किसी व्यक्ति वर्ग या सम्प्रदाय की आलोचना करके या निंदा करके आप उसे छोटा नही कर सकते। उसे छोटा करने का एक ही उपाय है कि आप अपनी अच्छाइयां लोगों के सामने परोसें और उन्हें अपनी अच्छाइयों का दीवाना बना लें। हिंदुत्व किसी दूसरे में कमियां निकालने की विचारधारा का विरोधी है, वह अपनी अच्छाइयों […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो सीमा की अनिश्चितता उस समय सबसे बड़ा प्रश्न था। हर व्यक्ति को यही चिंता सताये जा रही थी कि देश की सीमाएं घटकर कहां तक रह जाने वाली हैं? संभावित सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंता थी कि वह स्वतंत्रता के पश्चात भारत में रहेंगे […]
गंगा हिंदुओं के लिए प्राचीन काल से ही एक पवित्र नदी रही है। हिमालय से निकलने वाली यह नदी गंधक के पहाड़ से निकलकर आती है, इसलिए इसके जल में बहुत से रोगों को समाप्त करने और दीर्घकाल तक स्वच्छ बने रहने की अद्भुत क्षमता होती है। इस नदी में प्रतिदिन लगभग बीस लाख लोग […]
योग चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम है। चित्त की वृत्तियां हर व्यक्ति को समान रूप से दुखी करती हैं। यदि उन पर व्यक्ति नियंत्रण स्थापित कर लेता है तो व्यक्ति महानतम कार्यों का निष्पादन करने में सफल हो जाता है। आज इसी योग को विश्व स्तर पर स्थापित करने की दिशा में हम […]
खबर है कि भारत इस सप्ताहांत पाकिस्तान के 88 मछुआरों को सद्भावना के तौर पर रिहा करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को अपने समकक्ष नवाज शरीफ से बात करके इस फैसले के बारे में जानकारी दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने 88 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के फैसले के […]
अब से पांच वर्ष पूर्व ‘उगता भारत’ ने साप्ताहिक के रूप में अपना पर्दापण किया था। आज यह पत्र दैनिक के रूप में अपनी मंजिल की ओर पहला कदम रख रहा है। पांच वर्ष पाठकों का मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन जिस प्रकार मिला, उसी का प्रतिफल है कि आज हम इस पत्र को दैनिक कर रहे […]
राम जन्मभूमि का प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय लंबित है। इसलिए हम माननीय न्यायालय की कार्यशैली पर कोई टिप्पणी न करते हुए या इस प्रकरण के समाधान में न्यायिक प्रक्रिया पर कोई प्रश्न न उठाते हुए इस लेख में केवल इतना स्पष्ट करना चाहेंगे, देश के राजनीतिज्ञों की इच्छाशक्ति और समस्याओं के समाधान के प्रति उनकी […]
कभी कहावत थी कि-‘पढ़े फारसी बेचे तेल।’ यह उस समय की बात है जब देश पर मुगलों का शासन था। उस समय फारसी पढ़े लिखे व्यक्ति को बेरोजगार नही रहना पड़ता था, पर यदि फारसी पढक़र भी कोई व्यक्ति बेरोजगार रह जाता था, अपने परंपरागत व्यवसाय (तेल बेचना आदि) में ही लगा रह जाता था […]
देश में खराब मौसम के कारण रवि फसल में कृषि उत्पादन की स्थिति दयनीय होती देख किसानों की आत्महत्या करने का सिलसिला सा देश में चल गया है। इस विषय में देश की सरकार और प्रदेशों की सरकारों की ओर से भी बयान आये हैं कि किसानों को उनकी बर्बाद फसल का उचित मुआवजा दिया […]
जब विद्यार्थी विद्याग्रहण कर जीवन को उन्नत बनाने के दृष्टिकोण से गुरूकुल में प्रविष्ट होता था तो वह समित्पाणि (हाथों में समिधायें लेकर) होकर ही गुरू के पास पहुंचता था। समित्पाणि होकर आने का विशेष महत्व होता था। इसका अभिप्राय था कि जैसे समिधाओं में अग्नि है, पर वह दिखता नही है, उसे एक विशेष […]