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आज का चिंतन

*चिमनी प्रभाव, हवन और महर्षि दयानन्द*।

लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ महर्षि दयानन्द अध्यात्म जगत के गूढ रहस्य को उद्घाटित करने वाले अध्यात्म मार्ग के प्रशास्ता दार्शनिक योगी ही नहीं थे केवल वह आदिभूत जगत के विज्ञान के सिद्धांतों के मर्मज्ञ ज्ञाता भी थे। महर्षि दयानंद का विज्ञान बोध भी उच्च कोटि का था। जिसकी झलकियां हमें उनके अमर ग्रंथ सत्यार्थ […]

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*देवयज्ञ और अग्निहोत्र*

देवयज्ञ का अर्थ है अग्निहोत्र और विद्वानों का संग एवं सेवा आदि | अग्निहोत्र का समय सूर्योदय के पश्चात् सूर्यास्त के पूर्व है | अग्निहोत्र के लिए निम्न उपकरणों की आवश्यकता है- १. एक धातु अथवा मिट्टी की चौकोर वेदी इस प्रकार बनवा लें कि ऊपर जितनी चौड़ी हो उतनी ही गहरी हो, परन्तु नीचे […]

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*रुद्राभिषेक रहस्य*

Dr DK Garg भाग 2 , रुद्राक्ष एक फल है –अंत में रुद्राक्ष के विषय में भी समझ ले : रुद्राक्ष अपनी दिव्यता के साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद में रुद्राक्ष को महाऔषधि की संज्ञा दी गई है। इसके विभिन्न औषधीय गुणों के कारण रोगोपचार हेतु इसका उपयोग आदिकाल से ही होता […]

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*रुद्राभिषेक रहस्य*

Dr D K Garg , भाग 1, पौराणिक मान्यता : रुद्राभिषेक भगवान रुद्र का अभिषेक करना है . रुद्राभिषेक में शिवलिंग को स्नान कराकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है. सावन के महीने में रुद्र ही सृष्टि का कार्य संभालते हैं, इसलिए इस समय रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है. शिव ही रूद्र हैं और रुद्र […]

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बुराईयों के बादलों के सर्वोच्च भाग को कौन और कैसे कंपित करता है?

बुराईयों के बादलों के सर्वोच्च भाग को कौन और कैसे कंपित करता है? बुरे विचारों को नष्ट करने के लिए हम कैसे प्रेरित हो सकते हैं? त्वंदिवोबृहतः सानुकोपयोऽ व त्मना धृषता शम्बरंभिनत्। यन्मायिनोव्रन्दिनोमन्दिना धृषच्छितांगभस्तिमशनिंपृतन्यसि।। ऋग्वेदमन्त्र 1.54.4 (त्वम्) आप (दिवः) प्रकाश के साथ, दिव्यताओं के साथ (बृहतः) बढ़ाते हुए (सानु) बादलों के उच्च स्तर पर (कोपयः) […]

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सबसे बड़ा सुनने वाला, परमात्मा, किस प्रकार हमें प्रकाशित करता है और हमारा रथ वाहक बनता है?

सबसे बड़ा सुनने वाला, परमात्मा, किस प्रकार हमें प्रकाशित करता है और हमारा रथ वाहक बनता है? अपने से बड़ों की शक्तियों को कैसे प्राप्त करें? अर्चादिवेबृहते शूष्यं१ वचः स्वक्षत्रं यस्य धृषतो धृषन्मनः। बृहछ्वाअसुरोबर्हणाकृतः पुरोहरिभ्यां वृषभोरथोहि षः।। ऋग्वेदमन्त्र 1.54.3 (अर्चा) अर्चना, पूजा (दिवे) प्रकाशवान् के लिए (बृहते) सबसे बड़ा (शूष्यम्) शक्ति, बल (वचः) वाणियाँ (महिमा […]

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आर्यों का आदर्श जीवन

आर्य-जीवन (7 April विश्व स्वास्थ्य दिवस “World Health Day” पर विशेष रूप से प्रकाशित) लेखक- पं० राजाराम प्रोफेसर प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ उठने का समय और पहला कर्तव्य नाम नाम्ना जोहवीति पुरा सूर्यात् पुरोषस:। यदज: प्रथमं संबभृव स ह तत् स्वराज्य मियाय यस्मान्नन्यत् परमस्ति भृतम्।। -अथर्व० १०/७/३१ सूर्य से पहले और उषा से पहले नाम नाम […]

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*गोपथ ब्राह्मण में ओंकार की महिमा:-*

गोपथ ब्राह्मण में ओ३म् की महिमा विषेश ध्यान देने योग्य है।यथा श्लोक (गो० 1/22) जिसके अर्थ इस प्रकार हैं, कि जो ब्रह्मोपासक इस अक्षर ‘ओ३म्’ की जिस किसी कामना पूर्ति की इच्छा से तीन रात्रि उपवास रखकर तेज-प्रधान पूर्व दिशा की ओर मुख करके, कुशासन पर बैठकर सहस्र बार जाप करता है उसके सब मनोरथ […]

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*द्रौपदी का चीर हरण* –1

डॉ डी के गर्ग (साभार -आर्य मनतव्य वेबसाइट) महाभारत में द्रौपदी के “चीर हरण ” जैसी कुत्सित और भ्रष्ट आचरण की कथा कथाकार बहुत विस्तार से सुनाते है जैसे की सम्पूर्ण घटना उनके सामने हुई है। मेरे विचार से द्रौपदी का चीर हरण दुर्योधन ने नहीं किया बल्कि आजकल के कथाकारों और नकली लेखकों ने […]

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*द्रौपदी का चीर हरण* –२

डॉ डी के गर्ग (साभार -आर्य मनतव्य वेबसाइट) श्रीकृष्ण के चमत्कार–इस प्रसंग में श्रीकृष्ण के चमत्कार को दर्शाने के लिए भी मनगढ़ंत बात गढ़ी हैं।यदि कृष्ण ने साडी देकर नग्न होने से बचाया इसका मतलब ये हुआ की द्रौपदी अर्धनग्न हो चुकी थी ? तभी क्यों नहीं बचा लिया ? या फिर जब दुःशासन बाल […]

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