*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* इसमें जरा भी शक नहीं है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई नई और अच्छी पहल की हैं। उसकी नई शिक्षा पद्धति को देखकर कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी काफी प्रभावित हुई हैं। अब दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह 50 केंद्रों में […]
श्रेणी: मुद्दा
अजय कुमार योगी सरकार ने दूसरा कार्यकाल बड़े जोर-शोर से शुरू किया। खुद सीएम योगी एक तरफ काम में जुटे दिखे तो तमाम मंत्री भी औचक निरीक्षण के माध्यम से सिस्टम की खामियों को दुरुस्त करते नजर आए। लेकिन 100 दिन का कार्यकाल पूरा करते-करते तस्वीर बदलने लगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब […]
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* राष्ट्रपति के लिए द्रौपदी मुर्मू के चुनाव ने सिद्ध कर दिया है कि भारत के विरोधी दल भाजपा को टक्कर देने में आज भी असमर्थ हैं और 2024 के चुनाव में भी भाजपा के सामने वे बौने सिद्ध होंगे। अब उप—राष्ट्रपति के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गेरेट अल्वा […]
इस लेख का शीर्षक पढ़ते ही दिग्विजय सिंह , ओवैसी और राहुल गाँधी जैसे हिन्दू द्वेषी लोगों का मुंह उतर जाएगा और उनको डूब जाने के लिए चुल्लू भर पानी भी नहीं मिलेगा ,क्योंकि इन हिन्दू शत्रु लोगों ने सभी लोगों ने हिन्दुओं को अपमानित करने और आतंकी साबित करने के लिए भगवा वस्त्र धारण […]
रमेश सर्राफ धमोरा मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी पार्टी के दो तिहाई व उससे अधिक विधायक एक साथ किसी अन्य पार्टी में विलय करते हैं तो उनकी सदस्यता बच जाती है। इसी का फायदा उठाकर राजनीतिक दलों द्वारा धड़ाधड़ दलबदल करवाया जा रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी के विधायकों द्वारा दलबदल करने के कारण […]
आर. विक्रम सिंह (लेखक पूर्व सैनिक अधिकारी एवं पूर्व प्रशासक हैं) साभार::दैनिक जागरण 7.7.22 हमारे देश के कुछ समूहों, वर्गों और राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों में राष्ट्रवाद का अभाव ही हमारी कई समस्याओं की जड़ है। देशवासियों में प्रबल राष्ट्रवाद की भावना जगाकर अब तक हम वह सब कुछ हासिल कर सकते थे, जिनका […]
प्रह्लाद सबनानी सभी राज्यों की वित्तीय सेहत का विस्तार से आकलन करने पर ध्यान जाता है कि कई राज्यों द्वारा अनियंत्रित रूप से चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं, लोकलुभावन घोषणाओं, अत्यधिक सब्सिडी देने एवं पुरानी पेंशन योजना बहाली से इन राज्यों की वित्तीय सेहत बहुत बुरी तरह से बिगड़ रही है। यूं देखा जाये तो […]
ललित गर्ग दो अरब तीस करोड़ आबादी को भुखमरी एवं भूख का सामना करना पड़ रहा है। दो वक्त की भोजन सामग्री जुटाने के लिए इस आबादी को जिन मुश्किलों, संकटों एवं त्रासद स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, वह विश्व की सरकारों एवं व्यवस्थाओं के विकास के बयानों को बेमानी सिद्ध करता है। […]
अशोक कुमार द्विवेदी अजमेर दरगाह के खादिम ने नूपुर शर्मा के विरुद्ध जो बयान दिया है। आप सब उससे परिचित है। यह खादिम कौन होते है? इससे जानना आवश्यक है। खादिम कहते है सेवक को। ये लोग एक वर्ग विशेष के सदस्य है जिनका कार्य अजमेर दरगाह की देख रेख करना और उस पर चढ़ने […]
बिमल राय एक कहावत है- जो रोगिया के भावे, उहे बैदा फरमावे। पिछले विधानसभा चुनावों के बाद हताशा से उबरने में लगी बंगाल बीजेपी को जैसे महुआ ने संजीवनी दे दी है। इस काम में और लोग भी लगे हैं, पर फिलहाल महुआ की ही चर्चा करें। आज देश में नूपुर शर्मा प्रकरण पर जो […]