भारत के महापुरूषों ने दूर दूर तक अपनी संस्कृति को फैलाया। वे शस्त्र नही प्रेम को लेकर आगे बढे। उन्हे न रथ की आवश्यकता पडी न धुडसवारों की उनके विचार ही पादातिक थे। वे चींटी को बचाकर चले तथा पशु बल को सदैव नगण्य समझा निपट अन्यों ने उनको अपना और अनन्य गिना। यही संस्कृति […]
महीना: फ़रवरी 2014
वर्तमान अनुकूल कर, अपने हित में मोड़ गतांक से आगे….सहस्र गायों के बीच में,बछड़ा मां ढिंग जाए।जैसा जिसका कर्म है,उसी के पीछे आय ।। 540 ।। आयु एक मुहूर्त की,पुण्य तै करे निहाल।पापी की क्या जिंदगी,बेशक जीये सौ साल ।। 541 ।। मुहूर्त अर्थात-48 मिनट का जीवन मिले। बीते पर मत शोक कर,भविष्य की चिंता […]
जहाँ प्रकृति का उन्मुक्त विलास वहीं है शिवजी का निवास – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com शिव को पाने के लिए हम लाख जतन करते रहते हैं मगर अभी तक हमारी पीढ़ी में कोई ऎसा नहीं मिल पाया है जो दावे के साथ कह सके कि भगवान शिव का साक्षात्कार या अनुभव उसे हो […]
ज्ञानवती धाकड़गतांक से आगे….भोजन के तुरंत बाद पेशाब करने आवश्यक रूप से जाना चाहिए तथा उसके बाद थोड़ी देर के लिए घूमना चाहिए। भोजन के तुरंत बाद सोना नही चाहिए और अगर संभव हो तो भोजन के बाद थोड़ी देर के लिए वज्रासन में बैठना चाहिए, यही एक आसन ऐसा है जो भोजन के बाद […]
केरल सरकार किए नीतिगत वादों को पूरा न करने पर सर्वोच्च न्यायालय ने राजनैतिक दलों को नसीहत दी है न्यायालय का कहना है कि दल और सरकारें वहीं वादे करें, जिन्हें यर्था के धरातल पर पूरा किया जा सके। न्यायाधीश एआर दवे और एके सीकरी की पीठ ने केरल सरकार की बिजली संबंधी पर सुनवाई […]
स्थान, समय और स्वार्थ सापेक्ष होती है मित्रता और शत्रुता – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com इंसान की पूरी जिन्दगी शत्रुता और मित्रता के दो ध्रुवों के बीच पेण्डुलम की तरह हिलती-डुलती रहती है। कभी एक छोर का आकर्षण बढ़ जाता है तो कभी दूसरे छोर का। कभी इधर तो कभी उधर करते रहते हुए दिन-महीने और […]
विजय कुमारलोकसभा चुनाव निकट होने के कारण प्रचार, प्रसार और विज्ञापन-युद्ध प्रारम्भ हो गया है। कुछ दिन पूर्व समाचार पत्रों में सोनिया कांग्रेस की ओर से राहुल बाबा के चित्र वाला एक विज्ञापन ‘मैं नहीं, हम’ प्रकाशित हुआ था। इसके द्वारा भाजपा और नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाकर यह कहा गया कि वहां पूरा दल […]
ऎसा खान-पान होगा तो विकार आएंगे ही – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com खान-पान सिर्फ वह प्रक्रिया नहीं है जिसमें खा-पी कर पेट भर लिया और फिर अपनी राह। खान-पान का सीधा संबंध शरीर की तमाम ज्ञानेन्दि्रयों और कर्मेन्दि्रयों से है । इसी से चित्त की भावभूमि, मन-मस्तिष्क की तरंगों और संकल्पों की दिशाओं को […]
ज्ञानवती धाकड़गतांक से आगे….इसके लिए आवश्यक है कि हम अपनी दैनिक दिनचर्या में इस तरह के छोटे छोटे सहज होने वाले आयाम जोड़ लें, ताकि हम बिना बहुत अधिक समय लगाये हुए भी स्वस्थ, शांत खुश और संतुष्ट रह सकें। इसके लिए बहुत ज्यादा समय देने की या बहुत ज्यादा पैसा खर्च करने की या […]
कितना अच्छा होता वे वहाँ होते – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com ये दुनिया भी बड़ी ही अजीब है। आदमी सोचता क्या है और हो क्या जाता है। वह करना क्या चाहता है, और मिल क्या जाता है, वह रहना कहाँ चाहता है, और रहना कहाँ पड़ता है, वह रहना किन लोगों के साथ चाहता है, और रहना किनके साथ […]