प्रवीण गुगनानी, —————– छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर संभाग विशेषतः नारायणपुर जिला पुनः अस्थिर, अशांत और अनमना सा है। सदा की तरह कारण वही है, धर्मांतरण! वैसे तो समूचा छत्तीसगढ़ ही धर्मांतरण और मसीही आतंक से पीड़ित है किंतु बस्तर संभाग में यह दंश कुछ अधिक है। सदा की तरह कारण स्थानीय जनजातीय समाज की परम्पराओं, […]
महीना: जनवरी 2023
उगता भारत ब्यूरो मल्ल महाजनपद पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था। यह भी एक गणसंघ था और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके इसके क्षेत्र थे। यह जनपद वज्जि संघ के उत्तर में स्थित एक पहाड़ी राज्य था, इसके दो भाग थे जिनमें एक की राजधानी कुशीनगर (जहाँ महात्मा बुद्ध को महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ) और […]
ऋषिराज नागर (एडवोकेट) भक्ति मार्ग पर चलने के लिए मनुष्य के लिए जरूरी है कि वह अपना शुद्ध चरित्र – आचरण नेक रखे, शराब या नशे का सेवन तथा मांस मछली अण्डे का प्रयोग अपने भोजन में ना करे, अपनी कमाई भी नेक रखे। संतकबीर साहिब – “माँस मछरिया खात हैं सुरा पान से हेति। […]
मुगल काल में भारत भारत पर मुगलों का वास्तविक शासन 1526 ई0 से लेकर 1707 ई0 तक अर्थात बाबर से औरंगजेब के अंत तक रहा। इसमें भी अधिकांश इतिहासकारों का कहना है कि 1556 में जब अकबर गद्दी पर बैठा तो भारतवर्ष में मुगल वंश की स्थापना वास्तविक अर्थों में उसी समय हुई। इस प्रकार […]
उगता भारत ब्यूरो कौशल महाजनपद कौशल / कोसल / कोशल महाजनपद- उत्तरी भारत का प्रसिद्ध जनपद जिसकी राजधानी विश्वविश्रुत नगरी अयोध्या थी। जिसमें उत्तर प्रदेश के फैजाबाद ज़िला, गोंडा और बहराइच के क्षेत्र शामिल थे।इन जनपद की सीमाएँ पूर्व में सदानीर नदी (गण्डक), पश्चिम में पंचाल, सर्पिका या स्यन्दिका नदी (सई नदी) दक्षिण और उत्तर […]
1857 का स्वाधीनता संग्राम भले ही सफल न हुआ हो; पर उसने सिद्ध कर दिया कि देश का कोई भाग ऐसा नहीं है, जहां स्वतन्त्रता की अभिलाषा न हो तथा लोग स्वाधीनता के लिए मर मिटने का तैयार न हों। मध्य प्रदेश में इंदौर और उसके आसपास का क्षेत्र मालवा कहलाता है। 1857 में यह […]
आर्य सागर खारी🖋️ यह उपरोक्त वाक्य विनायक दामोदर सावरकर लिखित “18 57 का स्वतंत्रता समर” पुस्तक के विषय में एकदम सटीक है| एक मराठी युवक विनायक कानून की पढ़ाई के लिए विलायत जाता है… इंग्लैंड में उसका परिचय महर्षि दयानंद के अनन्य शिष्य, संस्कृत के विद्वान महान देशभक्त श्यामजी कृष्ण वर्मा से होता है… उस […]
सुख दुःख के संदर्भ में रात में प्रभात छिपा है, मत ना होय अधीर । काल चक्र से बच नही पाये, राजा हो या फकीर॥2117॥ कर्म की आत्मा भाव है – कर्म फल देता नही, फल देता है भाव । कर्मा शय वैसा बने, जैसे मन के भाव॥2118॥ ज्ञान-कर्म -उपासना के संदर्भ में – ज्ञान, […]
गतांक से आगे … ऋषि देवता और छन्दादि तथा सूक्त, अध्याय और मण्डल आदि की आलोचना के बाद अब वेदों के अर्थो की – भावो की बात सामने आती है। क्योंकि अर्थो अर्थात् भाष्यों के ही द्वारा जाना जाता है कि वेदों में किन विषयों का वर्णन है। परन्तु अव तक जितने वेदों के भाष्य […]
उगता भारत ब्यूरो वत्स महाजनपद वत्स महाजनपद 16 महाजनपदों में से एक है। आधुनिक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद तथा मिर्ज़ापुर ज़िले इसके अर्न्तगत आते थे। इस जनपद की राजधानी कौशांबी (ज़िला इलाहाबाद,उत्तर प्रदेश) थी। ओल्डनबर्ग के अनुसार ऐतरेय ब्राह्मण में जिन वंश के लोगों का उल्लेख है वे इसी देश के निवासी थे।उत्तरपूर्व में यमुना […]