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भारतीय संस्कृति

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और शंकराचार्य

जब 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री रामलला की मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम संपन्न हुआ तो उसमें चारों शंकराचार्य ने अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराई। कई लोगों ने उनके इस निर्णय की आलोचना की तो देश की विपक्षी पार्टियों ने इसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने का अच्छा अवसर समझा। […]

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हिन्दू जागृति के कारण विश्व भर में क्या हुआ?

दुनिया भर के सभी हिंदुओं को यह संदेश पढ़ना चाहिए! कई लोग सोशल मीडिया को हल्के में लेते हैं, लेकिन मैं आपको इसकी ताकत बता दूं। इसे पढ़ने में केवल एक मिनट का समय लगता है: भारत में हिंदुओं के नये आत्मविश्वास और एकता से पूरा यूरोप और अमेरिका दबाव महसूस कर रहा है! गरीब […]

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रामचंद्र जी की झांकी और गणतंत्र दिवस की परेड

ललित गर्ग- गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इसी दिन 26 जनवरी, 1950 को हमारी संसद ने भारतीय संविधान को पास किया। इस दिन भारत ने खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया। भारतीय संविधान के अग्रिम पृष्ठ पर प्रभु श्रीराम विराजित है, लेकिन पूर्व सरकारों ने श्रीराम के गणतांत्रिक गौरव को न अपनाने […]

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भारतीय संस्कृति

धर्म के मूलभूत अर्थ को समझो

#डॉविवेकआर्य देश के केंद्रीय विद्यालयों में प्रात:कालीन प्रार्थना संस्कृत और हिंदी में पढ़ी जाती हैं। इस प्रार्थना का संस्कृत भाग उपनिषद्, महाभारत आदि ग्रंथों की शिक्षाओं पर आधारित होता हैं जैसे “असतो मा सद्गमय तमसो माँ ज्योतिर्गमय” तथा “दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना” आदि। मध्य प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने […]

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पीएम मोदी का राष्ट्र और राम संबंधी चिंतन

ललित गर्ग:- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्याधाम में प्रभु श्रीराम मंदिर के सफल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और एक धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि लोगों द्वारा उनके प्रति दिखाए गए प्यार और स्नेह ने उन्हें ‘जननायक’ के रूप में स्थापित किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पढ़े गए […]

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स्वामी दयानन्द सरस्वती का वेदभाष्य

लेखक- पं० युद्धिष्ठिर मीमांसक जिस समय योरोपीय देशों में वेदार्थ जानने के लिए प्रत्यन हो रहा था, उसी समय भारत में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने एक सर्वथा नई दृष्टि से वेदार्थ करने का उपक्रम किया। स्वामी दयानन्द का वेदार्थ इन दोनों प्रकार के वेदार्थों से भिन्न था। स्वामी दयानन्द ने वेदार्थ की प्राचीन और अर्वाचीन […]

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भारतीय संस्कृति

मेरे जीवन में, मेरी जिह्वा के मूल में कर्मो की मिठास हो*

वेद वाणी मधुशास्त्र विद्या की महिमा का वर्णन है, मेरी जिह्वा के अग्रभाग और मूल में मिठास का झरना हो, मेरे प्रत्येक कर्म और बुद्धि, अन्त:करण में मधुरता हो! (जिह्वाया अग्रे मधु मे जिह्वा मूले मधुलकम्!ममदेह क्रतावसो मम चित्तमुपायसि!) अथर्व १-३४-२ शब्दार्थ मे जिह्वाया: अग्रे मधु जिह्वामूले मधूलकम् मेरी जिह्वा के अग्रभाग में मिठास हो, […]

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अष्टाचक्रा दिव्य अयोध्या

✍️ आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी अयोध्या वैकुंठ नगर है :- अयोध्या को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी सम्पन्नता की तुलना स्वर्ग और मानव शरीर के आत्म तत्व परम पिता परमेश्वर से की गई है। जो देवताओं, राक्षसों,शत्रुओं तथा पातक समूह से जीती ना जा सके उसे अयोध्या कहते हैं। […]

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भारतीय संस्कृति हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

धनुर्धारी श्री राम के अविस्मरणीय कथन_

“ निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ प्रण कीन्ह!” “…भय विन होत न प्रीत” आजकल लगभग सभी समाचार पत्रों सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं और टीवी समाचार चैनलों में “श्रीराम जन्म भूमि मंदिर” अयोध्या धाम में श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के शुभाअवसर पर अति उत्साहित व भक्ति रस में डूबे हुई कार सेवकों की संघर्ष […]

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भारतीय संस्कृति

भारत में सांस्कृतिक धरोहरों को दिलाया जा रहा है उचित स्थान

22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में सम्पन्न होने जा रही है। पिछले लगभग 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात श्रीराम लला टेंट से निकलकर एतिहासिक भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। पूरे देश का वातावरण राममय हो गया है। न केवल भारत के […]

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