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संपादकीय

सर्वधर्म-समभाव का भ्रम-3

सर्वधर्म–समभाव का भ्रम-3 राकेश कुमार आर्य हमें चाहिए कि हम धर्म के वास्तविक अर्थों को समझें, ग्रहण करें और मानवीय समाज के शत्रु संप्रदायों के दानवी स्वरूप को त्यागें। किसी भी मजहब अथवा संप्रदाय की धर्म पुस्तकों की उन व्यर्थ बातों को भूलने और मिटाने का संकल्प लें जो सृष्टिïक्रम और विज्ञान के सिद्घांतों के […]

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संपादकीय

कल्याण के कल्याणकारी बोल

राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह एक मंजे हुए राजनीतिज्ञ हैं, उन्होंने जीवन के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। यह भी सत्य है कि उन्हें ये उतार चढ़ाव उनके अपने स्वाभिमानी स्वभाव के कारण भी देखने को मिले हैं। 1992 ई. में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय सभी भाजपाइयों से अधिक स्पष्टता और जिम्मेदारी का भाव उन्हीं […]

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