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भारतीय संस्कृति

स्वामी दयानंद जी महाराज और आर्योद्देश्यरत्नमाला

60 वर्ष की अल्पायु में महर्षि दयानंद ने अनेकों पुस्तकें तथा ग्रंथों की रचना की। एक एक पुस्तक को अलग-अलग पढ़ें तो आभास होता है कि प्रत्येक पुस्तक में ज्ञान की अमृत वर्षा की हुई है। हम पर बहुत ऋण है महर्षि दयानंद का। लेकिन आज मैं आर्योंदेश्यरत्नमाला पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहूंगा जो […]

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गंगा ,जमुना ,सरस्वती-संगम की वास्तविकता क्या है?*

* Dr D K Garg प्रचलित मान्यताएंः गंगा,यमुना को लेकर अनेकों पौराणिक कथाएं मिलती है जैसे यमुना को सूर्य की बहिन,गंगा को शिव की पुत्री और ब्रह्मा की पत्नी,और ब्रह्मा के कमंडल में रहने वाली गंगा आदि। वैसे तो भारत में हजारों नदिया है लेकिन इन तीन नदियों यानि की गंगा ,यमुना और सरस्वती की […]

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भारतीय समाज में विवाह के अनुशासन की झलक

भारतीय समाज में विवाह के अनुशासन की झलक ऋग्वेद के यम-यमी सूक्त में मिलती है । दम्पति में परस्पर सखा-भाव को प्रधानता है । विवाह को नियमों में बाँधे जाने का प्रथम कार्य दीर्घतमस ऋषि द्वारा किया गया था. इसका अगला संस्करण औद्दालकि द्वारा हुआ. हिन्दू विवाह अग्नि के साक्षित्व , सप्तपदी और ध्रुव-अरुन्धति दर्शन […]

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ओ३म् “ईश्वर का ध्यान करते हुए साधक को होने वाले कतिपय अनुभव”

========== मनुष्य का आत्मा चेतन सत्ता वा पदार्थ है। उसका कर्तव्य ज्ञान प्राप्ति व सद्कर्मों को करना है। ज्ञान ईश्वर व आत्मा संबंधी तथा संसार विषयक दो प्रकार का होता है। ईश्वर भी चेतन आत्मा की तरह से एक चेतन पदार्थ है जो सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ, निराकार, सर्वव्यापक एवं सर्वान्तर्यामी सत्ता है। ईश्वर व आत्मा दोनों […]

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अघोरी साधु*

अघोरी साधु डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता: अघोर पंथ, अघोर मत या अघोरियों का संप्रदाय, हिंदू धर्म का एक संप्रदाय बताया गया है। इस संप्रदाय की मान्यताओं का पालन करने वालों को ‘अघोरी‘ कहते हैं। अघोरी या औघड़ शब्द की शुरुआत अघोरपंथ से हुई है,जिसका संस्कृत में अर्थ है ‘उजाले की ओर‘ अथवा ‘पवित्र‘ […]

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मरुस्थल में महक रहा आस्था का उद्यान

रेतीले धोरों के बीच झरता है देवी मैया का नेह डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 पश्चिमी राजस्थान का समूचा क्षेत्र दैवीय शक्तियों और दिव्य ऊर्जाओं से आप्लावित माना जाता है। समूचे क्षेत्र में शाक्त उपासना कोने-कोने में विद्यमान होने के साथ ही देवियों और लोक देवियों के प्रति श्रद्धा और आस्था का ज्वार सदियों से उमड़ता […]

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अपने को जलाये और तपाये बिना आर्य समाज का कायाकल्प संभव नहीं • • खटाई में पड़ गये ऋषि मिशन को कैसे बचाया जा सकता है ? •

• • How to rejuvenate Arya Samaj? • स्वामी सत्यदेव विद्यालंकार आर्य समाज को कठोर हाथों में पकड़ कर एक झकझोर देने की आवश्यकता है, जैसे कि ऋषि दयानन्द ने गहरी नींद में सोये हुए अपने देशवासियों को झकझोर दिया था। स्वामी श्रद्धानन्द जी के बाद आज आर्यसमाज में ऐसा शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति कहीं […]

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21 जून का ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व तथा भारत की योग परंपरा

आज 21 जून है। आज के दिन उत्तरी गोलार्ध में पृथ्वी की गति के कारण सूर्य का प्रकाश अधिकतम समय के लिए पृथ्वी पर पड़ेगा ।इसलिए यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होगा। भारतवर्ष के लिए यह सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस के रूप में हमारे […]

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हमारा अभिवादन क्या हो?*

भाग 2 Dr DK Garg आजकल अभिवादन भी धर्म संप्रदाय,समुदाय और अमीरी गरीबी आदि के हिसाब से बट गए है।जैसे उदाहरण के लिए अधिकांश पढ़े लिखे लोग,दफ्तर और कालेजों में बच्चे से लेकर अभिवादन के लिए गुड मॉर्निंग का प्रयोग करते है। गुरुओं के चेले जैसे रविशंकर के चेले अभिवादन के लिए जय गुरु देव, […]

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झूठ की खेती : झूठ को हज़ार बार बोलें तो झूठ सच लगने लगता है।

झूठ की खेती झूठ को हज़ार बार बोलें तो झूठ सच लगने लगता है। आर्यों का बाहर से आक्रमण, यहाँ के मूल निवासियों को युद्ध कर हराना, उनकी स्त्रियों से विवाह करना, उनके पुरुषों को गुलाम बनाना, उन्हें उत्तर भारत से हरा कर सुदूर दक्षिण की ओर खदेड़ देना, अपनी वेद आधारित पूजा पद्धति को […]

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