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स्वर्णिम इतिहास

सोमनाथ मंदिर के लिए बलिदान देने वाले वे वीर बलिदानी : जिनके लिए न दीप जले न फूल चढ़े

सोमनाथ मंदिर के लिए बलिदान देने वाले वे बलिदानी : जिनके लिए न फूल चढ़े न दीप चले सोमनाथ मंदिर की जीत को महमूद गजनवी के पक्ष में कुछ इस प्रकार दिखाया जाता है कि जैसे उसके जाते ही पाला उसी के पक्ष में हो गया था । वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं था […]

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जब संपूर्ण जंबूद्वीप अर्थात यूरोप और एशिया में पूजे जाते थे श्री कृष्ण

यूनान देश के यवना लोगों का हिरैक्लीज’ नाम का एक देवता रहा है। जिसकी वह लंबे समय से पूजा करते रहे हैं । कौन था यह हिरैक्लीज ? यदि इस पर विचार किया जाए तो पता चलता है कि इस नाम का देवता विश्व के सबसे अधिक बलशाली व ज्ञान सम्पन्न श्रीकृष्ण जी ही थे। […]

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जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को नमन

आज सही 101 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं अमृतसर के जलियांवाला बाग के हत्याकाण्ड की घटना को । 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन ‘रौलट एक्ट’ के विरोध में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के निकट जलियांवाला बाग में हजारों लोग एकत्र हुए थे। जिससे नाराज होकर जनरल डायर ने अपने अंग्रेज सैनिकों को निहत्थे […]

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अमानवीय यातनाओं के बीच गुजरे थे रानी झांसी के बेटे के दिन

झांसी के अंतिम संघर्ष में महारानी की पीठ पर बंधा उनका बेटा दामोदर राव (असली नाम आनंद राव) सबको याद है. रानी की चिता जल जाने के बाद उस बेटे का क्या हुआ ? वो कोई कहानी का किरदार भर नहीं था, 1857 के विद्रोह की सबसे महत्वपूर्ण कहानी को जीने वाला राजकुमार था जिसने […]

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इंद्र की नगरी इंद्रप्रस्थ से 9वीं दिल्ली तक का सफर : सरकार देश की राजधानी का नाम करे इंद्रप्रस्थ

पहली दिल्ली : महाभारत से पूर्व ओर महाभारत के युद्ध के कुछ काल पश्चात तक दिल्ली को इंद्रप्रस्थ कहा जाता था। यह राजा इन्द्र की राजधानी थी। जिसे पुराणों में बार-बार दोहराया गया है। राजा इन्द्र का स्वर्ग यहीं पर विद्यमान था तो युधिष्ठर का ‘धर्मराज’ भी यहीं से चला था। बाद में उनकी पीढियों ने […]

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इतिहास के झूठों का भंडाफोड़ अब होना ही चाहिए

भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षियों का एकमात्र उद्देश्य इस देश में साम्राज्यवाद को बढ़ावा देना है। यह बढ़ावा देने की प्रवृत्ति उनके हिन्दू विरोध को देखने से स्पष्ट हो जाती है। इस हिन्दू विरोध की प्रवृत्ति के कारण इतिहास के कई झूठ ऐसे हैं जो इस देश में पहले तो विदेशियों के द्वारा गढ़े गये और […]

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वानर नहीं , महाबुद्धिमान , महापराक्रमी और महान कूटनीतिज्ञ थे हनुमान जी

अभी हमने हनुमान जयंती मनाई है । साथ ही टी0वी0 चैनलों पर रामायण को भी देख रहे हैं । जिसमें हमारे कई पात्रों के साथ प्रचलित रामायण में पूर्णतया अन्याय किया गया है । विज्ञान के युग में अवैज्ञानिक , अतार्किक और मूर्खतापूर्ण बातें देशवासियों को और नई पीढ़ी को बताई जा रही हैं। जिनसे […]

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कैसे हुआ था आर्यों का भारत से विदेश गमन ?

पश्चिमी एशिया भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। जहां की गांधारी राजा धृतराष्ट्र की रानी थी। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी […]

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जटायु कोई पक्षी ना होकर एक महान विद्वान वैज्ञानिक महापुरुष थे

हमारे अनेकों इतिहास नायकों के साथ इतना अन्याय किया गया है कि उन्हें हम आज तक सही रूप में पहचान नहीं पाए हैं जैसे रामायण कालीन अनेकों महान पात्रों को हमने इस प्रकार दिखाया है जैसे वह मनुष्य जाति के न होकर पशु , पक्षी , वानर आदि हैं । इन्हीं में से एक जटायु […]

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गुर्जर वंश का गौरवशाली इतिहास : कुषाण वंश के प्रारंभिक शासक , भाग — 2

विम कडफिस कुजुलकडफिस की मृत्यु के पश्चात सम्राट विमकडफिस ने सत्ता संभाली । इनका शासन 50 ई0 से 78 ई0 तक माना जाता है । इनके नाम में लगे विम शब्द को ओएम (ओ३म ) के साथ समन्वित करने का भी कुछ विद्वानों ने प्रयास किया है । विमकडफिस एक महान शासक था । जिसने […]

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