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राजनीति

आज अटलजी से बेहतर भारत रत्न कौन!

आज के दिन भारत रत्न के लिए श्री अटलबिहारी वाजपेयी से बेहतर उम्मीदवार कौन हो सकता था और उनको यह सम्मान कॉंग्रेस सरकार देती तो उससे बेहतर क्या होता? लेकिन यह श्रेय मोदी सरकार को ही मिलना था। अब तक कॉंग्रेसी अटल बिहारी वाजपेयी को ‘गलत पार्टी में सही आदमी’कहते रहे| उन्होंने वह मौका खो […]

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विविधा

जम्मू कश्मीर के चुनाव परिणामों से भाजपा एजेंडा सेटर की भूमिका में

-डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री                         जम्मू कश्मीर की विधान सभा के लिये हुये चुनावों के जो परिणाम २३ दिसम्बर को सामने आये , उन्होंने प्रकारान्तर से राज्य के राजनैतिक इतिहास को बदल दिया है । राज्य की राजनीति १९४७ से एक ही दिशा में चली हुई थी और उस का परिणाम राज्य में भ्रष्टाचार , […]

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विविधा

“स्वक्छता अभियान” के प्रभाव से मालाड बी एम सी कर्मचारी जोश में

“स्वक्छता अभियान” के प्रभाव से मालाड बी एम सी कर्मचारी जोश में मुंबई। सामाजिक संस्था ‘गांधी विचार मंच’ के अध्यक्ष श्री. मनमोहन गुप्ता द्वारा मालाड (वेस्ट) में रेलवे ब्रिज के पास “स्वक्छता अभियान” की शुरुवात कर रक्खा है। और मोदी जी के “स्वक्छता अभियान” के बाद से पूरे देश में यह जोर शोर से चालू […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अलाउद्दीन की सेना को भी परास्त किया था हम्मीर देव चौहान ने

सुल्तान ने किला यूं ही छोड़ दिया सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी के विषय में हमें अधिक जानकारी समकालीन इतिहास लेखक जियाउद्दीन बर्नी की पुस्तक ‘तारीखे फिरोजशाही’ से मिलती है। बरनी ने रणथंभौर पर सुल्तान की चढ़ाई का बड़ा रोचक वर्णन किया है । वह लिखता है कि जब सुल्तान ने रणथंभौर पर चढ़ाई की तो वहाँ […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

‘भारत रत्न’ के एलान से राजधर्म का कर्ज उतर गया !

 पुण्‍य प्रसून वाजपेयी “मेरा एक ही संदेश है कि राजधर्म का पालन करें। राजधर्म….। यह शब्द काफी सार्थक है। मै इसी का पालन कर रहा हूं। पालन करने का प्रयास कर रहा हूं। राजा के लिये शासक के लिये प्रजा प्रजा में भेद नहीं हो सकता। ना जन्म के आधार पर ना जाति के आधार […]

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विविधा

  डल लेक में बेमौसम कमल खिलाकर जम्मू ने सियासत उलट दी !

पुण्‍य प्रसून वाजपेयी चुनावी लोकतंत्र फेल हुआ तो बंदूक थामी। सिस्टम को लेकर गुस्सा चरम पर पहुंचा तो पत्थर उठाया। और जिन्दगी जीने की जरुरतो ने सपनों को जगाया तो वोट डाल कर अंगुली पर लोकतंत्र के उसी चिन्ह से एक ऐसी सियासी लकीर खींच दी, जिसे दिल्ली चाहकर भी भूल नहीं सकती है। क्योंकि […]

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विविधा

क्या यही इस्लाम है ?

हम पेशावर या अन्य कही पर हुए आतंकवादी आक्रमणों को कब तक आपके समाचार पत्रो  में छपे लेखो “दहला देने वाला हमला” , “पागलपन की पराकाष्ठा”, “आतंक का कहर” ,”मानवता के हत्यारे ” “इंसानियत के दुश्मन”आदि आदि को पढ़ कर इसके  वीभत्स चेहरे को कोसते रहेंगे ?  इसकी जड़ो मे जाकर इसको समझ कर समाज […]

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विविधा

मोदी की मौनी-मुद्रा

संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की बैठकें हंगामे की भेंट चढ़ गईं। कई महत्वपूर्ण विधेयक अधर में लटक गए। जिस मुद्दे को लेकर हंगामा होता रहा, उस पर भी कोई सारगर्भित बहस नहीं हुई। धर्मांतरण-जैसा गंभीर मुद्दा भी राजनीति की भेंट चढ़ गया। इसका कारण सिर्फ एक है- विपक्ष की जिद। उसकी जिद यह […]

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विविधा

पेशावर से शुरू हो सकता है नया दौर

पेशावर में हुए हत्याकांड ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है। अब तक पाकिस्तान में हजारों लोग आतंकवाद के शिकार हुए हैं लेकिन डेढ़ सौ बच्चों और अध्यापकों की निर्मम हत्या ने पाकिस्तान के हुक्मरानों को भी जगा दिया है। पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार बोला है कि आतंकवादी अच्छे और बुरे नहीं […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

इतिहास के उस कौतूहल से पर्दा उठना ही चाहिए

क्रांतिकारियों को नेहरू कहते थे-विकृत मानसिकता वाला देश के वैभव के लिए अपने वैभव को तिलांजलि देने वाले क्रांतिकारियों को नेहरू जी जैसे लोग ‘विकृत मानसिकता’ वाला कहते रहे, और उन्हें इतिहास में समुचित स्थान नही दिया गया। नेहरू जी की इस मानसिकता पर सावरकर जी ने उन्हें कहा था-”जब हम प्रधानमंत्री श्री नेहरू जी […]

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