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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

‘लहरी’ नही ‘प्रहरी’ बनें जनप्रतिनिधि

राजनीति के व्यापार में अपना भाग्य आजमाने के लिए लोग तिजोरी का मुंह खोले रखते हैं। अपने विरोधी को मैदान से हटाने के लिए या अपने लिए मैदान साफ रखने के लिए राजनीतिक लोग हर प्रकार का हथकंडा अपनाते हैं। अभी दिल्ली में एम.सी.डी. के संपन्न हुए चुनावों में भाजपा की एक बागी प्रत्याशी को […]

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संपादकीय

हमारी संसद और हमारे सांसद

भारत की संसद हो चाहे राज्यों के विधानमण्डल हों सभी में  सांसदों या विधायकों की निरंतर अनुपस्थिति या बहुत कम संख्या में उपस्थिति चिंता का विषय बनी रही है। संसद और विधानमंडलों के प्रति हमारे जनप्रतिनिधियों की ऐसी उपेक्षा के कई कारण हैं। सर्वप्रथम तो हमारे जनप्रतिनिधि अब देश सेवा के लिए राजनीति में न […]

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राजनीति

जनप्रतिनिधियों की जरूरत का सवाल

कुलदीप नैयर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के इस सुझाव से भी सहमत हूं कि सांसदों की वेतनवृद्धि संबंधी निर्णय करने हेतु स्वतंत्र वेतन आयोग का गठन किया जाना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं कि बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए उन्हें अधिक पैसे चाहिए, लेकिन उनकी जरूरत को ठीक ढंग से जानने के […]

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