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इतिहास के पन्नों से

आर्यसमाज और महात्मा गांधी — भाग 2

लेखक- पं० चमूपति जी, प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, #डॉ_विवेक_आर्य •अनजाने में मिथ्याकथन महात्मा कहते हैं ऋषि ने अनजाने में मिथ्या कथन किया है। ‘अनजाने में मिथ्या कथन’ से महात्मा का तात्पर्य क्या है? क्या ऋषि ने इन मत मतान्तरों का भाव अशुद्ध समझा? यह सम्भव है! अन्ततोगत्वा ऋषि भी मनुष्य थे। दूसरा यह कि समझा तो […]

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भारतीय संस्कृति

मनुस्मृति और नारी जाति

डॉ. विवेक आर्य भारतीय समाज में एक नया प्रचलन देखने को मिल रहा है। इस प्रचलन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया में अपने आपको बहुत बड़े बुद्धिजीवी के रूप में दर्शाते है। सत्य यह है कि वे होते है कॉपी पेस्टिया शूरवीर। अब एक ऐसी ही शूरवीर ने कल लिख दिया मनु ने नारी […]

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आज का चिंतन

क्या शिवजी को भांग पीते हुए चित्रित करना सही है?

#डॉ_विवेक_आर्य हिन्दू समाज में शिवजी भगवान को कैलाशपति, नीलकंठ आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। नीचे एक चित्र दिया गया है। जिसमें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी भांग का सेवन करते हुए दिखाए गए है। वेदों में शिव ईश्वर का एक नाम है जिसका अर्थ कल्याणकारी है एवं एक नाम रुद्र है जिसका अर्थ […]

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उगता भारत न्यूज़

ईश्वर विश्वास पाप से कैसे बचाता है

डॉ. विवेक आर्य शंका- एक नास्तिक ने प्रश्न किया की ईश्वर विश्वास पाप से कैसे बचाता है? समाधान- ईश्वर विश्वासी व्यक्ति सर्वव्यापक अर्थात ईश्वर को जगत में हर स्थान पर स्थित होना मानता है। जो व्यक्ति ईश्वर को मानेगा तो वह ईश्वरीय कर्मफल व्यवस्था में भी विश्वास करेगा। कर्मफल सिद्धांत जो जैसा बोयेगा वो वैसा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द क्या थे?

श्री वीरसेन वेदश्रमी वह मूलशंकर था, चैतन्य था, महाचैतन्य था, दयानन्द था। सरस्वती था, वेदरूपी सरस्वती को वह इस धरातल पर प्रवाहित कर गया। वह स्वामी था, वह सन्यासी था, परिव्राट था। दंडी था, योगी था, योगिराज था, महा तपस्वी था। योग सिद्धियों से संपन्न था-परन्तु उनसे अलिप्त था। मनीषी था, ऋषि था, महर्षि था, […]

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महत्वपूर्ण लेख

शुद्धि अभियान से धर्म परिवर्तन के षड़यंत्र को विफल किया जा सकता है

डॉ. विवेक आर्य चित्र मे नेताजी पालकर की शुद्धि का दृश्य है। शुद्धि के साक्षी स्वयम छत्रपति शिवाजी थे। नेताजी पालकर का विवाह भी माता जीजाबाई के पैतृक परिवार की कन्या से करवाया गया। आज पूरे भारत में दलित जाति के हिन्दूओं को जोर शोर से इसाई बनाया जा रहा रहा है. हिन्दू सो रहा […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर है कि नहीं कैसे पता चले?

डॉ. विवेक आर्य प्रसिद्ध स्पेनिश विचारक जेवियर जुबिरी एक बार बाल कटवा रहे थे। बातों ही बातों में जेवियर और नाई के बीच इस बात पर बहस छिड़ गई कि ईश्वर है या नहीं। नाई का कहना था, ‘अगर ईश्वर होता तो दुनिया में शांति और खुशी होती न कि हिंसा और बीमारियां। अगर वह […]

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इतिहास के पन्नों से

संत रविदास को मुसलमान नहीं बना पाया सिकंदर लोधी

डॉ. विवेक आर्य जय भीम का नारा लगाने वाले दलित भाइयों को आज के कुछ राजनेता कठपुतली के समान प्रयोग कर रहे है। यह मानसिक गुलामी का लक्षण है। दलित-मुस्लिम गठजोड़ के रूप में बहकाना भी इसी कड़ी का भाग हैं। दलित समाज में संत रविदास का नाम प्रमुख समाज सुधारकों के रूप में स्मरण […]

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मुद्दा

युवाओं को क्या संदेश देता है वैलेंटाइन डे

(व्यभिचारी एवं चरित्रहीन व्यक्ति नष्ट हो जाता है।) आज समाज में अश्लीलता को आधुनिकता के नाम पर परोसा जा रहा है। इसे एक प्रकार से बौद्धिक आतंकवाद भी कहा जा सकता ह। युवावस्था के अपरिपक्व मस्तिष्क को अफीम के समान व्यभिचार कि लत के लिए प्रेरित कर उसे भोगवाद के अंधे कुएँ में धकेल दिया […]

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मुद्दा

हिज़ाब से नहीं बल्कि उच्च विचारों से होगा नारी जाति का सम्मान

इस्लामिक मान्यता के अनुसार औरतों को हिज़ाब में रखने से समाज में नारी जाति का हित है। मगर देखने में यह मिलता है कि जिन देशों में हिज़ाब प्रचलित हैं उनमें बलात्कार, छेड़छाड़ जैसी घटनाएँ प्रचलित हैं। इससे यही निष्कर्ष निकलता हैं कि हिज़ाब से अधिक महत्वपूर्ण विचारों की पवित्रता है। क्यूंकि शुद्ध विचारों से […]

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