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“सनातन को नष्ट” करने वाली विषैली भाषा अभिव्यक्ति नहीं_?

तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एंड आर्टिस्ट एसोसिएशन के ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ पर 2 अगस्त को चेन्नई में आयोजित हुई एक बैठक में तमिलनाडु राज्य के एक मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अपने वक्तव्य में सनातन धर्म की तुलना कोरोना, डेंगू और मलेरिया आदि से करके अपनी विषैली भाषा में कहा कि “सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विरुद्ध […]

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इसरो के बड़े संघर्ष के बाद जाकर मिली है वर्तमान सम्मानजनक स्थिति

योगेंद्र योगी एक समय ऐसा भी था जब संसाधनों की कमी की वजह से रॉकेटों को बैलगाड़ी से भी ले जाया गया था। 1981 में इसरो को कम्युनिकेशन सैटेलाइट के लिए एक टेस्ट करना था और पेलोड ले जाने के लिए बैलगाड़ी की मदद लेनी पड़ी थी। चंद्रयान तीन की सफलता की गूंज पूरे विश्व […]

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महिलाओं का भाषाई न्याय और लैंगिक भेदभाव

डॉ. आशीष वशिष्ठ मुख्य न्यायाधीश का कहना है कि ये शब्द उचित नहीं हैं और अतीत में न्यायाधीशों द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया है। हैंडबुक का उद्देश्य आलोचना करना या निर्णयों पर सवाल उठाना नहीं है, बल्कि यह बताना है कि कैसे रूढ़िवादिता का उपयोग अनजाने में किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य […]

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मुर्दाल मनहूसों का साया, हर तरफ अपना-पराया

डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 अब तक यही कहा जाता रहा है कि एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है पर अब मछली एकमात्र नहीं होती, मछलियों ने संगठन की ताकत को समझ लिया है तभी अब एक ही तालाब में खूब सारी ऐसी समान दुराचार-दुर्व्यहार वाली मछलियाँ गिरोह के रूप में रहने लगी […]

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देश का सांप्रदायिक सद्भाव और मेरी माटी मेरा देश अभियान

डॉ. शंकर सुवन सिंह मेरी माटी मेरा देश अभियान के नाम से 1967 में आई उपकार फिल्म का गाना याद आता है कि मेरे देश की मिट्टी सोना उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की मिट्टी। वाकई में विश्व में भारत देश जैसा देश कोई और नहीं। जहां की मिट्टी और हवा जड़ी और बूटी […]

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विश्वकर्मा योजना के भविष्य में क्या आ सकते हैं परिणाम ?

मृत्युंजय दीक्षित योजना के अंतर्गत व्यवसाय को व्यवस्थित करने के बाद दूसरे चरण में 2 लाख रुपए का रियायती लोन प्रदान किया जायगा। इस योजना के अंतर्गत कारीगरों, शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र प्रदान कर मान्यता भी दी जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कौशलजीवी समाज का जीवन संवारने के लिए […]

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शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता

गिरीश बिष्ट रुद्रपुर, उत्तराखंड सेन्टर फाॅर माॅनिटरिंग इंडियन इकॉनमी की जनवरी 2023 में जारी रिर्पोट के अनुसार भारत में दिसम्बर 2021 तक बेरोजगारों की संख्या 5.3 करोड़ है, जिसमें 3.5 करोड़ लगातार काम खेज रहे हैं. भारत में रोजगार मिलने की दर बहुत कम है. ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी देखने को मिल […]

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हर घर बिजली का सपना पूरा हो रहा है

ज्योति बिश्नोई और अंजली मालखट लूणकरणसर, राजस्थान विज्ञान ने मनुष्य को अनेकों वरदान दिए हैं, जिसमें बिजली की खोज प्रमुख है. ऊर्जा के इस शक्तिशाली स्रोत ने इंसानी सभ्यता में क्रांति ला दी है. इसकी वजह से विकास के अनेकों द्वार खुल गए. मनुष्य के जीवन का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिससे बिजली की […]

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बीमारी के बहाने और सरकारी अधिकारी व कर्मचारी

डॉ. दीप नारायण पाण्डेय कुछ हजार साल पहले की बात है। उत्तर भारत के घने जंगलों में आयुर्वेद की क्लास चल रही थी। इस सत्र में कुछ द्रव्यों की थेराप्यूटिक एफीकेसी पर विशेष चर्चा हो रही थी। हमेशा की तरह अग्निवेश ने अपने दिग्गज गुरु भगवान पुनर्वसु आत्रेय के सामने एक रोचक प्रश्न रखा: ”गुरु […]

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टमाटर ने महंगा होकर जो संदेश दिया है कि सरकार उससे कोई शिक्षा लेगी?

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा टमाटर के भावों में तेजी के साथ ही एक बात साफ हो गई है कि सरकार का कहीं ना कहीं बाजार निगरानी तंत्र कमजोर है। पूरे देश में टमाटर के भावों को लेकर हाहाकार मचा तब जाकर नेफैड और एनसीसीएफ की नींद खुली, नहीं तो बाजार आकलन के अनुसार पहले ही […]

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