अजय कुमार राष्ट्रीय लोकदल का वजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा है। यही कारण है कि रालोद उम्मीदवार पश्चिमी उप्र की निकायों में अपने उम्मीदवार घोषित करने की बात कह रहे हैं। रालोद का मानना है कि यहां सपा को अपने उम्मीदवार घोषित नहीं करने चाहिए थे। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में सब कुछ […]
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चुनाव में खड़े होने और जीतने के बाद महिला प्रधानों के परिवार के सदस्यों से प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है; अधिकांश कार्य परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। देखने में तो महिलाओं ने चुनाव जीत लिया लेकिन परोक्ष रूप से पुरुष सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। पुरुष सदस्यों […]
रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने में सिर्फ सात महीने का समय रह गया है। ऐसे में अब सभी राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत बना कर चुनावी व्यूह रचना बनाने में लग गए हैं। जहां सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मानना है कि उनकी लोक हितकारी योजनाओं से इस […]
नरेन्द्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड पलायन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए गंभीर समस्या के रूप में उभर रही है. उत्तराखंड में रोज़गार की कमी, राज्य में पलायन का सबसे बड़ा कारण आंका गया है. जिसके कारण बड़ी संख्या में युवा राज्य से बाहर जा रहे हैं. आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के अनुसार उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड […]
रूबी सरकार भोपाल, मप्र कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जहां 80 फीसदी काम महिलाएं करती हैं. बावजूद इसके सरकार महिला किसानों को केंद्र में रखकर कोई निर्णय नहीं लेती है. यहां तक कि उन्हें महिला किसान का दर्जा भी नहीं दिया जाता है. किसान के नाम पर सिर्फ पुरुष चेहरे ही उभर कर आते हैं. […]
उमेश चतुर्वेदी राहुल गांधी की अगुआई में जारी अभियान के चलते उद्योगपति गौतम अडानी अरसे से चर्चा में हैं। जिस हिंडनबर्ग रिपोर्ट की वजह से अडानी राहुल गांधी समेत तकरीबन समूचे नरेंद्र मोदी विरोधी राजनीतिक खेमे के निशाने पर हैं, उस रिपोर्ट पर मराठा दिग्गज शरद पवार ने सवाल उठा दिया है। शरद पवार ने […]
================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त मैंने पहले ही कहा था कि भाजपा के शासन काल में हिन्दू एक्टिविस्टों की हत्या हो रही है और जेल भेजे जा रहे हैं। एक पर एक कई उदाहरण है। मैंने कर्नाटक का उदाहरण दिया था। अब गुजरात का उदाहरण भी जान लीजिए। गुजरात में एक प्रसिद्ध हिन्दू एक्टिविस्ट हैं उनका […]
बाबा की मार्केटिंग वेदों में ईश्वर को सौ से ज्यादा नाम से उद्बोधन किया गया है जिसके पीछे एक लॉजिक है की ईश्वर का निज नाम ओम है परंतु उसको गुण, कर्म के आधार पर ब्रह्मा,शिव,,मित्र,माता ,पिता, प्रजापति आदि सकडो नामो से वेद मंत्रों में संबोधित किया गया है। लेकिन सरदार गुरमीत सिंह यानि बाबा […]
देवेन्द्रराज सुथार जालौर, राजस्थान मातृभाषा किसी भी देश या क्षेत्र की संस्कृति और अस्मिता की संवाहक होती है. इसके बिना मौलिक चिंतन संभव नहीं है. नई शिक्षा नीति में कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में रखने की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान के लोग मातृभाषा में शिक्षा पाने […]
ललित गर्ग आज देश में बच्चों की स्थिति क्या है। बच्चे किसी भी देश, समाज, परिवार की अहम कड़ी होते हैं। एक धरोहर जो राष्ट्र निर्माण के सबसे बड़े आधार स्तंभ होते हैं। लेकिन शायद यह सब किताबी भाषाओं के शब्द हैं, जिन्हें सिर्फ किताबों में ही पढ़ना अच्छा लगता है। झारखण्ड में एक बच्चे […]