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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

कश्मीरी विस्थापित और राजनीति

बात तब की है जब कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं अपने चरम पर थीं। 1989-90 का वर्ष खासतौर पर इसलिए याद किया जाएगा क्योंकि इस साल रोज-रोज के बम धमाकों, अत्याचारों, आतंकी घटनाओं,हत्याओं आदि से तंग आकर बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित घाटी से विस्थापित होकर देश के दूसरे हिस्सों में चले आए।चले क्या आये,जिहादियों द्वारा […]

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विविधा

पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन आजीविका की चुनौती

नरेन्द्र सिंह बिष्ट नैनीताल, उत्तराखण्ड उत्तराखंड के जोशीमठ में जो कुछ हो रहा है, उसे प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव निर्मित आपदा कहा जा रहा है. आर्थिक दृष्टिकोण से पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिस तरह से बिना किसी ठोस योजना के निर्माण कार्य किया गया, यह उसी का दुष्परिणाम है. हालांकि किसी भी […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या था मोपला दंगा, क्या था खिलाफत और कम्युनिस्टों ने इसे क्या दिखाया ?

1– मोपला दंगों से पहले खिलाफत के दृश्य का प्रतीकात्मक संवाद अक्टूबर 1920,कालीकट आज खिलाफत मंडल की सभा में पंजाब से मौलाना अल्लाहबख्श आए हुए थे, कालीकट के मुसलमानों ने खिलाफत मंडल के नेता रामनारायण नंबूदिरी को समझाया कि अलाहबख्श के भाषण से पहले हिन्दू-मुस्लिम एकता दिखाने के लिए जुलूस में अलाहबख्श की बग्गी को […]

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आज का चिंतन

भारतीय वैदिक चिंतन में मोक्ष की अवधारणा

मोक्ष ✍🏻 लेखक – स्वामी स्वतन्त्रानन्द जी मोक्ष-प्राप्ति का साधन ज्ञान है, कर्म है वा ज्ञान-कर्म उभय हैं। ज्ञान-कर्म उभय होने पर भी कर्म समुच्चय है वा सम समुच्चय है। इस विषय में महर्षि दयानन्द जी का क्या पक्ष है ? मोक्ष-प्राप्ति के पश्चात् जीव पुनः जन्म प्राप्त करता है वा नहीं, अर्थात् मोक्ष सान्त […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नारद का मोह

नारद का मोह प्रचलित कथा : एक कथा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी अपने ग्रन्थ रामचरित मानस के बालकाण्ड में करते है जो वास्तव में उनके इस ग्रन्थ की आधारशिला है। लिखा है कि एक समय महर्षि नारद को अभिमान हो गया कि वे महान इन्द्रियजीत हैं क्योंकि कामदेव का उन पर कोई प्रभाव नहीं […]

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मुद्दा

सम्यक प्रयास से बदलेगी बिहार की शिक्षा व्यवस्था

रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार के सरकारी स्कूलों में इन दिनों नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. ये प्रयोग प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के लिए किये जा रहे हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल कैंपस तक लाने तथा पूरी घंटी तक बच्चों के विद्यालय में […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

स्वार्थों के लिए मनुवाद का राग

मनुस्मृति या भारतीय धर्मग्रंथों को मौलिक रूप में और उसके सही भाव को समझकर पढ़ना चाहिए। विद्वानों को भी सही और मौलिक बातों को सामने लाना चाहिए। तभी लोगों की धारणा बदलेगी। दाराशिकोह उपनिषद पढ़कर भारतीय धर्मग्रंथों का भक्त बन गया था। इतिहास में उसका नाम उदार बादशाह के नाम से दर्ज है। फ्रेंच विद्वान […]

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महत्वपूर्ण लेख

अधूरी सड़क से पूरा विकास संभव नहीं

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर बदलाव की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. यदि अशांति के कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो पहले की अपेक्षा इस केंद्र शासित क्षेत्र में विकास के कई स्वरुप देखने को मिले है. बड़ी संख्या में निवेशकों के यहां रुचि दिखाने से रोज़गार के […]

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इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-10)-मगध महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो मगध प्राचीन भारत के सोलह महाजनपद में से एक था । बौद्ध काल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था। इसकी स्थिति स्थूल रूप से दक्षिण बिहार के प्रदेश में थी। आधुनिक पटना तथा गया ज़िला इसमें शामिल थे । इसकी राजधानी गिरिव्रज थी । भगवान बुद्ध के […]

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आज का चिंतन

वैकुंठ धाम की मान्यता

डॉ डी0के0 गर्ग पौराणिक मान्यता : वैकुंठ धाम भगवान विष्णु का आवास है । भगवान विष्णु जिस लोक में निवास करते हैं उसे बैकुण्ठ कहा जाता है। जैसे कैलाश पर महादेव व ब्रह्मलोक में ब्रह्माजी बसते हैं। बैकुंठ धाम के कई नाम हैं – साकेत, गोलोक, परमधाम, परमस्थान, परमपद, परमव्योम, सनातन आकाश, शाश्वत-पद, ब्रह्मपुर। बहुत […]

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