कुरान में पवित्र अश्लील शब्द किसी भी व्यक्ति की शराफत , शिष्टता ,गुण अवगुण और स्वभाव उसके द्वारा बोलचाल प्रयोग किये या लिखे गए शब्दों से पता चल जाते हैं .दुनिया की हरेक भाषा में पुरुष स्त्री के गुप्त अंगों से सम्बंधित शिष्ट और अश्लील शब्द पाए जाते हैं .और सभ्य लोग उन्हीं शब्दों का […]
श्रेणी: इसलाम और शाकाहार
आजकल देश में अनेकों ऐसे महिला संगठन है , जो मांग करते रहते हैं कि समाज में महिलाओं का वही दर्जा होना चाहिए जो पुरषों को है , लेकिन ऐसे लोग नहीं जानते कि हिन्दू धर्म महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं , बल्कि महिलाओं को पुरुषों से अग्रिम और पूज्यनीय मानता है , हमारी […]
इस्लामी मान्यता के अनुसार मुहम्मद साहब को अल्लाह का अंतिम और सबसे प्रिय रसूल माना गया है , इनका इस्लाम में इतना महत्त्व है कि दुनिया के सबसे कुख्यात इस्लामी आतंकी संगठन ने भी अपने काले झंडे पर अल्लाह के साथ मुहम्मद का भी नाम लिखा है , और वह इसी अल्लाह के प्यारे रसूल […]
सारी गलती मुसलमान की क्यो? दी केरल स्टोरी देखने के बाद शायद हर व्यक्ति खासकर लड़कियों के मन मे अल्लाह, जेहाद, जन्नत और इस्लाम जैसे शब्दों के लिये नफरत बैठ ही जाएगी जो कि सुरक्षा दृष्टि से ठीक है। लेकिन आत्मचिंतन कीजिये कि आखिर मुसलमान का दोष ही क्या है? वो तो घोड़े पर बैठकर […]
मुस्लिम नेता हमेशा लोगों के दिमागों में यही बात ठूंसने की कोशिश करते रहते हैं कि इस्लाम एक शांति का धर्म है . और उसका आतंकवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है .लेकिब जब भी कोई मुस्लिम आतंकवादी पकड़ा जाता है , तो यह मुल्ले मौलवी और नेता चुप्पी साध लेते .या कहने लगते हैं कि […]
भाड़ में जाए ऐसी मुहब्बत ! आपने गौर किया होगा कि जब भी लोकसभा ,विधान सभा या स्थानीय निकायों का चुनाव की घोषणा होती है तो ओवैसी जैसे कई मुस्लिम नेता मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करने के कोई न कोई ऐसा मुद्दा खोज लेते है जिस से तनाव पैदा हो जाये और मुस्लिम वोटर खींच […]
यज्दियों के कत्लेआम का असली कारण ? क्योंकि यह विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है ,जो मानता है कि हरेक व्यक्ति जो भले कर्म करता है ,मरने के बाद उसका जन्म भारत में ही होता है ,जबकि इस्लाम पुनर्जन्म को नहीं मानता यदि हम निष्पक्ष होकर मुसलमानों का इतिहास और उनकी कुरान से प्रेरित कपट […]
काबा की तरफ मूतने वाले रसूल ! मुसलमानों की मान्यता है कि मुहम्मद साहब अल्लाह के अंतिम रसूल हैं ,और उनको अल्लाह इतना चाहते थे कि बिना किसी योग्यता के और अनपढ़ होने पर भी उनको रसूल नियुक्त कर दिया , इसी विशेषता के कारण हर जिहादी संगठन अपने झंडे में अल्लाह के साथ मुहम्मद […]
ओ३म् मौलाना कैसे बने आर्य प्रचारक पंडित भोजदत्त आर्य मुसाफिर आगरा में पंडित लेखराम जी की स्मृति में आर्य मुसाफिर उपदेशक विद्यालय चलाते थे एवं ‘आर्य मुसाफ़िर’ के नाम से साप्ताहिक पत्र का संपादन भी करते थे। इस्लाम की मान्यताओं की तर्क पूर्ण समीक्षा इस पत्र में छपती रहती थी जिसे पढ़कर अनेक मुसलमान भाई […]
भले ही भारत के सेकुलर इस्लाम को धर्म कहते रहें ,लेकिन जिन विद्वानों ने निष्पक्ष रूप से इस्लामी साहित्य का गहन अध्ययन किया हैं ,उन्होंने इस्लाम को धर्म नहीं माना है क्योंकि इस्लाम के विचार मानवता विरोधी , तर्कहीन , परस्पर विरोधी और कल्पित मान्यताताओं पर आधारित है , और यदि इस्लाम को एक ऐसा […]