इस्लाम से पहले अरब के लोग नहीं जानते थे कि अल्लाह किस चीज का नाम है ,सन 610 के आसपास मुहमद ने अल्लाह की रचना की थी , और अपने अल्लाह को सबसे बड़ा , महान ,सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ साबित करने के लिए दिसंबर 629 ईस्वी रमजान 8 हिजरी में काबा में रखे 360 देवी […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-15 नरेन्द्र सहगल भारत की सनातन संस्कृति के वैचारिक आधार ‘शस्त्र और शास्त्र’ को साक्षात अपने जीवन में चरितार्थ करने वाले स्वातंत्र्य वीर सावरकर आधुनिक सदी के छत्रपति शिवाजी थे। जिस प्रकार हिंदू समाज को हथियारबंद करके शिवाजी ने मुगलिया सल्तनत की ईंट से ईंट बजा […]
अपनी जन्मभूमि मारवाड़ को मुक्त कराने वाले वीर दुर्गादास राठौड़ का का जन्म 13 अगस्त, 1638 को ग्राम सालवा में हुआ था। उनके पिता जोधपुर राज्य के दीवान श्री आसकरण तथा माता नेतकँवर थीं। आसकरण की अन्य पत्नियाँ नेतकँवर से जलती थीं। अतः मजबूर होकर आसकरण ने उसे सालवा के पास लूणवा गाँव में रखवा […]
स्वामी विद्यानंद सरस्वती (पूर्व नाम प्रिंसिपल लक्ष्मी दत्त दीक्षित जी हैं ), ने अपनी पुस्तक “खट्टी मीठी यादें” में पृष्ठ 95 से 97 तक इस विषय पर लिखा है, “मेरे प्रिंसिपल बनने के बाद सन 1959 ईस्वी में कॉलेज का पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया । परंपरा के अनुसार उस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराया […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-14 नरेन्द्र सहगल मां भारती के हाथों और पांवों में पड़ी हुई गुलामी की जंजीरों को तोड़ डालने के लिए देश में दो प्रयास चल रहे थे। एक सशस्त्र क्रांति द्वारा क्रूरता की सारी हदें पार करने वाले अंग्रेजों को भारत से भगाना और दूसरा अहिंसा […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-13 नरेन्द्र सहगल सरदार भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने लाहौर के भरे हुए खुले स्थान पर दिनदहाड़े अत्याचारी अंग्रेज अफसर सांडर्स को गोलियों से उड़ा दिया। हत्या करने के पश्चात चारों क्रांतिकारी चारों ओर की चाकचौबंद घेराबंदी को धता बताकर प्रशासन की आंखों में […]
साभार…”फॉरेस्ट गंप” फिल्म में जब बच्चे की माँ अपने मंदबुद्धि बच्चे का एडमिशन सामान्य स्कूल में ही करवाने की जिद्द पकड़ती है तो उससे स्कूल का प्रिंसिपल क्रिस्चियन फॉदर इसकी कीमत उसका यौन शोषण करके वसूलता है। लेकिन “लाल सिंह चढ्ढा” फिल्म का क्रिस्चियन फॉदर तो बड़ा महान निकला। वह न तो बच्चे की माँ […]
देश का झण्डा दिव्य तिरंगा,आन-बान और शान है । हर भारतवासी का तन मन धन और उसकी जान है ।। ऊपर ‘भगवा’ रंग भारत की संस्कृति को दर्शाता है, ‘श्वेत’ मध्य में सत्य,अहिंसा,शान्ति,प्रेम सिखलाता है । ‘हरित’ वर्ण यह सस्य-श्यामला धरती की पहचान है ।। तीन रंग का अपना झण्डा विश्वविजय का परिचायक, भारत का […]
सन १९२३ में मुसलमानों की ओर से दो पुस्तकें “१९ वीं सदी का महर्षि” और “कृष्ण,तेरी गीता जलानी पड़ेगी ” प्रकाशित हुई थी। पहली पुस्तक में आर्यसमाज का संस्थापक स्वामी दयानंद का सत्यार्थ प्रकाश के १४ सम्मुलास में कुरान की समीक्षा से खीज कर उनके विरुद्ध आपतिजनक एवं घिनोना चित्रण प्रकाशित किया था। जबकि दूसरी […]
लेखक:- डॉ. जीतराम भट्ट, (निदेशक, डॉ. गो.गि.ला.शा. प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान) कुछ लोगों का कहना है कि संस्कृत केवल पूजा-पाठ की ही भाषा है। किन्तु यह सत्य नहीं है। संस्कृत-साहित्य के केवल पॉच प्रतिशत में धर्म की चर्चा है। बाकी में तो दर्शन, न्याय, विज्ञान, व्याकरण, साहित्य आदि विषयों का प्रतिपादन हुआ है। संस्कृत पूर्ण रूप से […]