बिखरे मोती-भाग 175 गतांक से आगे…. सहज नहीं कूटस्थ व्रत, दुर्लभ पूरा होय। शक्ति शान्ति सुकून तो, फिर पीछे-पीछे होय ।। 1101 ।। व्याख्या :- भगवान कृष्ण ने गीता के छठे अध्याय के आठवें श्लोक में इसकी व्याख्या करते हुए कहा है-‘कूटवत तिष्ठतीति कूटस्थ:‘ अर्थात जो कूट (अहरन) की तरह स्थित रहता है, उसको कूटस्थ […]
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वर्षा शर्मा मानव जीवन में पहला सुख निरोगी काया का माना जाता है। यह ठीक भी है अच्छे स्वास्थ्य के लिए हम क्या कुछ करने को तैयार नहीं हो जाते। योग भी शरीर को स्वस्थ रखने में हमारी सहायता करता है। चित्र वृत्तियों के शमन को योग कहा जाता है। योग के आठ अंग हैं, […]
बिखरे मोती-भाग 9८ गतांक से आगे….कर्म करे जैसे मनुष्य,मन भुगतै परिणाम।प्रकृति-पुरूष निरपेक्ष हैं,मत कर उल्टे काम।। 929।। व्याख्या :-प्राय: लोग यह प्रश्न करते हैं कि कर्म देह का विषय है अथवा आत्मा का? इस प्रश्न का सीधा सा उत्तर हमारे ऋषियों ने वेद, उपनिषद और गीता में इस प्रकार दिया है-कर्म न तो देह का […]
पूरी post नहीं पढ़ सकते तो यहाँ click करे !https://youtu.be/733RlrQ42YUभारत मे कुल 3600 बड़े कत्लखाने है जिनके पास पशुओ को काटने का लाईसेंस है !! जो सरकार ने दे रखा है ! इसके इलावा 35000 से अधिक छोटे मोटे कत्लखाने है जो गैर कानूनी ढंग से चल रहे है ! कोई कुछ पूछने वाला नहीं […]