———————————————हिंदुस्तान में रहने वाले मुसलमानो के दिल में एक भयंकर टीस है। मुसलमानो के ६०० वर्ष के हिंदुस्तान के शासन के बावजूद सिर्फ़ २३ प्रतिशत हिन्दू ही मुसलमान बन सके ७७ प्रतिशत काफिर हिन्दू हिन्दू ही रहे। जबकि मात्र १०० वर्षों के इस्लामी शासन में ही मिश्र,ईरान, इराक़, आदि का पुराना धर्म, संस्कृति […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
कश्मीर का प्राचीन इतिहास अनिरुद्ध जोशी जब हम कश्मीर बोलते हैं तो उसमें लद्दाख के हिस्से नहीं आते हैं। हम जम्मू और कश्मीर में से कश्मीर के प्राचीन और पौराणिक इतिहास की बात करेंगे, लेकिन इसके इतिहास के कुछ हिस्से जम्मू से भी जुड़ते हैं। कहते हैं कि कश्मीर भारत का सबसे प्राचीन जनपद रहा […]
राकेश सैन बड़े से बड़े आतंकी हमलों के बावजूद पंजाब का साम्प्रदायिक सौहार्द बरकरार रहा और दोनों ने मिल कर आतंकवाद से लोहा लिया। सिख विरोधी दंगों के दौरान भी इस रिश्ते को पूरी गम्भीरता से निभाया गया परन्तु दंगों की भयावहता की घटनाओं के बीच इन घटनाओं पर किसी का ध्यान नहीं जा पाया। […]
ओम प्रभात अग्रवाल भारत में रसायन शास्त्र की अति प्राचीन परंपरा रही है। पुरातन ग्रंथों में धातुओं, अयस्कों, उनकी खदानों, यौगिकों तथा मिश्र धातुओं की अद्भुत जानकारी उपलब्ध है। इन्हीं में रासायनिक क्रियाओं में प्रयुक्त होने वाले सैकड़ों उपकरणों के भी विवरण मिलते हैं। वस्तुत: किसी भी देश में किसी ज्ञान विशेष की परंपरा के […]
——————————————१९२० में मुसलमानों ने मुस्लिम लीग के नेतृत्व में कांग्रेस के नेता गांधी को राज़ी कर लिया कि कांग्रेस उनके ख़िलाफ़त के आंदोलन को अपना समर्थन देकर मुस्लिम लीग के सहयोग से अंग्रेजों के विरुध्द अशांति पैदा करे तथा इसी समय अफ़गनिस्तान का आमिर अमानुल्ला हिंदुस्तान पर हमला कर दिल्ली में इस्लामिक राज्य […]
————२५ नवम्बर १९४९ ई. को संविधान सभा में मसौदे को अन्तिम स्वरूप देते हुवे डॉक्टर बाबा साहेब अम्बेडकर जी ने कहा था कि ‘ दिनाँक २६ जनवरी १९५० ई. को हिन्दुस्थान एक स्वतंत्र देश होगा’(संसद सभा चर्चा खण्ड ११ व प्रष्ठ ९७७से) १४ अगस्त १९४७ को पाकिस्तान स्वतंत्र हुआ परन्तु शेष भारत गवर्नर जेनरल माउंटबेटन […]
प्रस्तुति -श्रीनिवास आर्य भारत के राजनेताओं का यह कत्र्तव्य है कि वे चुनाव से पहले मतदाताओं को अर्थात् राष्ट्र को यह बतलाएँ कि उनकी दृष्टि में भारत का बल क्या है और भारत की निर्बलता या कमजोरी क्या है? साथ ही बल को बढ़ाने के लिए और कमजोरी को खत्म करने के लिए कौन से […]
उगता भारत ब्यूरो अखंड भारत पर अंग्रेजों, पुर्तगालियों और फ्रांसीसियों ने पहले व्यापार के माध्यम से अपनी पैठ जमाई फिर यहां के कुछ क्षेत्रों को सैन्य बल और नीति के माध्यम से अपने पुरअधीन करने का अभियान चलाया। अंग्रेजों के आने के पहले भारत के अधिकांश भू-भाग पर जाट छत्रियों, राजपूतों, सिखों और दक्षिण के […]
वनवास में भी पुरुषार्थ करते रहो भारत के विषय में मुसलमान लेखक वस्साफ ने अपने ग्रंथ “तारीख-ए-वस्साफ” में बहुत सुंदर कहा है – “सभी इतिहासवेत्ता यह मानते हैं कि भारतवर्ष भूमंडल का एक अति रमणीय और चित्ताकर्षक देश है। इसकी पावन पुनीत मिट्टी के रजकण वायु से भी अधिक हल्के और पवित्र हैं। इसकी वायु […]
प्रो. भगवती प्रकाश अथर्ववेद के वाणिज्य सूक्त सहित यजुर्वेद, अथर्ववेद व ऋग्वेद वैदिक काल में उद्योग-व्यवसाय क्षेत्र से जुड़ी शब्दावली का प्राचुर्य मिलता है। मात्र धन या पूंजी की पृथक प्रकृति होने पर पृथक शब्दावली का प्रावधान था। इसके अलावा सभी प्रकार के उद्यमों की स्थापना, संचालन व प्रबन्ध और उनसे सत्यनिष्ठा एवं नैतिकता के […]