कोई पदार्थ नष्ट नहीं होता विज्ञान का यह भारतीय सिद्घांत है कि कोई भी पदार्थ यथार्थ में कभी भी समाप्त नही होता, वरन उसका रूपांतरण ही होता है। संसार के अन्य लोग इस आत्मतत्व को आज तक नही समझ सके, वे लोग आज भी (जबकि विज्ञान का युग है) शरीर के अंत को ही आत्मा […]
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राह बदल दी नदियों की, कर बांधों का निर्माण।चट्टानों में सुरंग बना दी, जो खड़ी थी सीना तान। की हरियाली उन क्षेत्रों में, जो कभी थे रेगिस्तान।नये बीज और यंत्रों द्वारा, आयी हरित क्रांति महान। आकाश से बातें करने वाले, ऊंचे महल बनाये।सागर सीना चीरने वाले, दु्रतगामी जलयान बनाए। जो नभ की ढूढ़ें गहराई, ऐसे […]
आणविक अस्त्रों का संग्रह कर, अंतरिक्ष भंडार बनाया।राकेटों में मौत बंदकर, सिर के ऊपर लटकाया। किंतु कराहती मानवता ने, धीरे से यह फरमाया।वरदान कहा करते थे तुझे, किसने अभिशाप बनाया? प्रकृति के गूढ़ रहस्यों का, तो तुमने पता लगाया।किंतु मानव-हृदय गह्वर को, तू भी माप नही पाया। जिसने तेरे उज्ज्वल मस्तक पर, ये काला दाग […]
अरे ओ आधुनिक विज्ञान, सुना है तुम हो बहुत महान।मेरी भी कुछ शंकाओं का, है क्या तेरे पास निदान?।।अरे ओ आधुनिक विज्ञान। ईश्वर की शक्ति सविता ने, किया था सृष्टि का संचार।आदि काल से ही करता आया, नित नूतन आविष्कार।। पढ़े सुने और देखे तेरे, कितने ही चमत्कार।सोचा तेरे द्वारा होगा, हर प्राणी का उपकार।। […]
प्रमोद भार्गव हमारे देश में एक बड़ी विडंबना है कि जब भी कोई विद्वान प्राचीन भारत अथवा वैदिक युग में विज्ञान की बात करता है तो उस विचार पर नए सिरे सोच की बजाय उसे खारिज करने प्रतिक्रिया ज्यादा सुनाई देने लगती है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के मुबंई में आयोजित 102 वे सम्मेलन में एक […]
प्राचीन भारत के ऋषियों ने भोजन विज्ञानं, माता और बहनों की स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सिल बट्टा का अविष्कार किया ! यह तकनीक का विकास समाज की प्रगति और परियावरण की रक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया। आधुनिक काल में भी सिल बट्टे का प्रयोग बहुत लाभकारी है.१. सिल बट्टा पत्थर […]