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आर्य समाज भारतीय संस्कृति व्यक्तित्व शिक्षा/रोजगार

विद्या : धर्म का आठवाँ लक्षण

दयानन्द ने विद्या प्राप्त करने की प्रेरणा अनेक स्थलों पर दी है। – अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए। – विद्या का जो पढ़ना-पढ़ाना है यही सबसे उत्तम है। – स्वाध्याय (पढ़ना) और प्रवचन (पढ़ाना) का त्याग कभी नहीं करना चाहिए। – विद्यादि शुभ गुणों को प्राप्त करने के प्रयत्न में अत्यंत […]

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आर्य समाज वेद

वैदिक ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना मन्त्र

विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव । यद् भद्रं तन्न आ सुव ॥१॥ मंत्रार्थ – हे सब सुखों के दाता ज्ञान के प्रकाशक सकलजगत के उत्पत्तिकर्ता एवं समग्र ऐश्वर्ययुक्त परमेश्वर! आप हमारे सम्पूर्ण दुर्गुणों, दुर्व्यसनों और दुखों को दूरकर दीजिए, और जो कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव, सुख और पदार्थ हैं,उसको हमें भलीभांति प्राप्त कराइये। हिरण्यगर्भ: समवर्त्तताग्रे भूतस्य […]

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आर्य समाज संपादकीय हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सर्वत्र व्याप रहा है ऋषि का आलोक

स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा स्थापित आर्य समाज जैसी पवित्र संस्था को स्थापित हुए अब 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस कालखंड में हमारे देश के राष्ट्रीय इतिहास में अनेक घटनाएं घटित हुई हैं। यदि सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए तो आर्य समाज ने भारत के राष्ट्रीय इतिहास को इस कालखंड में बड़ी गहराई […]

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आर्य समाज व्यक्तित्व

ऋषि दयानन्द ने वेदों का प्रचार विश्व कल्याण की भावना से किया

ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना किसी नवीन मत-मतान्तर के प्रचार अथवा प्राचीन वैदिक धर्म के उद्धार के लिये ही नहीं की थी अपितु उन्होंने वेदों का जो पुनरुद्धार व प्रचार किया उसका उद्देश्य विश्व का कल्याण करना था। यह तथ्य उनके सम्पूर्ण जीवन व कार्यों पर दृष्टि डालने व मूल्याकंन करने पर विदित होता […]

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आर्य समाज भ्रांति निवारण

प्रयागराज, तीर्थराज और त्रिवेणी संगम की वास्तविकता, भाग – 1

इन दिनों प्रयागराज में सुप्रसिद्ध कुंभ का मेला आयोजित किया जा रहा है जिसकी भव्यतम तैयारी प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में संपन्न हुई है। निश्चित रूप से प्रयागराज का यह महाकुंभ इस बार अपने आप में कई अर्थों में निराला है। ऐसे में कई प्रश्न आपके मन मस्तिष्क में कौन […]

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आर्य समाज

आर्यसमाज वेदज्ञान से युक्त शुद्ध आचरण करने वाले मनुष्य का निर्माण करता है

देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के लिए […]

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आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

पिछले पांच हजार वर्षों में दयानन्द के समान ऋषि नहीं हुआ

महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान-विज्ञान सहित देश की अखण्डता व स्थिरता की दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद ऋषि जैमिनी पर आकर देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई थी। ऋषि परम्परा का आरम्भ […]

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आर्य समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानन्द के जीवन के अन्तिम प्रेरक शिक्षाप्रद क्षण

महर्षि दयानन्द की मृत्यु जोधपुर में वैदिक धर्म का प्रचार करते हुए उनके विरोधियों के षडयन्त्र के अन्तर्गत उन्हें संखिया जैसे विषैले पदार्थ का सेवन कराने से अजमेर में दीपावली 30 अक्तूबर, 1883 मंगलवार सायं लगभग 6:00 बजे हुई थी। मृत्यु के दिन मृत्यु से आधे घण्टे पूर्व की उनकी जीवन की प्रमुख घटनाओं का […]

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आर्य समाज

आर्य समाज ईश्वरीय ज्ञान वेद का प्रचारक संसार का अद्वितीय संगठन है

संसार में अनेक संगठन है जिनके अपने-अपने उद्देश्य व लक्ष्य हैं तथा जिसे पूरा करने के लिये वह कार्य व प्रचार करते हैं। सभी संगठन या तो धार्मिक होते हैं या सामाजिक। इनसे इतर भी अनेक विषयों को लेकर अनेक संगठन बनाये जाते हैं। देश की रक्षा करने के लिये भी सभी देशों की सरकारें […]

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आर्य समाज वेद

महर्षि दयानन्द की प्रमुख देन चार वेद और उनके प्रचार का उपदेश

महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार के लोग असत्य व अज्ञान के मार्ग पर चल रहे थे। उन्हें यथार्थ सत्य का ज्ञान नहीं था जिससे वह जीवन के सुखों सहित मोक्ष के सुख से भी सर्वथा अपरिचित व वंचित थे। महर्षि दयानन्द […]

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