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इतिहास के पन्नों से

आर एस एस का इतिहास और उसकी देश भक्ति

बाल मुकुन्द ओझा आरोप लगाने वाले जरा RSS का इतिहास पढ़ लें तो राष्ट्रभक्ति से उनका भी परिचय हो जायेगा कांग्रेस सहित कई संगठन संघ पर गाँधी की हत्या सहित देश के विभाजन का आरोप लगाने में नहीं चूक रहे हैं। संघ पर गांधी हत्या में लिप्त होने का आरोप एक फैशन बन गया है। […]

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राजनीति

इस समय तमिलनाडु की राजनीति ढूंढ रही है कोई करिश्माई नेता

संदीपसिंह सिसोदिया तमिलनाडु की राजनीति इस समय एक तरह से ‘अनाथ’ हो गई है। पहले अम्मा (जयललिता) और फिर उडनपिराप्पे (करुणानिधि को लाखों डीएमके कार्यकर्ता उडनपिराप्पे याने बड़ा भाई पुकारते थे) नहीं रहे। दक्षिण भारत के बड़े राज्य की राजनीति में बने शून्य ने कई सवालों को जन्म दिया है। सबसे बड़ी बात है कि […]

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आतंकवाद

क्या कश्मीर के बाद पश्चिम बंगाल में होने वाला है गृह युद्ध शुरू ?

अमेरिकी पत्रकार जेनेट लेवी ने अपने ताजा लेख में दावा किया है कि कश्मीर के बाद बंगाल में जल्द ही गृहयुद्ध शुरू होने वाला है, जिसमे बड़े पैमाने पर हिन्दुओं का कत्लेआम करके मुगलिस्तान नाम से एक अलग देश की मांग की जायेगी। यानी भारत का एक और विभाजन होगा और वो भी तलवार के […]

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इतिहास के पन्नों से

ऋषि महात्माओं के प्रति बहुत ही श्रद्धालु थे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

अनिरुद्ध जोशी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने देश के सभी संतों के आश्रमों को बर्बर लोगों के आतंक से बचाया। इसका उदाहरण सिर्फ ‘रामायण’ में ही नहीं, देशभर में बिखरे पड़े साक्ष्यों में आसानी से मिल जाएगा। विश्वामित्र को ताड़का और सुबाहु के आतंक से मुक्ति दिलाई। सुंदरवन में ऋषि रहते थे। सुंदरवन को पहले ताड़का […]

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आओ कुछ जाने

लिंकन को आशीष , नेहरू को श्राप देते अपने लोग

सुशोभित सक्तावत अब्राहम लिंकन की “प्रेसिडेंशियल टाइमलाइन” “अमेरिकन सिविल वॉर” के एकदम समांतर थी। 1861 से 1865 तक! यानी लिंकन का लगभग पूरा कार्यकाल गृहयुद्ध से जूझते बीता। लेकिन यह सिविल वॉर था क्या? यह अमेरिकी मेनलैंड और “साउथ” में बसे अश्‍वेतों के बीच छिड़ी स्वायत्तता की लड़ाई थी, जिसमें साउथ के मिसिसिपी, टेक्‍सस, टेनसी, […]

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इतिहास के पन्नों से

यह नेहरू का भारत है जहां अच्छी अंग्रेजी लिखना गर्व की बात मानी जाती है और अच्छी हिंदी हमें असहज करती है

सुशोभित सक्तावत सन् सैंतालीस में भारत आज़ाद हुआ. “नेहरू बहादुर” प्रधानमंत्री बने. सत्रह साल उन्होंने एकछत्र राज किया. हिंदुस्तान की तमाम अकादमियों में इन सत्रह सालों में “नेहरू बहादुर” ने चुन-चुनकर ऐसे लोगों को बैठा दिया, जिन्हें भारतीय परंपरा से संबद्ध हर ज्ञान से चिढ़ हो. चाहे वो लोक का ज्ञान हो या शास्त्र का […]

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इतिहास के पन्नों से समाज

हिंदू समाज के पतन के कारण

वैदिक धर्म की मान्यताओं में अविश्वास एवं मत-मतान्तर, भिन्न भिन्न सम्प्रदाय, पंथ, गुरु आदि के नाम से वेद विरुद्ध मत आदि में विश्वास रखना। इस विभाजन से हिन्दू समाज की एकता छिन्न-भिन्न हो गई एवं वह विदेशी हमलावरों का आसानी से शिकार बन गया। वेदों में वर्णित एक ईश्वर को छोड़कर उनके स्थान पर अपने […]

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कृषि जगत

क्या इन नए कृषि कानूनों के पूर्व कृषि और खेती में सब कुछ ठीक-ठाक था ?

डॉ. एके वर्मा यदि 94 प्रतिशत किसान एमएसपी से बाहर हैं तो क्या किसान नेता केवल 6 प्रतिशत किसानों के हितों को लेकर आंदोलनरत हैं? कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आंदोलनकारी यह नहीं बता पा रहे हैं कि तथाकथित काले कृषि कानूनों में काला क्या है? इसके बजाय वे अक्टूबर तक आंदोलन जारी […]

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मुद्दा

कांग्रेस के लिए सबसे कमजोर कड़ी है राहुल और प्रियंका गांधी

अजय कुमार सियासत में टाइमिंग का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उत्तर भारतीयों पर दिए गए बयान पर कहीं कोई खास प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिल रही है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि राहुल का बयान ‘नेपथ्य’ में चला गया है। राजनीति में […]

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राजनीति

विधानसभा चुनावों की आहट सुन अखिलेश यादव हुए सावधान, चले मंदिरों की ओर

संजय सक्सेना अखिलेश साल की शुरुआत में लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में अयोध्या से आए महंत और मौलवियों से मिले। उन्होंने इस मौके पर ऐलान किया था कि अगर यूपी में एसपी की सरकार बनती है तो भगवान श्रीराम की नगरी में मठ-मंदिर, मस्जिद-गुरुद्वारा, गिरजाघर और आश्रम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 2017 में सत्ता […]

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