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कृषि जगत

आम से मैंगो की यात्रा*

आम से मैंगो की यात्रा____________________ लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ फलों का राजा आम भारत ,पाकिस्तान व फिलीपींस का राष्ट्रीय फल होने के साथ -साथ बांग्लादेश का राष्ट्रीय वृक्ष भी है.. ।वर्ष 2010 में ही बांग्लादेश ने आम के वृक्ष को राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा दिया है| आम का वृक्ष भारतवर्ष का मूल देशज वृक्ष […]

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कृषि जगत

किसानों तक नहीं पहुंच रहा कृषि योजना का पूरा लाभ

फूलदेव पटेल मुजफ्फरपुर, बिहार कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. कृषि से जुड़ी सरकार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कृषि व वानिकी का सकल घरेलू उत्पाद में 20.2 प्रतिशत हिस्सा रहा है. देश-दुनिया में अनेक प्रकार के रोजगार के साधन हैं, लेकिन उन सभी संसाधनों को […]

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कच्चे घरों में कैसे रहे?

भावना कुमारी मीणा उदयपुर, राजस्थान इंदिरा आवास योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सफल योजना रही है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इसके माध्यम से उन्हें छत प्रदान करना है, जो बेघर हैं. यानि वैसे लोग जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हैं और जिनके पास मूलभूत सुविधाएं भी नहीं […]

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कृषि जगत स्वास्थ्य

मांस से 10 गुना शक्तिशाली कौन सा भोज्य पदार्थ है?*

आज के समय में अधिकांश व्यक्ति उन खाद्य का सेवन करते हैं जिनमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। इस कारण वे तरह-तरह की परेशानियों का सामना करते है। शारीरिक कमजोरी की समस्या आम हैं। थोड़ा सा काम करने के बाद ही लोग थकावट महसूस करते है। लोग शरीर को ताकतवर […]

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कृषि रोबोट: किसानों का किफायती दोस्त

कृषि क्षेत्र में भारत में किसान घट रहे हैं। कुछ सामान्य वाक्यों को दोहराकर खेती के पेशे को छोड़ रहे हैं कि यह अब लाभदायक नहीं है, दिन-ब-दिन जोखिम भरा होता जा रहा है। इसके नुकसान युवाओं को भी इसमें रुचि नहीं लेने देते हैं। रोबोटिक्स निश्चित रूप से कृषि क्रांति लाएगा। हालांकि आगे की […]

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कौन सुनेगा श्रमिक महिलाओं का दर्द?

वंदना कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड खेती-किसानी और मजदूरी है. यदि खेती नहीं हो, तो आदमी खाएगा क्या? आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक कृषि में सकल घरेलू उत्पाद की हिस्सेदारी 20.2 फीसदी है. भारत की तकरीबन आधी जनसंख्या रोजगार के लिए खेती बाड़ी पर ही निर्भर है. कृषि द्वितीयक उद्योगों के […]

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कृषि जगत

धरतीपुत्र केंचुआ और हमारी खेती*

आर्य सागर खारी🖋️ केंचुआ सच्चे अर्थों में धरतीपुत्र है,प्राकृतिक खेती का केंचुआ मुख्य आधार है ।जंगल के पेड़ को यूरिया व डीएपी कौन डालता है? किटनाशक का छिड़काव कौन करता है ?पानी कौन देता है ?लेकिन समय आने पर वह पेड़ फलों से लद जाते हैं। आप जंगल के किसी पेड़ के पत्ते को लैब […]

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कृषि जगत

भूजल के प्रति बढ़ती जा रही संवेदनहीनता रहेगी मानवता के लिए घातक

प्रह्लाद सबनानी दिनांक 5 जनवरी 2023 को ‘जल विजन 2047’ कॉन्फ़्रेन्स को सम्बोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता जनार्दन को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय […]

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आचार्य कौटिल्य (चाणक्य) की गोचर भूमि , खुले छूटे हुए पशुओं को लेकर व्यवस्था* _____________________

आर्य सागर खारी🖋️ आज उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में खुला छुटे हुए पशु एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं खेत खलियान से लेकर राजमार्गों तक स्वच्छंद घूमते पशुओं के समूह आपको दिख जाएंगे| गोवंश की बदहाली इसमें किसी से छुपी नहीं है गौमाता राजमार्गों पर चोटिल हो रही है तो कहीं ट्रेन की […]

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कृषि जगत हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सुपर कृषक बनने का मार्ग: सुपर फ़ूड मोटे अनाज की प्राकृतिक कृषि

23 दिसंबर: राष्ट्रीय किसान दिवस पर विशेष प्रवीण गुगनानी देश में मोटे अनाजों की कृषि, उत्पादन व उपभोग को पर केंद्रित इस लेख के पूर्व यह कविता पढ़िए – यह रागी हुई अभागी क्यों? चावल की किस्मत जागी क्यों? जो ‘ज्वार’ जमी जन-मानस में, गेहूँ के डर से यह भागी क्यों? यूँ होता श्वेत ‘झंगोरा’ […]

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