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संपादकीय

राष्ट्रदेव की पूजा करो

हमारे हिन्दू समाज में तैंतीस करोड़ देवों की कल्पना की गयी है। विद्वानों की अपनी-अपनी व्याख्याएं इस विषय में उपलब्ध हैं। हमें इस प्रकरण में प्रचलित व्याख्याओं का उल्लेख यहां विषयांतर के कारण नहीं करना है। आज हमें देवों के भी देव की आराधना करनी है, उसी की उपासना करनी है उसी की आरती उतारनी […]

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