रार्थना और आशीर्वाद -का वैदिक आधार*

* Dr D K Garg आजकल मजारो पर दुआ करने और कराने ,बाबाओ से आशीर्वाद लेने ,चर्च में प्रेयर,पादरी के सामने कन्फेशन,ऊपर वाले से गलतियां माफ़ करने की दुआ , साई बाबा की मूर्ति से आशीर्वाद और दुनिया में अनेकों ऐसे मंदिर है ,दरगाह,चर्च है जिनकी मान्यता भरपूर है ,वहा मूर्ति के दर्शन करने वाले […]

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*गणेश स्तुति के लिखे गए श्लोक का भवार्थ*:

Dr D K Garg श्लोक: *वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ प्रचलित अर्थ – घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु,(गणेश जी )हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥ वास्तविक भावार्थ: गलत भावार्थ के कारण ये श्लोक शरीरधारी […]

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भारतीय धर्म मे अवैज्ञानिक आस्था – शिव के ज्योतिर्लिंग की वास्तविकता*

* डॉ डी के गर्ग विशेष:ये लेख ३ भाग में है -कृपया अपने विचार बताये और शेयर करें ताकि उत्साह बना रहे ,बाकि आपकी मर्जी भाग-3 अब ज्योतिर्लिंग का शब्दार्थ भी समझने का प्रयास करते है। यहाँ तीन शब्द है -लिंग ,शिव ,ज्योति। १ .लिंग शब्द का शाब्दिक अर्थ है-‘चिह्न’।वह जिससे किसी वस्तु की पहचान […]

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भारतीय धर्म मे अवैज्ञानिक आस्था – शिव के ज्योतिर्लिंग की वास्तविकता*

* डॉ डी के गर्ग *विशेष *:ये लेख ३ भाग में है -कृपया अपने विचार बताये और शेयर करें ताकि उत्साह बना रहे ,बाकि आपकी मर्जी भाग-1 पौराणिक मान्यता : – जहाँ शिवजी स्वयं प्रगट हुए थे उस शिवलिंग को ज्योतिर्लिंग कहते हैं। देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं।मान्यता है कि इन 12 जगहों पर शिव […]

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वेद अपौरुषेय हैं और इसके उपदेश शाश्वत और सनातन हैं

गुंजन अग्रवाल संस्कृत-भाषा का शब्द ‘धर्म’ अत्यन्त उदात्त अर्थ रखता है। संस्कृत में अर्थग्रथित शब्द बनाने की अद्भुत क्षमता रही है। किन्तु उसका भी जैसा उत्कृष्ट उदाहरण ‘धर्म’ शब्द में मिलता है, वैसा अन्यत्र नहीं मिलता। भारतवर्ष ने जो कुछ सशक्त निर्माण-कार्य युग-युग में संपन्न किया है और कर रहा है, वह सब ‘धर्म’ है। […]

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जीवन की सफलता वेदों के स्वाध्याय, सद्व्यवहार एवं आचरण में है”

ओ३म् “ हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का निर्णय करने सहित सत्य का ग्रहण एवं असत्य का त्याग कर सकते हैं वा करते हैं। यह कार्य पशु व पक्षी योनि के जीवात्मा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि पशु व […]

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श्रीमद्भगवद्गीता में आतंकवाद नहीं है

लेखक श्री विष्णु शर्मा प्रायः अनेक प्रकार के विभिन्न विचारधारा वाले लोग गीता पर यह आक्षेप लगाते रहते हैं कि गीता में जिहाद है और भीषण नरसंहार का आदेश दिया गया है किंतु आश्चर्य की बात तो ये है कि ऐसे लोगों ने कभी गीता को उठाकर तक भी देखा नहीं होता.. केवल सुनी सुनाई […]

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भारतीय धर्म मे अवैज्ञानिक आस्था – शिव के ज्योतिर्लिंग की वास्तविकता*

* डॉ डी के गर्ग * भाग-1 पौराणिक मान्यता : – जहाँ शिवजी स्वयं प्रगट हुए थे उस शिवलिंग को ज्योतिर्लिंग कहते हैं। देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं।मान्यता है कि इन 12 जगहों पर शिव जी ज्योति स्वरूप में विराजमान हैं, इस वजह से इन 12 मंदिरों को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।सभी 12 ज्योतिर्लिंग की […]

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*श्री कृष्ण १६ कलाओ से युक्त –विशेष अध्ययन*

डॉ डी के गर्ग भाग-2 हमारे बहुत से बंधू कृष्ण महाराज को पूर्ण अवतारी पुरुष कहते हैं। यहाँ हम अवतार का अर्थ संक्षेप में बताना चाहेंगे, “अवतार का शाब्दिक अर्थ “जो ऊपर से नीचे आया” और “पूर्ण पुरूष”है। पूर्ण कहते हैं जो अधूरा न रहा और पुरुष शब्द के दो अर्थ हैं : 1. पुरुष […]

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वेद का परमचक्षु ज्योतिष

सूर्य पितामहो व्यासो वसिष्ठोऽत्रि पराशरः। कश्यपो नारदो गर्गो मरीचिर्मनुरङ्गिरा ।। लोमशः पौलिषश्चैव च्यवनो यवनो भृगुः। शौनकोऽष्टादशश्चैते ज्योति: शास्त्र प्रवर्तका:।। (ज्योतिष शास्त्र के 18 प्रवर्तक ) शिक्षाघ्राणं तु वेदस्य, हस्तौकल्पौऽथ पठ्यते, मुख‌ व्याकरणं स्मृतं, निरुक्तं श्रौतं मुच्यते। छन्द पादो तु वेदस्य, ज्योतिषामयनं चक्षु, तस्मास्त सांगमधि त्यैव ब्रह्मलोके महीयते।। वेदाहि यज्ञार्थमभिप्रवृत्ताः कालानुपूर्व्या विहिताश्च यज्ञाः। तस्मादिदंकालविधानशास्त्रं यो ज्योतिषं […]

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