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इतिहास के पन्नों से

आर्य हिंदू राजाओं का चारित्रिक आदर्श

भारत देश की महान वैदिक सभ्यता में नारी को पूजनीय होने के साथ साथ “माता” के पवित्र उद्बोधन से संबोधित किया गया हैं। मुस्लिम काल में भी आर्य हिन्दू राजाओं द्वारा प्रत्येक नारी को उसी प्रकार से सम्मान दिया जाता था जैसे कोई भी व्यक्ति अपनी माँ का सम्मान करता हैं। यह गौरव और मर्यादा […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

ईसाई मिशनरियों का एक कुत्सित तरीका – धर्मांतरण से चंगाई

डॉ विवेक आर्य विश्व इतिहास इस बात का प्रबल प्रमाण हैं की हिन्दू समाज सदा से शांतिप्रिय समाज रहा हैं। एक ओर मुस्लिम समाज ने पहले तलवार के बल पर हिन्दुओं को मुस्लमान बनाने की कोशिश करी थी, अब सूफियो की कब्रों पर हिन्दूओं के सर झुकवाकर, लव जिहाद या ज्यादा बच्चे बनाकर भारत की […]

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विविधा

महात्मा बुद्ध का मांसाहार को लेकर चिंतन

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित महात्मा बुद्ध महान समाज सुधारक थे। उस काल में प्रचलित यज्ञ में पशु बलि को देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने उसके विरुद्ध जन आंदोलन कर उस क्रूर प्रथा को रुकवाया। महात्मा बुद्ध जैसे अहिंसा के समर्थक एवं बुद्ध धर्म के विषय में दो बातें उनके आंदोलन […]

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इतिहास के पन्नों से

जब औरंगजेब की धर्मांधता पूर्ण नीतियों के विरुद्ध जाट समाज उठ खड़ा हुआ था

  -डॉ विवेक आर्य वीर शिवाजी के समान मथुरा की वीर गोकुल सिंह की विजय गाथा। सर यदुनाथ सरकार लिखते हैं – “मुसलमानों की धर्मान्धता पूर्ण नीति के फलस्वरूप मथुरा की पवित्र भूमि पर सदैव ही विशेष आघात होते रहे हैं. दिल्ली से आगरा जाने वाले राजमार्ग पर स्थित होने के कारण, मथुरा की ओर […]

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भारतीय संस्कृति

युधिष्ठिर के जुआ खेलने के संबंध में विशेष : हे मनुष्य ! जुआ मत खेल, खेती कर

  डॉ विवेक आर्य महाभारत में द्रौपदी चीर-हरण का प्रसारण हुआ। हम महाभारत के यक्ष-युधिष्ठिर संवाद आदि का अवलोकन करते हैं, तो युधिष्ठिर एक बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में प्रतीत होते हैं। जब महाभारत में उन्हें जुआ खेलता पाते हैं, तो एक बुद्धिमान व्यक्ति को एक ऐसे दोष से ग्रसित पाते हैं जिसने न जाने […]

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इतिहास के पन्नों से

रामायण में सीता जी की अग्नि परीक्षा

  रामायण महाकाव्य में सीता अग्निपरीक्षा एक विवादित प्रसंग के रूप में जाना जाता है। इस प्रसंग के अनुसार राम द्वारा रावण को युद्ध में हराने के पश्चात लंका में सीता को स्वीकार करने से पहले सीता की अग्निपरीक्षा ली। अग्नि में प्रवेश करने के पश्चात भी सीता का शरीर भस्म नहीं हुआ। इससे सीता […]

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आज का चिंतन

क्या है शम्बूक वध का सत्य

  मर्यादापुरुषोतम श्री रामचंद्र जी महाराज के जीवन को सदियों से आदर्श और पवित्र माना जाता हैं। कुछ विधर्मी और नास्तिकों द्वारा श्री रामचन्द्र जी महाराज पर शम्बूक नामक एक शुद्र का हत्यारा होने का आक्षेप लगाया जाता हैं। सत्य वही हैं जो तर्क शास्त्र की कसौटी पर खरा उतरे। हम यहाँ तर्कों से शम्बूक […]

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इतिहास के पन्नों से

रामायण में उत्तरकांड के प्रक्षिप्त होने के प्रमाण

  कौन ऐसा भारतीय है जो रामायण महाकाव्य और रचियता आदि कवि वाल्मीकि से परिचित न हो ? रामायण हम भारतियों के प्राण है। उसकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही व्यवहारिक है जितनी की प्राचीन काल में थी। उसमें जीवन की गहन और गम्भीर समस्यों का सुलझा हुआ स्वरुप दृष्टिगोचर होता है। एक ओर श्री […]

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पर्व – त्यौहार

क्या हनुमान आदि वानर थे

डॉ विवेक आर्य इन प्रश्नों का उत्तर वाल्मीकि रामायण से ही प्राप्त करते है। 1. प्रथम “वानर” शब्द पर विचार करते है। सामान्य रूप से हम “वानर” शब्द से यह अभिप्रेत कर लेते है कि वानर का अर्थ होता है “बन्दर” परन्तु अगर इस शब्द का विश्लेषण करे तो वानर शब्द का अर्थ होता है […]

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पर्व – त्यौहार

श्री रामचंद्र जी के जन्म दिवस के अवसर पर उनके महान जीवन से प्रेरणा

आज आर्यकुलभूषण, क्षत्रिय कुलदीवाकर, वेदवित, वेदोक्त कर्मप्रचारक, देशरक्षक, शुर सिरताज, रघुकुलभानु, दशरथात्मज, महाराजाधिराज रामचन्द्रजी का जन्म दिवस है। सदियों से श्री राम जी का पावन चरित्र हमें प्रेरणा देता आ रहा हैं। यह कहने में हमें गर्व होता हैं की यदि मनुष्य रामचरित के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करें तो अवश्य मुक्ति पद को प्राप्त […]

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