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विविधा

घरेलू गौरैया की घटती आबादी

कल्पना पालखीवाला देखने में सर्वत्र परिचित, सर्वव्यापी एवं कभी ज्यादा संख्या में दिखाई पड़ने वाली घरेलू गौरैया, अब एक रहस्यमय पक्षी बन गई है और पूरे विश्व में तेजी से दुर्लभ होती जा रही है। फुर्तीली और चहलकदमी करने वाली घरेलू गौरैया को हमेशा शरदकालीन एवं शीतकालीन फसलों के दौरान, खेत-खलिहानों में अनेक छोटे-छोटे पक्षियों […]

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अन्य स्वास्थ्य

गूलर के पेड़…

फ़िरदौस ख़ान शहज़ादी को गूलर से बहुत प्यार था. उनके बंगले के पीछे तीन बड़े-बड़े गूलर के पेड़ थे. वे इतने घने थे कि उसकी शाखें दूर-दूर तक फैली थी. स्कूल से आकर वह अपने छोटे भाइयों और अपनी सहेलियों के साथ गूलर के पेड़ के नीचे घंटों खेलती. उसकी दादी उसे डांटते हुए कहतीं, […]

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विविधा

रेडियो से जुड़ी मेरी यादें और विभिन्न उदघोषक (भाग-1)

सुरेश चिपलुनकर “रेडियो” का नाम आते ही एक रोमांटिक सा अहसास मन पर तारी हो जाता है, रेडियो से मेरे जुड़ाव की याद मुझे बहुत दूर यानी बचपन तक ले जाती है। आज भी मुझे अच्छी तरह से याद है कि सन 1975 में जब हमारा परिवार सीधी (मप्र में रीवा/चुरहट से आगे स्थित) में […]

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विविधा

तुम कश्मीर, हम अखंड भारत!!

पाकिस्तान के सेनापति जनरल राहिल शरीफ ने दावा किया है कि पाकिस्तान और कश्मीर को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। कश्मीर का मसला संयुक्तराष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार जनमतसंग्रह द्वारा हल किया जाना चाहिए। कश्मीर तो भारत विभाजन का अधूरा अध्याय है। जनरल शरीफ बेचारे क्या करें? उनकी मजबूरी है। अगर पाकिस्तान का […]

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विविधा

पर्यावरण

शैलेन्द्र चौहान पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टाकहोम (स्वीडन) में सन् 1972 में 05 से 16 जून तक विश्व भर के देशों का पहला अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया। इसे स्टाकहोम कान्फ्रेंस के नाम से […]

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विविधा

कुछ मधुमेह के बारे में – मधुमेह रोगी आम भी खा सकते हैं

कल्पतरु विवेक रस्‍तोगी कल एक पोस्ट लिखी थी रेडियो पर दिये जा रहे भद्दे से कार्यक्रमों के बारे में, दरअसल रेडियो के बारे में लिखने बैठा था कुछ और पर लिख कुछ और ही गया। जब लिखने बैठो तो ऐसा ही होता है, खैर आज बात मैं करूँगा सही मुद्दे की, दो दिन पहले ऑफिस […]

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विविधा

देश की राजनीति का डिब्बा नहीं ईंजन रहा है बिहार

ब्रजकिशोर सिंह मित्रों,आप बिहार को गरीब कहकर हँसी भले हीं उड़ा लें लेकिन इस बात से आप इंकार नहीं कर सकते कि बिहार के लोगों में जो राजनैतिक विवेक है वो कई पढ़े-लिखे और समृद्ध कहलानेवाले राज्यों के मतदाताओं में भी नहीं है। यही कारण है कि चाहे छठी सदी ईसा पूर्व के बौद्ध और […]

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विविधा

मैगी सिंवैया: भेड़चाल बंद करें

नेसले कंपनी के ‘मैगी’ नामक खाद्य पदार्थ (नूडल्स) पर हमारे कई राज्यों ने प्रतिबंध लगा दिया है। अन्य राज्य भी नेसले कंपनी के खाद्य पदार्थों की जांच करवा रहे हैं। एक सज्जन ने नेसले कंपनी पर तो मुकदमा चला ही दिया है। उन बेचारे फिल्मी सितारों को भी फंसा लिया है, जो ‘मैगी’ वगैरह के […]

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विविधा

प्रधानमंत्री का इजराइल जाना

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की इस घोषणा का स्वागत किया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल जाएंगे। वैसे मुख्यमंत्री के तौर पर वे पहले भी इजराइल जा चुके हैं लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि 1948 से लेकर अब तक वे पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो इजराइल जाने का साहस दिखाएंगे। मैंने साहस शब्द […]

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राजनीति

फिर दुर्गति की ओर तीसरा मोर्चा

सुरेश हिन्दुस्थानी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के वशीभूत होकर बनाए जाने वाले तीसरे मोर्चे की उम्मीदें एक बार फिर से चकनाचूर होने की दिशा में अपने कदम बढ़ा चुकी हैं। राजनीतिक आंकलनकर्ताओं को इस बात का पूर्व भी कुछ कुछ अंदाजा था कि तीसरा मोर्चा इस बार भी आकार लेने से पहले ही बिखर जाएगा, और वर्तमान […]

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