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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानंद के बारे में हिंदी साहित्यकारों की दृष्टि और दृष्टिकोण

संकलनकर्ता- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ •आचार्य पं० रामचन्द्र शुक्ल (१८८४-१९४०) (आचार्य रामचन्द्र शुक्ल- हिन्दी समीक्षा को नवीन रूप देने वाले आचार्य शुक्ल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक थे। वे अपने मनोवैज्ञानिक निबंधों तथा सूर, तुलसी एवं जायसी पर लिखी समीक्षाओं के कारण विशेष ख्याति अर्जित कर सके। रसवादी समीक्षा शैली के […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द क्या थे?

श्री वीरसेन वेदश्रमी वह मूलशंकर था, चैतन्य था, महाचैतन्य था, दयानन्द था। सरस्वती था, वेदरूपी सरस्वती को वह इस धरातल पर प्रवाहित कर गया। वह स्वामी था, वह सन्यासी था, परिव्राट था। दंडी था, योगी था, योगिराज था, महा तपस्वी था। योग सिद्धियों से संपन्न था-परन्तु उनसे अलिप्त था। मनीषी था, ऋषि था, महर्षि था, […]

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आओ कुछ जाने

इस्लाम सिर्फ अरबों के लिए है -सबके लिए नहीं !!

कुरान इस्लाम का प्रमाणिक और आधार धर्मग्रन्थ है , जो अरबी भाषा में है , जिस से अधिकांश मुस्लिम अनभिज्ञ हैं , इसलिए मुसलमानों को कुरान का सही अर्थ और आशय समझने के लिए मुल्ले मौलवियों का सहारा लेना पड़ता है . यही कारण है कि सामान्य मुस्लिमों की कुरान के बारे में अज्ञानता का […]

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कविता

यदि राम धर्म से गिर जाते ….

कविता  — 43 जब तैंतीस कोटि देवों की यह भारत भूमि होती थी। भारत के रहते सारी दुनिया तब बेफिक्री से सोती थी।। आलम की मस्ती न्यारी थी भारत के दुनिया गुण गाती, चहुंओर शांति   पसरी  थी हर भोर शांति पर इठलाती ।। धनुर्धारी  वीर  भारत के तब धर्म  की  रक्षा  करते  थे, जितने भी […]

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