स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती [ हिंदी राष्ट्रभाषा है। कुछ लोग यह तर्क दे रहे है कि संस्कृत को राजभाषा बनाना चाहिए। स्वामी दर्शनानन्द जी का यह लेख उनकी शंका का यथोचित समाधान है।] इस समय बहुत-से मनुष्य यह विचार कर रहे हैं कि किसी समय में संस्कृत भाषा भारतवर्ष की राष्ट्रभाषा थी, इसलिए वेद ईश्वरीय ज्ञान […]
श्रेणी: भाषा
-डॉ० सुरेन्द्रकुमार (हिन्दी राष्ट्रभाषा लेखमाला भाग 3) देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए आग्रह किया। गृहमंत्री जी का कहना था कि हिंदी को अंग्रेजी के स्थान पर प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके इस बयान में कुछ भी गलत नहीं था। भारतीय शिक्षा-पद्धति में सुधार, परिष्कार और समयानुकूल […]
स्त्रोत- स्वामी दयानन्द सरस्वती के पत्र-व्यवहार का विश्लेषणात्मक अध्ययन] लेखक- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, #डॉ_विवेक_आर्य सहयोगी- डॉ० ब्रजेश गौतमजी देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए आग्रह किया। गृहमंत्री जी का कहना था कि हिंदी को अंग्रेजी के स्थान पर प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके इस […]
लेखक- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, #डॉ_विवेक_आर्य सहयोगी- डॉ० ब्रजेश गौतमजी (हिन्दी राष्ट्रभाषा लेखमाला भाग 2) देश के गृहमंत्री अमित शाह जी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए आग्रह किया। गृहमंत्री जी का कहना था कि हिंदी को अंग्रेजी के स्थान पर प्राथमिकता देनी चाहिए। उनके इस बयान में कुछ भी […]
उमेश चतुर्वेदी हिंदी की इस भावी हालत को संविधान निर्माताओं ने समझा था। संविधान निर्माताओं को लगता था कि अगर हिंदी में संविधान बनेगा तो वह भारतीय मानस को पूरी तरह गुलामी से मुक्ति की अभिव्यक्ति का माध्यम तो बनेगा ही, भारतीय लोगों पर भारतीय तरीके से शासन का जरिया भी बनेगा। संवैधानिक मान्यता हासिल […]
उगता भारत ब्यूरो वीर विनायक दामोदर सावरकर दो आजन्म कारावास की सजा पाकर कालेपानी नामक कुख्यात अन्दमान की सेल्युलर जेल में बन्द थे। वहाँ पूरे भारत से तरह-तरह के अपराधों में सजा पाकर आये बन्दी भी थे। सावरकर उनमें सर्वाधिक शिक्षित थे। वे कोल्हू पेरना, नारियल की रस्सी बँटना जैसे सभी कठोर कार्य करते थे। […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यह संतोष का विषय हो सकता है कि आजकल दुनिया के दर्जनों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाने लगी है लेकिन कुछ अपवादों को छोड़कर विदेशी लोगों को उनकी सरकारों द्वारा हिंदी इसलिए पढ़ाई जाती है कि उन्हें या तो भारत के साथ कूटनीति या जासूसी के काम में लगाना होता है। विश्व […]
#विश्वहिन्दीदिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित आजादी के पूर्व 1937 में गांधीजी के आदेश पर देश मे धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने के लिए ‘वर्धा शिक्षा समिति’का पाठयक्रम तैयार किया। इस पाठ्यक्रम में अरबी,फारसी ,उर्दू और हिंदी को जोड़ कर एक नई भाषा तैयार की गई। जिसे “हिंदूस्तानी भाषा” का नाम दिया गया। इस भाषा मे […]
#डॉविवेकआर्य सारे देश की आशा है, हिंदी आपकी भाषा है। 10 जनवरी आर्य भाषा ‘हिंदी दिवस’ पर हार्दिक शुभकामनायें स्वामी दयानंद ने 1857 के स्वाधीनता संग्राम को असफल होते देखा था और उसके असफल होने का मुख्य कारण भारतीय समाज में एकता की कमी होना था। स्वामी दयानंद ने इस कमी को समाप्त करना आवश्यक […]
राष्ट्रभाषा हिन्दी और देवनागरी लिपि #विश्वहिन्दीदिवस 10 जनवरी आर्य भाषा ‘हिंदी दिवस’ पर हार्दिक शुभकामनायें लेखक- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, डॉ० विवेक आर्य सहयोगी- डॉ० ब्रजेश गौतमजी अपने विचारों को दूसरे तक प्रेषित करने में हमें भाषा की आवश्यकता पड़ती है। स्वामी दयानन्द जब धर्म प्रचार के क्षेत्र में आये तब उनके सामने […]