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इतिहास के पन्नों से

आज भी ताजा है 1984 के सिख विरोधी दंगों के घाव

 राकेश सैन बड़े से बड़े आतंकी हमलों के बावजूद पंजाब का साम्प्रदायिक सौहार्द बरकरार रहा और दोनों ने मिल कर आतंकवाद से लोहा लिया। सिख विरोधी दंगों के दौरान भी इस रिश्ते को पूरी गम्भीरता से निभाया गया परन्तु दंगों की भयावहता की घटनाओं के बीच इन घटनाओं पर किसी का ध्यान नहीं जा पाया। […]

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संपादकीय

वैदिक हिंदू धर्म के लिए इंडोनेशिया से आए शुभ संकेत

बात 1960 के दशक की है। जब देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरु थे। पंडित जी कहने को ‘पंडित’ थे पर धर्मनिरपेक्षता का भूत उन पर इस कदर चढ़ गया था कि स्वयं को ‘दुर्भाग्यवश’ हिंदू मानते थे। उन पर इस्लामिक संस्कृति का रंग चढ़ा था और ईसाइयत के ढंग से जीने को वह अपना सौभाग्य […]

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पर्यावरण

विकास बनाम पर्यावरण: अवसर और चुनौतियाँ

उगता भारत ब्यूरो केरल एक बार पुनः पर्यावरण संकट की चपेट में है। कोट्टायम और इडुक्की में असामान्य भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। इससे जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। जीवन की हानि का एक प्रमुख कारण केरल में भूमि उपयोग पैटर्न में आया परिवर्तन है, जिसकी गंभीर समीक्षा […]

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Uncategorised

भारत का वास्तविक राष्ट्रपिता कौन ? श्रीराम या ……. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 4 दिए गए वचन को पूरा करो

दिए गए वचन को पूरा करो रामचंद्र जी के बारे में हरिओम पवार जी की कविता की ये पंक्तियां बड़ी सार्थक हैं :- “राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं, राम हमारे भारत की पहचान हैं, राम हमारे घट-घट के भगवान हैं, राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं, राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं, मंदिर-मस्जिद पूजा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बंदा बैरागी का हुक्मनामा

सन 1710 में बंदा बैरागी द्वारा सतयुग शासन की स्थापना करने पर तम्बाकू, शराब,अफीम, मांस, मछली पर प्रतिबन्ध लगाने का हुकुमनामा जारी किया गया। यह स्पष्ट रूप से वेदों के आदेश का पालन था। वेद कहते है समाज को पथभ्रष्ट होने से बचाना राजा का कर्त्तव्य है। बंदा बहादुर का हुकुमनामा हिंदी और पंजाबी में […]

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आज का चिंतन

वेदवेत्ता ही महान ईश्वर को जानता: डा. रघुवीर वेदालंकार

[नोट- आज हम डा.रघुवीर वेदालंकार जी का दिनांक 1-8-2018 को देहरादून के गुरुकुल पौंधा में दिया गया व्याख्यान प्रस्तुत कर रहे हैं। यह व्याख्यान ज्ञानवर्धक, प्रेरक एवं कर्तव्य-बोध में सहायक है। हम आशा करते हैं कि हमारे मित्र व पाठक इसे पसन्द करेंगें। -मनमोहन आर्य।] श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, देहरादून के वार्षिकोत्सव में दिनांक 1 […]

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आओ कुछ जाने

उत्तम संतान और गर्भ विज्ञान का रहस्य

डॉ. उमंग जे. पंडया आयुर्वेद को पांचवां वेद माना गया हैं। वेदों के इस नित्य नूतन एवं चिर सनातन विज्ञान में गर्भ संस्कार का काफी महत्व बताया गया है। आचार्य चरक, आचार्य सुश्रुत आदि ऋषि-मुनियों ने इसका वैज्ञानिक प्रतिपादन भी किया है। सभी आचार्यों ने अपनी संहिताओं के शारीरस्थान में इस विषय का विस्तृत वर्णन […]

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इतिहास के पन्नों से

बहुत ही गौरवशाली रहा है प्राचीन भारत में रसायन विज्ञान का इतिहास

ओम प्रभात अग्रवाल भारत में रसायन शास्त्र की अति प्राचीन परंपरा रही है। पुरातन ग्रंथों में धातुओं, अयस्कों, उनकी खदानों, यौगिकों तथा मिश्र धातुओं की अद्भुत जानकारी उपलब्ध है। इन्हीं में रासायनिक क्रियाओं में प्रयुक्त होने वाले सैकड़ों उपकरणों के भी विवरण मिलते हैं। वस्तुत: किसी भी देश में किसी ज्ञान विशेष की परंपरा के […]

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आओ कुछ जाने

अनेकों उतार-चढ़ावों से भरपूर रही है भारत की विज्ञान यात्रा

राणा प्रताप शर्मा आदिकाल से ही हमारे देश में अनेक खोजें होती रहीं हैं। भारतीय गणित के इतिहास का शुभारंभ ऋग्वेद से होता है। आदिकाल (500ई.पू.) भारतीय गणित के इतिहास में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस काल में शून्य तथा ‘दाशमिक स्थानमानÓ पद्धति का आविष्कार गणित के क्षेत्र में भारत की   यह निश्चित रूप से […]

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भारतीय संस्कृति

कितना प्रासंगिक है प्राचीन भारतीय विज्ञान

डॉ. बिशन किशोर (भू.पू. आचार्य, यान्त्रिक इंजीनियरिंग, काशी हिंदी विश्वविद्यालय वाराणसी) विश्वगुरु भारत आज विज्ञान और तकनीकी के लिए विदेशों पर निर्भर है। परतन्त्रता में तो ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास गया जिससे हमारा अपना अस्तित्व पूर्णरूपेण विदेशी ज्ञान पर अवलम्बित हो गया। इसलिए हम समस्त ज्ञान आयात  कर रहे हैं। पहले परतन्त्र थे, अब […]

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