5 सितम्बर/इतिहास-स्मृति प्रतिवर्ष पांच जून को हम ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाते हैं; लेकिन यह दिन हमारे मन में सच्ची प्रेरणा नहीं जगा पाता। क्योंकि इसके साथ इतिहास की कोई प्रेरक घटना के नहीं जुड़ी। इस दिन कुछ जुलूस, धरने, प्रदर्शन, भाषण तो होते हैं; पर उससे सामान्य लोगों के मन पर कोई असर नहीं होता। […]
श्रेणी: पर्यावरण
* मानवता के लिए संकट के नए संकेत*______________ प्रदूषण शब्द जिव्हा पर आते ही… वायु जल ध्वनि प्रदूषण पर ही ध्यान चर्चा सिमट कर रह जाती है| प्रकृति बहु रुप है, ऐसे ही असंख्य हमारे प्रदूषण कारी क्रियाकलाप है जिनमें एक नई समस्या प्रदूषण वैश्विक स्तर पर निकल कर आया है वह है प्रकाश प्रदूषण…. […]
योगेश कुमार गोयल (लेखक वरिष्ठ पत्रकार तथा पर्यावरण विषयों के जानकार हैं।) 1500 हेक्टेयर जमीन में फैली रीवा सौर ऊर्जा परियोजना की कुल क्षमता 750 मेगावाट है, जिसके लिए यहां 250-250 मेगावाट की तीन यूनिट स्थापित हैं। रीवा प्लांट की शुरूआत के साथ ही भारत दुनिया के शीर्ष पांच सौर ऊर्जा उत्पादक देशों में शामिल […]
योगेश कुमार गोयल भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा सन् 1900 के बाद साल दर साल हुई वर्षा के आंकड़ों के आधार पर 2014 में किए गए अध्ययन में बताया गया था कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते मानसूनी बारिश की तीव्रता बढ़ती जा रही है। बिहार और असम के बाद इस समय उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, […]
योगेश कुमार गोयल पर्यावरण संतुलन डगमगाने के चलते लोग तरह-तरह की भयानक बीमारियों के जाल में फंस रहे हैं, उनकी प्रजनन क्षमता पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है, उनकी कार्यक्षमता भी इससे प्रभावित हो रही है। लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा बीमारियों के इलाज पर ही खर्च हो जाता है। आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण के […]
यज्ञ केवल कर्मकांड नहीं है यह सृष्टि का प्रथम मानवीय प्रयोग है जो दिव्य मेधा संपन्न ओजस्वी तेजस्वी हमारे पूर्वज ऋषि महर्षियों ने किया| एक ऐसा प्रयोग जो कभी निष्फल नहीं होता| ऐसा प्रयोग जिसकी सफलता की गारंटी ईश्वर देता है वेदों में |जो विनाश नहीं निर्माण करता है अपितु जगत का कल्याण करता है| […]
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ भारतवर्ष में 270 के लगभग प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं| इनमें से मात्र 5% सांप ही विषधर हैं, बाकी 95 फीसदी सांप विषरहित है| निष्कर्ष यह निकलता है सांपों की मात्र 15 प्रजातियां ही जहरीली हैं ,इनमें भी 3 प्रजातियां ही अत्यंत जहरीली है..| विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार सांप के काटने […]
समय की अनोखी धारणा है। सर्दी, गर्मी और बारिश को महसूस करते हुए ही मानव ने जाना था कि ऋतु और उसका चक्र क्या है? महिलाओं ने पौधों के फलन और फूलन से नक्षत्रों को जाना और जिसके लिए जैसा जाना, वैसा ही कहा जो दिवस, पक्ष, मास और संवत्सर के फल के लिए […]
_____________________________ हमारा शरीर इस विशाल ब्रह्मांड का ही एक हिस्सा है| इसकी जैविक गतिविधियां प्रत्यक्ष तौर पर अंतरिक्ष जगत से निर्देशित नियंत्रित है….. ऋषियों ने वायु जल पृथ्वी अग्नि आकाश को देवता कहा… देवता का अर्थ भी बड़ा ही सुंदर किया जो दिव्य गुणों( भौतिक रासायनिक) से युक्त तथा देने वाला होता है वह देवता […]
_____________________________ 80 के दशक में चौपाए पशु सूअर के पेनक्रियाज में बनने वाली इंसुलिन hormone ,मधुमेह से खोखले होते सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले दोपाए जंतु इंसान के शरीर में चढ़ाया गया… मधुमेह अर्थात शुगर के दुष्प्रभावों से होने वाली मौतों से करोड़ों लोगों का जीवन बच पाया….| शुगर के लाखों करोड़ों रोगी आज भी सूअर […]