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भारतीय संस्कृति

नित्य प्रेरणा १* हमारी मातृभूमि

* भारत हमारी पवित्र भूमि है। यहां तक कि देवताओं ने भी इसकी प्रशंसा करते हुए इस प्रकार गीत गाए हैं: “गायन्ति देवाः किल गीतकानि, धन्यास्तु ते भारतभूमिभागे। स्वर्गापवर्गास्पदमार्गभूते, भवन्ति भूयः पुरुषाः सुरत्वात्।।” -(विष्णुपुराण- 2/3/24) “स्वर्ग में भी देवगण निरंतर यही गान करते हैं कि जिसने भारतवर्ष में जन्म लिया है, वे पुरुष हम देवताओं […]

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जातिवाद को मिटाने के हमारे पूर्वजों का एक विस्मृत प्रयास

#डॉविवेकआर्य आर्यसमाज और शुद्धि आंदोलन। ₹500 (डाक खर्च सहित) मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप द्वारा सम्पर्क करें। 1926 में पंजाब में आद धर्म के नाम से अछूत समाज में एक मुहिम चली। इसे चलाने वाले मंगू राम, स्वामी शूद्रानन्द आदि थे। ये सभी दलित समाज से थे। स्वामी शूद्रानन्द का पूर्व नाम शिव चरन […]

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अध्याय 7 …..तो क्या इतिहास मिट जाने दें कांति ,शांति, क्रांति और हिंदू

भारत की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। इसी सभ्यता को यदि ‘विश्व सभ्यता’ कहा जाए तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसमें दो राय नहीं कि संपूर्ण विश्व समाज ने भारत की संस्कृति और सभ्यता से ही शिक्षा लेकर आंखें खोलीं। मैथिलीशरण गुप्त जी की ये पंक्तियां हमारे इतिहास के गौरवपूर्ण पक्ष को स्पष्ट करती […]

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तीन-तीन गुफावाली गुप्त गोदावरी के दिव्य रहस्य

आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी रहस्यमयी भू विज्ञान :- चित्रकूट का यह परिक्षेत्र अपने विविधता के लिए विश्व विख्यात है। इस अंचल के भूगर्भ में जानी अनजानी अकूत खनिज सम्पदायें वनस्पतियां और विविध प्रकार के जीव- जन्तु और खनिज संसाधन भी मौजूद है। कहीं लौह-/ अयस्क तो कहीं हीरा निकलने की संभावना व्यक्त की गई […]

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जानकी कुण्ड ,चरण चिन्ह और यज्ञ वेदी

आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी धर्मनगरी चित्रकूट भगवान श्री राम की तपोस्थली रही है। यहां प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के लगभग बारह साल व्यतीत किए थे। रामघाट से 2 किमी. की दूरी पर कामदगिरि के प्रमुख द्वार से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर चित्रकूट सतना राजमार्ग पर जानकी कुंड स्थित है। यहां श्वेत […]

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भारत की स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने, भाग 2

बिहार स्थित महाबोधि मंदिर भारतवर्ष वास्तव में सर्व संप्रदाय समभाव का देश रहा है। वैचारिक मतभेदों के उपरांत भी मानवता और धर्म के नाम पर हम सब एक रहे हैं । हमने कभी भी किसी की व्यक्तिगत पूजा पद्धति को अपने संबंधों के आड़े नहीं आने दिया। यही कारण रहा कि यहां पर विपरीत मत […]

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मर्यादा पुरूषोत्तम राम : सनातन ( पौराणिक ) संस्कृति के मूर्त्त विधान

राम का शब्दिक अर्थ है ‘जो सब में रमण करे’ अर्थात् जो सब में व्याप्त है, यानि परम शक्ति परब्रह्म परमात्मा है। संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना जिनके द्वारा की गई है । राम राजा दशरथ के पुत्र के रूप में अयोध्या में मानव रूप में प्रकट होकर शील, शक्ति, सौदर्य, मर्यादा, सत्य व न्याय की […]

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राम मन्दिर की कानूनी लड़ाई , भाग 2

प्रमाण हमारे पास हैं , करते यही बखान। राम का मंदिर था यहां, गाता हिंदुस्तान।। 1858 में हुई घटना के 27 वर्ष पश्चात 1885 में राम जन्मभूमि के लिए लड़ाई न्यायालय पहुंची। यही वह वर्ष था जब निर्मोही अखाड़े के मंहत रघुबर दास ने फैजाबाद के न्यायालय में स्वामित्व को लेकर दीवानी मुकदमा दायर किया। पूर्व […]

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राम मन्दिर की कानूनी लड़ाई ,भाग – 1

मंदिर हमारी आस्था, मंदिर ही पहचान। मंदिर हमारी अस्मिता, मंदिर ही था शान।।   मीरबाकी खान ने अयोध्या स्थित राम मंदिर को चाहे धरातल से समाप्त कर दिया हो, पर वह उसे हिंदू समाज के दिलों से समाप्त नहीं कर पाया था। मंदिर हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक था। हमारी आस्था का प्रतीक था । […]

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हिंदू संगठन शक्ति समय की आवश्यकता

हिंदुओं अब तो संगठित हो जाओ! #डॉविवेकआर्य एक बार एक कसाई के पास उसका एक दोस्त उससे मिलने गया। वहाँ उसने देखा कि एक बड़े से पिंजरे नुमा घर में ढेर सारे बकरे कैद है। और आपस में बड़े ही मस्ती के साथ खेल रहे हैं। उस पिंजरे से वह कसाई एक एक करके बकरे […]

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