Categories
इतिहास के पन्नों से

शिवाजी ने जिन मुगलों को बार बार पराजित किया आज उन्हीं की मजारें लोहागढ़ किले में की जा रही है स्थापित

सुयश श्रीकर छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन वाले कई किलों पर दरगाह, मजार, मस्जिद और इस्लामी संरचनाएँ बना दी गई हैं। इसके अलावा, देश भर में हिंदू राजाओं के किलों पर ऐसी ढाँचे खड़े कर दिए गए हैं। इससे हिंदू समाज में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर हो रहे कब्जे को लेकर चिंता बढ़ रही […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारत की एकता और अखंडता और राष्ट्रीयता

१. द्वीप तथा वर्ष-पुराणों में ७ महाद्वीपों के साथ अष्टम महाद्वीप अनन्त (अण्टार्कटिका) का भी वर्णन किया है। इनके नाम हैं-जम्बू द्वीप (एशिया),प्लक्ष द्वीप (यूरोप), कुश द्वीप (विषुव के उत्तर का अफ्रीका), शाल्मलि द्वीप (विषुव के दक्षिण का अफ्रीका), शक या अग्नि द्वीप (आस्ट्रेलिया), क्रौञ्च द्वीप (उत्तर अमेरिका), पुष्कर द्वीप (दक्षिण अमेरिका)। यहां द्वीप का […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

स्वदेशी अपनाकर स्वावलम्बन का भाव भी जगाते रहे अमर शहीद हेमू कालाणी

 प्रहलाद सबनानी अमर शहीद हेमू कालाणी का जन्म अविभाजित भारत के सक्खर, सिंध प्रांत में 23 मार्च 1923 को हुआ था। आपके पिताश्री का नाम श्री पेसूमल जी कालाणी एवं माताश्री का नाम श्रीमती जेठीबाई कालाणी था। उन्हें केवल 19 वर्ष की अल्पआयु में ही बर्बर अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी दे दी गई थी। अविभाजित […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

सम्राट पौरस और सिकंदर युद्ध महान कौन. . . . ? ? ?

उगता भारत ब्यूरो मकदूनिया में स्त्रियों को कतार बद्ध खड़ा कर दिया गया सौंदर्य – कमयिता के इस प्रदर्शन में जो सबसे खूबसूरत होगी उसे यूनान के शासक सिकंदर को दिया जायेगा बाकी सैनिकों को बाँट दिया जायेगा । पर्शिया कि इस हार ने एशिया के द्वार खोल दिया भागते पर्शियन शासकों का पीछा करते […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

दिव्य गुणों से विभूषित थे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज

  भारत के महान शासकों में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का नाम अग्रगण्य है । उनके विषय में प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने लिखा है कि अग्नि अर्थात प्रकाश के उपासक भारतवर्ष का सबसे पहला राजवंश वैवस्वत मनु के द्वारा सूर्यवंश के रूप में स्थापित किया गया । इस सूर्यवंश को ही इक्ष्वाकु […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

क्या धर्म अफीम है* जैसा कि कार्ल मार्क्स ने बताया है ?

कार्ल मार्क्स ने धर्म के स्थान पर मत को धर्म का स्वरुप समझ लिया । जैसा उन्होंने देखा और इतिहास में पढ़ा, उसको देख कर तो सभी कोई धर्म के विषय में इसी निष्कर्ष पर पहुँचेगा, जैसा मार्क्स ने बतलाया । कार्ल मार्क्स ने अपने चारों और क्या देखा ? मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा यूरोप, एशिया […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारत में मंदिर संस्कृति और पर्यटन की असीम संभावनाएं

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल देवी – देवताओं, साधु – संतों,तपस्वियों, मुनियों के देश भारत में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक मन्दिर प्राचीन काल से वर्तमान समय तक भारतवासियों की आत्मिक श्रद्धा और आस्था का केंद्र रहे हैं। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही हैं। धार्मिक यात्राएं प्राचीन समय […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

जब बाल गोभक्त बिशन सिंह ने अंग्रेज जिलाधीश कोवन की दाढ़ी खींच ली थी

डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन “17 जनवरी, 1872 को 12 वर्ष के बिशन सिंह के सामने उसके सद्गुरु राम सिंह कूका को जब अंग्रेज जिलाधीश कोवन ने गाली दी तो उस बालक ने कूद कर दोनों हाथों से कोवन की दाढ़ी पकड़ ली। लाख प्रयास करने के बाद भी कोवन अपनी दाढ़ी नहीं छुड़वा सका और […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

मुगलों का हिंदुस्तान पर कुल कितने दिन रहा था शासन

उगता भारत ब्यूरो बाबर ने मुश्किल से कोई 4 वर्ष राज किया। हुमायूं को ठोक पीटकर भगा दिया। मुग़ल साम्राज्य की नींव अकबर ने डाली और जहाँगीर, शाहजहाँ से होते हुए औरंगजेब आते आते उखड़ गया। कुल 100 वर्ष (अकबर 1556ई. से औरंगजेब 1658ई. तक) के समय के स्थिर शासन को मुग़ल काल नाम से […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

ताजमहल के निर्माण संबंधी कुछ तथ्य जिन पर पड़ा है अभी तक भी रहस्य का पर्दा

उगता भारत ब्यूरो इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ […]

Exit mobile version