23 दिसम्बर 1929 को वायसराय की स्पेशल ट्रेन उड़ाने का जो प्रयास हमारे क्रान्तिकारियों के द्वारा किया गया था , उसकी कांग्रेस द्वारा निन्दा की गई थी और कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पास कर उसे वायसराय की सहानुभूति बटोरने के लिए उसके पास भी भेजा था । इस पत्र का शुभारम्भ कांग्रेस के इस निन्दनीय […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
५१ . 1858 के बाद कई भारतीयों को पटाकर अंग्रेज शासक वर्ग चलने लगा . ५२ . पहले के राममोहन रे (कहाँ के राजा ,कहाँ के जोगी,कंपनी के नौकर )आदि ने सेवा कर पृष्ठ भूमि बना ही दी थी .सब कुछ्प्रेम और कपट चाल साथ साथ चल रहा था ५३ . देशी राज्य भारतीय परंपरा […]
इतिहास पर गांधीवाद की छाया , -अध्याय – 8 ‘बम का दर्शन’ और हमारा इतिहास 26 जनवरी 1930 ई0 का दिन कांग्रेस के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में अंकित है । क्योंकि इसी दिन पंजाब में रावी नदी के किनारे कांग्रेस के अध्यक्ष पंडित नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने झण्डा फहराकर […]
४९. १८५७ का संग्राम वस्तुतः भारत के राजाओं के दो समूहों का आपसी संग्राम था जिसमे एक पक्ष ने अंग्रेजों का साथ लिया और दिया . ध्यान रहे लिया भी ,केवल दिया नहीं .(थोड़ी भी स्वतंत्र बुद्धि हो तो राजस्थान के राजाओं को विक्तोरिया से हाथ मिलाते चित्र देख लो जो संग्रहालयों में हैं :२ […]
कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष और गांधीजी 1938 में हरिपुरा अधिवेशन के वार्षिक अधिवेशन के लिए सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था । वास्तव में कांग्रेस के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अध्यक्ष पद पर बैठाए जाने की यह घटना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण थी ,क्योंकि इसके पश्चात तथाकथित ‘गांधी युग’ […]
‘Who After Nehru’ यानी, ‘नेहरू के बाद कौन?’ मई 27, 1964 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अखबारों के पहले पन्नों पर यही प्रमुख शीर्षक था। 1964 में जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला। जिस तरह […]
४९. १८५७ का संग्राम वस्तुतः भारत के राजाओं के दो समूहों का आपसी संग्राम था जिसमे एक पक्ष ने अंग्रेजों का साथ लिया और दिया . ध्यान रहे लिया भी ,केवल दिया नहीं .(थोड़ी भी स्वतंत्र बुद्धि हो तो राजस्थान के राजाओं को विक्तोरिया से हाथ मिलाते चित्र देख लो जो संग्रहालयों में हैं :२ […]
इतिहास पर गांधीवादी की छाया, अध्याय – 6 मुस्लिम तुष्टिकरण और गांधीजी लियोनार्ड मोसले के अनुसार भारत विभाजन के समय बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के उपरान्त भी महात्मा गांधी ने कहा था- “चाहे पाकिस्तान में समस्त हिन्दू व सिख मार दिए जाएं, पर भारत के एक कमज़ोर मुसलमान बालक की भी रक्षा होगी ।” […]
2 अक्तूबर/जन्म-दिवस मोहनदास करमचन्द गांधी का जन्म दो अक्तूबर, 1869 को पोरबन्दर( गुजरात) में हुआ था। उनके पिता करमचन्द गांधी पहले पोरबन्दर और फिर राजकोट के शासक के दीवान रहे। गांधी जी की माँ बहुत धर्मप्रेमी थीं। वे प्रायः रामायण, महाभारत आदि ग्रन्थों का पाठ करती रहती थीं। वे मन्दिर जाते समय अपने साथ मोहनदास […]
पिछले दिनों वामपंथी मिजाज वाली एक पत्रिका ने भगत सिंह पर लंबा चौड़ा लेख लिखा। अपने लेख में भगत सिंह को कोट करते हुए वो लिखते हैं कि जिस व्यक्ति (भगत सिंह) ने खुद कहा हो कि अभी तो मैंने केवल बाल कटवाए हैं, मैं धर्मनिरपेक्ष होने और दिखने के लिए अपने शरीर से सिखी […]