डॉ. अजय खेमरिया कांग्रेस में कभी थिंक टैंक काम किया करता था जिसमें पढ़ने लिखने वाले नेता हुआ करते थे जो पार्टी और सरकार के लिये प्रमाणिकता के साथ मुद्दों की समझ विकसित करने के लिये इनपुट उपलब्ध कराते थे।आमतौर पर इस थिंक टैंक की सोच राष्ट्रीय हितों पर आधारित हुआ करती थी।तुष्टीकरण की राजनीति […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
सनातन मार्ग पर वसीम की वापसी #vijaymanohartiwari मैं लंबे समय से वसीम रिजवी को सुन और पढ़ रहा था। उनका लिखा भी और उनके बारे में लिखा गया भी। मुख्य धारा के मीडिया यानी अखबार और टीवी चैनलों से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वे छाए हुए थे। यूट्यूब चैनलों में उन्हें अपनी बात खुलकर […]
आनंद जोनवार 3 दिसम्बर 1984 आधुनिक युग की दुनिया के इतिहास में काली परेड के यूनियन कार्बाइड कारखाने द्वारा कीड़े मकोड़ों को मारने वाले रसायन मिथाइल आइसोसायनाइड के खौफनाक रिसन से भोपाल गैस त्रासदी काले पन्नों में दर्ज हुई है । दुर्घटना गैर जिम्मेदारी, लापरवाही, लोभ,लालच और अनदेखी का परिणाम था। जिसका खामियाजा निर्दोष नागरिकों […]
———————————————१९२० में मुसलमानों ने कांग्रेस के अन्दर प्रवेश करके खिलाफ़त आन्दोलन किया था। जनता की निगाह में तो वह अकेला पतन अंग्रेजो के खिलाफ चलाया गया आंदोलन था। जिसका लक्ष्य देश को आजाद कराना था परंतु सच कुछ और था। सच यह था कि अंग्रेजों ने टर्की के शासक मुसलमानों के धर्मगुरु खलीफा को उसके […]
ललित गर्ग ममता बनर्जी को वर्तमान में कांग्रेस की गिरती साख एवं राहुल गांधी के शिथिल नेतृत्व के कारण ही कहना पड़ा है कि अब संप्रग जैसा कुछ नहीं रह गया है, उससे यह नए सिरे से स्पष्ट हो गया कि वह खुद के नेतृत्व में भाजपा का विकल्प तैयार करने को लेकर गंभीर हैं। […]
प्रदीप राजपूत “हिन्दू, मुसलमानों के उस ताण्डव नृत्य को देखेंगे जो चंगेज़ खां या हलाकू ने भी नहीं किया था।“ – फिरोज़ खां नून राजगोपालाचारीजी द्वारा एक सूत्र तैयार किया गया था, जिसमें भारत की सांप्रदायिक समस्या का हल ढूंढते हुए उन्होंने मुसलमानों की पाकिस्तान की मांग को स्वीकार कर लिया। कांग्रेस के कई नेताओं […]
अजय कुमार जिस तरह से गैर बीजेपी दलों के नेता मंदिर-मंदिर जाकर अपने को हिन्दू साबित करने में लगे हैं। उससे चौकन्नी बीजेपी इस लड़ाई को और आगे ले जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए क्योंकि बीजेपी के लिए हिन्दुत्व की पिच पर बैटिंग करना अन्य दलों से काफी आसान है। उत्तर प्रदेश […]
प्रह्लाद सबनानी ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत में आगमन के पूर्व विश्व के विनिर्माण उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 1750 में 24.5 प्रतिशत थी, जो वर्ष 1800 में घटकर 19.7 प्रतिशत हो गई और 1830 में 17.8 प्रतिशत हो गई। आगे वर्ष 1880 में केवल 2.8 प्रतिशत रह गई। अभी हाल ही में ग्वालियर […]
जैसे-जैसे विश्व में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी के कारण हिन्दुत्व की पताका फहरा रही है, हिन्दू विरोधी अपने-अपने बिलों से बाहर आ रहे हैं, जो हिन्दुओं के लिए शुभ संकेत है कि वह अपनी आंखें खोलकर देखें कि सेकुलरिज्म के नाम पर उनको किस तरह पागल बनाया जा रहा है। पाकिस्तानी मूल की […]
साभार: ANIकांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर निराशाजनक […]