वजह बस इतनी कि उसे बेहद सोच समझकर बनाया गया है. इसे पढ़कर अहसास होता है कि हम वास्तव में कहां आ पहुंचे हैं और अपने बच्चों को क्या दे रहे हैं. अन्नाई वायलेट मैट्रीकुलेशन एंड हायर सेकेंडरी स्कूल ने बच्चों के लिए नहीं बल्कि पेरेंट्स के लिए होमवर्क दिया है, जिसे हर एक पेरेंट […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
इस समय विश्व का शायद ही कोई देश या शहर होगा जहाँ पर मुसलमानों ने कई नामों से ऐसे संगठन और संस्थान नहीं बना रखे हों , जिनके माध्यम से कुरआन की जिहादी शिक्षा नहीं दी जाती हो . जिसके फलस्वरूप मुस्लिम उग्रवादी जगह जगह , विस्फोट , जनसंहार और अनेकों जघन्य अपराध करते रहते […]
अकबर के दरबार का चित्र अनुच्छेद 308 से 323 में संघराज्य सेवाओं को दिखाने के लिए अकबर के दरबार को भी स्थान दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि भारत के लोग सांप्रदायिक सोच से अब ऊपर उठेंगे और आपस में इतिहास पुरुषों के प्रति भी समन्वय बनाकर आगे बढ़ेंगे परंतु यह दायित्व किसी एक […]
हमारे देश के संविधान को बनाने के लिए 29 अगस्त 1947 को डॉ.अंबेडकर की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था। संविधान की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता में हुई थी। 11 दिसंबर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष नियुक्त […]
* डॉ डी के गर्ग “ रामायण और महाभारत के प्रति भ्रांतिया;; से साभार भाग-2 गांधारी द्वारा अपनी आँखों पर पट्टी बाँधने का विश्लेषण इस कथानक में मुहावरे की भाषा,उपमा अलंकार का प्रयोग है ।आँखों पर पट्टी बांध लेना एक लोकोक्ति यानी मुहावरा है। जिसमें कहा जाता है कि “भाई, उसने तो अपनी आँखों पर […]
मालव अर्थात लक्ष्मी का निवास ‘मालवा’ अपनी अनेकानेक भौगोलिक , सांस्कृतिक और ऐतिहासिक खूबियों के कारण विश्व प्रसिद्ध है। इन प्रसिद्धियों में चार चांद लगाती है धार स्थित राजपूत शैली की परमार कालीन भूमज शैली में निर्मित भोजशाला। जिसका गौरवशाली विशेषता यह है कि इसका आकार “स्वस्तिकाकार ताराकृत है।जिसे सरस्वती मंदिर, भोज का कमरा, मध्य […]
ऋषि दयानन्द ‘सत्य’ को सर्वोपरि मानते थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि – “जो सत्य है उसको सत्य और जो मिथ्या है उसको मिथ्या ही प्रतिपादन करना सत्य अर्थ का प्रकाश समझा है क्योंकि सत्योपदेश के बिना अन्य कोई भी मनुष्य जाति की उन्नति का कारण नहीं ।” ऋषि संसार के सब मनुष्यों को एक […]
इस लेख के शीर्षक को पढ़कर लोग कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है ?लेकिन यह बात बिलकुल सत्य और प्रामाणिक है , सब जानते हैं की कुरान के बाद हदीसों को ही प्रमाण माना जाता है और उनकी संख्या कई हजार है अधिकांश मुस्लिम उनके नाम भी नहीं जानते इसलिए चालाक मौलवी मुसलमानों की […]
“1875 में मुम्बई में जब कई उत्साही सज्जनों ने स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के समक्ष नया ‘समाज’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, तब उस दीर्घद्रष्टा ऋषि ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए और उन लोगों को सावधान करते हुए कहा – “भाई, हमारा कोई स्वतन्त्र मत नहीं है । मैं तो वेद के अधीन […]
परीक्षा के दिनों में सावधानियां डॉ. मनमोहन सिंह – विभूति फीचर्स परीक्षा के दिनों में आमतौर पर बच्चे घबरा जाते हैं। उन पर एक तो परीक्षा के कारण पढऩे का बोझ बढ़ जाता है और दूसरा माता-पिता भी उनका बोझ और डर बढ़ाने में सहायक होते हैं। आज के दौर में हर माता-पिता चाहते हैं […]