रवि शंकर राजनीति का सामान्य अर्थ है राज करने की नीति। राज करना यानी लोगों पर शासन करना नहीं होता। राज करने का अर्थ है लोगों को अभय यानी सुरक्षा प्रदान करना। प्रश्न उठता है कि किन लोगों को सुरक्षा प्रदान करना? एक प्रसिद्ध हिंदी फिल्म गब्बर इज बैक में प्रशासन भ्रष्टाचारी अधिकारियों को गब्बर […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
विकास पराशर आधुनिकता और शहरीकरण के नाम पर समाज में एक सोची समझी नीति के तहत हिंदुओं में पूजनीय स्त्री के प्रति निकृष्ट नजरिया सिनेमा जगत व अन्य संचार माध्यमों के द्वारा पैदा कर दिया गया है। इस सामाजिक पतन में संस्काररहित अधूरी शिक्षा नीति का योगदान है। इस शिक्षा से लोगों में भोगवादी नजरिया […]
डॉ. कृष्णचंद्र पांडेय कहा जाता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यूं तो सृष्टि के प्रत्येक प्राणी का अपना समाज होता है। परन्तु प्रत्येक प्राणी अपने सामाजिक धर्म के बन्धन से बंधा हो, यह आवश्यक नही है। परन्तु मनुष्य के साथ यह शर्त है कि वह धर्म से संचालित हो। आहार निद्रा भय मैथुन […]
सुद्युम्न आचार्य वराहमिहिर ने पृथ्वी सहित ग्रहों का सही परिभ्रमण काल की सटीक गणना प्रस्तुत की है। इस देश में प्राचीन काल से ज्योतिष के विद्वानों का अत्यधिक सम्मान रहा है। वेद की एक सूक्ति में कहा है- प्रज्ञानाय नक्षत्रदर्शम् (यजुर्वेद 30.10) अर्थात् सबसे बढिय़ा विज्ञान, सबसे अच्छी प्रतिभा प्राप्त करनी हो तो ‘नक्षत्रदर्श’ के […]
सामाजिक व्यवस्था पर एक करारा व्यंग *************** – _राजेश बैरागी-_ किसी भी कार्यालय का मुख्य प्रवेश द्वार स्वागत पटल से बाधित होता है। अच्छे खासे सूटेड-बूटेड आदमी से स्वागत पटल पर जैसी पूछताछ होती है वैसी शायद सीबीआई भी नहीं करती। स्वागत करने वाली बाला या बाल आपसे तनिक भी प्रभावित नहीं होते। उन्हें अंदर […]
5 सितम्बर/जन्म-दिवस भारत एक विशाल देश है। यहाँ सब ओर विविधता दिखाई देती है। शहर से लेकर गाँव, पर्वत, वन और गुफाओं तक में लोग निवास करते हैं। मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमा पर बड़ी संख्या में भील जनजाति के लोग बसे हैं। श्री बालेश्वर दयाल (मामा) ने अपने सेवा एवं समर्पण से महाराणा […]
प्रस्तुति – नीरज कौशिक सन् 1992 लगभग 25 साल पहले सोफिया गर्ल्स स्कूल अजमेर की लगभग 250 से ज्यादा हिन्दू लडकियों का रेप जिन्हें लव जिहाद/प्रेमजाल में फंसा कर, न केवल सामूहिक बलात्कार किया* बल्कि एक लड़की का रेप कर उसकी फ्रेंड/भाभी/बहन आदि को लाने को कहा, एक पूरा रेप चेन सिस्टम बनाया, जिसमें पीड़ितों […]
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भारत पर अंग्रेजों की असली जीत 14 एवं 15 अगस्त 1947 ईस्वी को हुई, क्योंकि उस दिन पहली बार वे भारत में एक ऐसे उत्तराधिकारी समूह को अपनी सत्ता सौंप कर जाने में सफल हुये जो उनसे कई गुना बढ़कर अंग्रेजों का भक्त था और जो प्रत्येक भारतीय सत्य और तथ्य […]
आर० शंकर हमारे विद्यालयीन और महाविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में यह स्पष्ट रूप से बताया जाता है कि भारत में विज्ञान की शिक्षा का सूत्रपात अंग्रेजों ने ही किया है। इसे काफी कृतज्ञतापूर्वक स्मरण किया जाता है कि यदि वे नहीं आते तो हम अभी भी बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी के युग में ही जी रहे होते, खेती […]
रवि शंकर भारत और चीन दोनों पड़ोसी देश ही नहीं हैं, बल्कि दोनों में काफी कुछ साझा भी है। जब भी विश्व की प्राचीन सभ्यताओं की चर्चा होती है, भारत के साथ चीन का ही नाम लिया जाता है। आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से चीन भारत के सर्वाधिक नजदीक माना जाता है। विश्व को अधिकांश […]